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राज्यपाल की जमीन पर कब्जा करने का मामला: पीड़ित ने जिलाधिकारी से की निष्पक्ष जांच की मांग - Jhansi hindi news

यूपी के झांसी जिले में एक युवक पर राज्यपाल की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा था. इस मामले में आज युवक ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर कहा कि मामले की निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए. उस पर लगा आरोप गलत है और यह सपा नेताओं की साजिश है.

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शरीफ अहमद
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Published : Jun 27, 2022, 6:39 PM IST

झांसीः सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले शरीफ अहमद ने सोमवार को जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र दिया है. प्रार्थना पत्र के जरिए उन्होंने बताया है कि उन्हें रंजिशन झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश की जा रही है.

प्रार्थना पत्र के माध्यम से शरीफ अहमद ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि कुछ दिन पहले सपा नेता उमाशंकर यादव, हरीश हसानी, मुकेश अग्रवाल और नीरज अग्रवाल ने एक प्रार्थना पत्र दिया था. इन सभी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने राज्यपाल की जमीन को कब्जा कर लिया है. इसके बाद कई चैनलों पर इस खबर को चलाया भी गया था.

शरीफ अहमद

शरीफ अहमद का कहना है कि सपा नेताओं ने उससे 10 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की. वहीं, जब उसने उनकी मांग मानने से मना कर दिया, तब सपा नेताओं ने राज्यपाल की जमीन पर कब्जा करने का झूठा आरोप लगाकर उसे फंसा दिया.

पढ़ेंः झांसी में राज्यपाल की जमीन पर कब्जा!

शरीफ अहमद ने बताया कि उनकी जमीन राज्यपाल की जमीन से लगभग 150 फुट की दूरी पर है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस पूरे घटनाक्रम की पूर्णतया निष्पक्ष जांच कर लेनी चाहिए. अगर मैं दोषी पाया जाऊं तो मेरे खिलाफ कार्रवाई की जाए, नहीं तो जिन लोगों ने मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है और मेरे खिलाफ झूठा प्रार्थना पत्र दिया है, उन सभी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

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झांसीः सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाले शरीफ अहमद ने सोमवार को जिलाधिकारी को एक प्रार्थना पत्र दिया है. प्रार्थना पत्र के जरिए उन्होंने बताया है कि उन्हें रंजिशन झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश की जा रही है.

प्रार्थना पत्र के माध्यम से शरीफ अहमद ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि कुछ दिन पहले सपा नेता उमाशंकर यादव, हरीश हसानी, मुकेश अग्रवाल और नीरज अग्रवाल ने एक प्रार्थना पत्र दिया था. इन सभी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने राज्यपाल की जमीन को कब्जा कर लिया है. इसके बाद कई चैनलों पर इस खबर को चलाया भी गया था.

शरीफ अहमद

शरीफ अहमद का कहना है कि सपा नेताओं ने उससे 10 लाख रुपये की रंगदारी की मांग की. वहीं, जब उसने उनकी मांग मानने से मना कर दिया, तब सपा नेताओं ने राज्यपाल की जमीन पर कब्जा करने का झूठा आरोप लगाकर उसे फंसा दिया.

पढ़ेंः झांसी में राज्यपाल की जमीन पर कब्जा!

शरीफ अहमद ने बताया कि उनकी जमीन राज्यपाल की जमीन से लगभग 150 फुट की दूरी पर है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस पूरे घटनाक्रम की पूर्णतया निष्पक्ष जांच कर लेनी चाहिए. अगर मैं दोषी पाया जाऊं तो मेरे खिलाफ कार्रवाई की जाए, नहीं तो जिन लोगों ने मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है और मेरे खिलाफ झूठा प्रार्थना पत्र दिया है, उन सभी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

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