कन्नौज: जिले में कोरोना खतरे को देखते हुए अब एम्बुलेंसकर्मियों ने भी अपनी हार मान ली है और अपने को सुरक्षित न देख उनका गुस्सा फूट पड़ा. एम्बुलेंसकर्मियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि दूसरों को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने वाले एम्बुलेंसकर्मियों को खुद सुरक्षित नहीं किया गया है. एम्बुलेंसकर्मियों को न तो उनको सैनेटाइज ही दिए गए है और न ही मास्क. ऐसे में उनकी सुरक्षा को देखने वाला कोई नही है. जिसकी बजह से वह काम बंद कर अपने-अपने घरों को जाने को मजबूर हैं.
![कोरोना वायरस के भय से एम्बुलेंस कर्मियों ने प्रदर्शन कर काम किया बंद.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-kan-03-ambulance-workers-stopped-work-demonstrating-visual-byte-2-7203265_31032020164149_3103f_1585653109_751.png)
कन्नौज के छिबरामऊ के 100 शैय्या अस्पताल में उस समय हड़कम्प मच गया. जब अचानक एम्बलेंसकर्मियों ने हड़ताल करने का फैसला कर लिया. काम बंद कर सभी एम्बुलेंसकर्मी अपना-अपना बैग लेकर घर को जाने लगे. इस दौरान जब एम्बुलेंसकर्मियों ने बात की तो उनका कहना है कि वह लोग तीन महीने से बिना वेतन के काम कर रहे है और इसके अलावा न तो उनको बीमा की सुविधा दी जा रही है और न ही सुरक्षा की.
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कोरोना जैसी महामारी में भी वह काम कर रहे है और ऐसी घातक बीमारी से ग्रसित लोगों को लाने व ले जाने का काम कर रहे है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया है. एम्बुलेंस में ऐसी कोई सुविधा नहीं है. जिससे उनकी सुरक्षा हो सके. अभी तक न तो उनको सैनेटाइजर ही दिया गया और न ही मास्क तो वह कोरोना से कैसे बचाव कर सके. उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांग पूरी नहीं करती है. वह काम बंद रखेंगे.