झांसी: कोविड के कहर के बाद अब ब्लैक फंगस लोगों के लिए बेहद जानलेवा साबित हो रहा है. झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में भर्ती ब्लैक फंगस की चपेट में आये दो मरीजों की शुक्रवार को मौत हो गई. इन दोनों मरीजों में चार दिन पहले हुई जांच में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई थी और इनका इलाज चल रहा था.
पांच मरीजों में हुई थी फंगस की पुष्टि
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को एमआरआई जांच में कुल पांच मरीजों में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई थी. इनमें से दो मरीजों का महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था. इलाज के दौरान दोनों मरीजों की स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई और आखिर में दोनों की मौत हो गई.
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संक्रमण बढ़ने से मरीजों की हुई मौत
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के ईएनटी के विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार यादव के मुताबिक, जिन दो मरीजो का इलाज चल रहा था, वे शारीरिक रूप से बहुत कमजोर थे. दोनों मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर थी. इससे संक्रमण बढ़ता चला गया और दोनों की मौत हो गई.
कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए यह बीमारी घातक
महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने बताया कि ब्लैक फंगस पूरे वातावरण में है. कमजोर इम्युनिटी वाले लोग, लंबे समय से स्टेरॉयड ले रहे लोग, डायबिटीज के मरीज, अनियंत्रित सुगर वाले मरीजों में ये फंगस प्रकट होकर लक्षण पैदा करने लगती है. पहले चेहरे पर आती है, फिर आंख में जाती है और पेट को भी नुकसान पहुंचा सकती है.
ब्लैक फंगस मरने वालों की इम्युनिटी थी बहुत कमजोर
डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने बताया कि फंगस आदमी के दिमाग में घुस जाती है तो पैरालिसिस हो सकता है, मुंह टेढ़ा हो सकता है. उन्होंने कहा कि समय रहते इलाज नहीं हुआ तो मरीज की मृत्यु तक हो जाती है. इस बीमारी का शक होते ही दवा चालू कर देना चाहिए. मेडिकल कॉलेज में इसका इलाज शुरू कर दिया गया है. झांसी में जिन दो लोगों की मौत हुई है, वे कोविड अस्पताल में भर्ती थे. काफी कमजोर थे. इम्युनिटी काफी कम थी. इनमें कोविड के साथ यह फंगस भी ग्रो कर गई और इम्युनिटी कमजोर होने के कारण फंगस इतनी तेजी से ग्रो हुई कि जब तक दवा असर करती, मरीज की मौत हो गई.