झांसी: मऊरानीपुर तहसील के इटायल गांव में रविवार को गोवंश की मौत पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. हंगामे की सूचना पर स्थानीय एसडीएम मौके पर पहुंचे और गोशाला की व्यवस्था को बेहतर करने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही गोशाला में बीमार गोवंशों का इलाज कराने का भी आश्वासन दिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम इटायल की यह गोशाला सिर्फ दो महीने से संचालित है, जबकि कागजों में इसे लगातार संचालित दिखाया जा रहा है. ठंड और पानी की कमी से लगातार गोवंश दम तोड़ रहे हैं और शवों की बेकदरी हो रही है. अफसरों से मामले की शिकायत की गई, लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ.
गोवंश की मौत की जानकारी पर किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार ने बताया कि यहां गोवंश कई दिनों से बीमार थी और आज उसकी मौत हो गई. गांव के लोगों ने बताया कि ठंड से बचाव की व्यवस्था न होने और खानपान की व्यवस्था न होने के कारण यहां गोवंश की लगातार मौत हो रही है. प्रदेश सरकार गोवंशों के लिए चारा, पानी और ठंड से बचाव की व्यवस्था के दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
गोशाला में हुई गोवंश की मौत, ग्रामीणों ने अव्यवस्थाओं का लगाया आरोप
झांसी में रविवार को गोवंश की मौत पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इटायल की गोशाला में ठंड और पानी की कमी से लगातार गोवंश दम तोड़ रहे हैं और शवों की बेकदरी हो रही है.
झांसी: मऊरानीपुर तहसील के इटायल गांव में रविवार को गोवंश की मौत पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. हंगामे की सूचना पर स्थानीय एसडीएम मौके पर पहुंचे और गोशाला की व्यवस्था को बेहतर करने का आश्वासन दिया. इसके साथ ही गोशाला में बीमार गोवंशों का इलाज कराने का भी आश्वासन दिया. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम इटायल की यह गोशाला सिर्फ दो महीने से संचालित है, जबकि कागजों में इसे लगातार संचालित दिखाया जा रहा है. ठंड और पानी की कमी से लगातार गोवंश दम तोड़ रहे हैं और शवों की बेकदरी हो रही है. अफसरों से मामले की शिकायत की गई, लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ.
गोवंश की मौत की जानकारी पर किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिव नारायण सिंह परिहार ने बताया कि यहां गोवंश कई दिनों से बीमार थी और आज उसकी मौत हो गई. गांव के लोगों ने बताया कि ठंड से बचाव की व्यवस्था न होने और खानपान की व्यवस्था न होने के कारण यहां गोवंश की लगातार मौत हो रही है. प्रदेश सरकार गोवंशों के लिए चारा, पानी और ठंड से बचाव की व्यवस्था के दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.