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कन्नौज: मंदबुद्धि बालक से कुकर्म के मामले में 10 साल की सजा

यूपी के कन्नौज में मन्दबुद्धि बालक से कुकर्म के मामले में न्यायालय ने आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है. सश्रम काराबास के साथ-साथ 26 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है.

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मंदबुद्धि बच्चे से अप्राकृतिक कुकर्म मामले में सुनाई गई सजा
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Published : Dec 10, 2019, 6:40 PM IST

कन्नौज: जिले में मन्दबुद्धि बालक से कुकर्म के मामले में न्यायालय ने आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है. सश्रम काराबास के साथ-साथ 26 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है. वहीं, अर्थदण्ड के 13 हजार रुपए पीड़ित को दिए जाने की बात कही है. अभियुक्त को सजा के एलान के बाद जेल भेज दिया गया है.

मंदबुद्धि बच्चे से कुकर्म मामले में सुनाई गई सजा.

जानिए पूरा मामला
पूरा मामला कन्नौज के इन्दरगढ़ थाना क्षेत्र का है. यहां दो साल पहले 10 सितम्बर 2017 को स्कूल से घर वापस आते समय आरोपी राकेश यादव ने मंदबुद्धि बालक को अपने घर में बहाने से बुलाकर उसको बंधक बना लिया और फिर उसके साथ कुकर्म की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद बालक के परिजनों ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की.

पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया, लेकिन इस दौरान आरोपी पुलिस को चकमा देकर न्यायालय से फरार हो गया. न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को पुनः आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने के निर्देश दिए. पुलिस ने आरोपी के घर पर दबिश देना शुरू कर दिया. पुलिस की कार्रवाई से भयभीत होकर आरोपी ने खुद को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया. इसके बाद न्यायालय ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ सजा का एलान किया है.

यह भी पढ़ें: उज्ज्वला गैस कनेक्शन के मामले में सीतापुर अव्वल, 5 लाख से ज्यादा लोग हुए लाभान्वित

मामले में अभियुक्त को पहले से ही दोष सिद्ध किया गया था. सजा के बिन्दु पर सुनवाई होनी थी. अभियुक्त ने इसी माह की 7 तारीख को न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. मंगलवार को न्यायालय ने धारा 377 में दस वर्ष की कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया है. इसके साथ ही 506 आईपीसी में इसको दो वर्ष सश्रम काराबास से दण्डित किया गया है और 4 पाक्सो एक्ट में इसको 7 वर्ष के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया है. इसमें कुल 26 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी अधिरोपित किया गया है. इसमें 13 हजार रुपए पीड़ित को दिए जाने का आदेश किया गया है.
-तरूण चन्द्रा, शासकीय अधिवक्ता

कन्नौज: जिले में मन्दबुद्धि बालक से कुकर्म के मामले में न्यायालय ने आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई है. सश्रम काराबास के साथ-साथ 26 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है. वहीं, अर्थदण्ड के 13 हजार रुपए पीड़ित को दिए जाने की बात कही है. अभियुक्त को सजा के एलान के बाद जेल भेज दिया गया है.

मंदबुद्धि बच्चे से कुकर्म मामले में सुनाई गई सजा.

जानिए पूरा मामला
पूरा मामला कन्नौज के इन्दरगढ़ थाना क्षेत्र का है. यहां दो साल पहले 10 सितम्बर 2017 को स्कूल से घर वापस आते समय आरोपी राकेश यादव ने मंदबुद्धि बालक को अपने घर में बहाने से बुलाकर उसको बंधक बना लिया और फिर उसके साथ कुकर्म की घटना को अंजाम दिया था. इसके बाद बालक के परिजनों ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की.

पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया, लेकिन इस दौरान आरोपी पुलिस को चकमा देकर न्यायालय से फरार हो गया. न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को पुनः आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किए जाने के निर्देश दिए. पुलिस ने आरोपी के घर पर दबिश देना शुरू कर दिया. पुलिस की कार्रवाई से भयभीत होकर आरोपी ने खुद को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया. इसके बाद न्यायालय ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ सजा का एलान किया है.

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मामले में अभियुक्त को पहले से ही दोष सिद्ध किया गया था. सजा के बिन्दु पर सुनवाई होनी थी. अभियुक्त ने इसी माह की 7 तारीख को न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था. मंगलवार को न्यायालय ने धारा 377 में दस वर्ष की कठोर कारावास की सजा से दण्डित किया है. इसके साथ ही 506 आईपीसी में इसको दो वर्ष सश्रम काराबास से दण्डित किया गया है और 4 पाक्सो एक्ट में इसको 7 वर्ष के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया है. इसमें कुल 26 हजार रुपए का अर्थदण्ड भी अधिरोपित किया गया है. इसमें 13 हजार रुपए पीड़ित को दिए जाने का आदेश किया गया है.
-तरूण चन्द्रा, शासकीय अधिवक्ता

Intro:कन्नौज : मन्दबुद्धि बालक से अप्राकृतिक कुकर्म के मामले में 10 साल की सश्रम की मिली सजा
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यूपी के कन्नौज में मन्दबुद्धि बालक से अप्राकृतिक कुकर्म के मामले में एक आरोपी को न्यायालय ने 10 साल की सजा सुनाई है। जिसमें सश्रम काराबास के साथ-साथ 26 हजार रूपये का अर्थदण्ड भी न्यायालय के समक्ष जमा किये जाने की सजा भी है। अभियुक्त की सजा का एलान होने के बाद उसको जेल भेज दिया गया है। तो वहीं न्यायालय ने अर्थदण्ड की धनराशि में से 13 हजार रूपये पीड़ित को दिये जाने की बात कही है।

Body:पूरा मामला कन्नौज के इन्दरगढ़ थाना क्षेत्र का है जहाॅ दिनांक दो साल पहले 10 सितम्बर 2017 को स्कूल से घर वापस आते समय आरोपी राकेश यादव ने मंदबुद्धि बालक को अपने घर में बहाने से बुलाकर उसको बंधक बना लिया और फिर उसके साथ अप्राकृतिक कुकर्म की घटना को अंजाम दिया था। जिसके बाद बालक के परिजनों द्वारा आरोपी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कर कार्यवाही की मांग की गयी। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था, लेकिन इस दौरान आरोपी राकेश यादव पुलिस को चकमा देकर न्यायालय से फरार हो गया। जिसके बाद न्यायालय ने पुलिस अधीक्षक को पुनः आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किये जाने के निर्देश दिये गये, जिसपर पुलिस ने आरोपी के घर पर दबिश देना शुरू कर दिया। पुलिस की कार्यवाही से भयभीत होकर आरोपी राकेश यादव ने खुद को न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया। जिसके बाद न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ सजा का एलान किया। जिसमें अभियुक्त राकेश यादव को अर्थदण्ड के साथ-साथ दस वर्ष की सश्रम काराबास की सजा सुनाई गयी।

Conclusion:इस मामले की जानकारी देते हुए जिला एवं सत्र न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता तरूण चन्द्रा ने बताया कि यह जनपद के इन्दरगढ़ थाने का मामला है। यहाॅ एक घटना घटी थी दिनांक 10.09.2017 को जहाॅ एक मंदबुद्धि बालक के साथ यह जो अभियुक्त आरोपी है राकेश यादव इसने अपने घर में उसको बंद करके बहाने से बुलाकर घर में बंद करके उसके साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले में दिनांक 13.11.2019 को इस अभियुक्त को दोष सिद्ध किया गया था। इसको सजा के बिन्दु पर सुना जाना था, यह न्यायालय हाजिर नही आया था और तब से बराबर फरार चल रहा था। जिसमें न्यायालय द्वारा इसके खिलाफ वारण्ट जारी किये गये थे और इसमें जिले के पुलिस कप्तान को न्यायालय के माध्यम से सूचित किया गया था कि उसको गिरफ्तार कर तत्काल न्यायालय के समक्ष पेश करें। जिसके बाद इस अभियुक्त ने इसी माह की 7 तारीख को न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था उस दिन इसको जेल भेज दिया गया था, आज इसको सजा के बिन्दु पर सुना गया है और इसको धारा 377 में दस वर्ष की कठोर काराबास की सजा से दण्डित किया गया है। इसके साथ ही 506 आईपीसी में इसको दो वर्ष सश्रम काराबास से दण्डित किया गया है और 4 पाक्सो एक्ट में इसको 7 वर्ष के सश्रम काराबास से दण्डित किया गया है। इसमें कुल 26 हजार रूपये का अर्थदण्ड भी अधिरोपित किया गया है जिसमें 13 हजार रूपये पीड़ित को दिये जाने का आदेश किया गया है।

बाइट - तरूण चन्द्रा - शासकीय अधिवक्ता- जिला एवं सत्र न्यायालय कन्नौज
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कन्नौज से पंकज श्रीवास्तव
09415168969
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