उन्नावः पुलवामा अटैक की दूसरी बरसी पर आज पूरा देश शहीद जवानों को नमन कर रहा है. इस हमले में उन्नाव के लाल अजीत कुमार आजाद भी शहीद हो गए थे. आज उनके परिवार वालों के साथ उन्नाव की जनता ने नम आंखों से अजीत को याद किया. अजीत की याद में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए.
क्षेत्रीय लोगों ने दी श्रद्धांजलि
उन्नाव के मोहल्ला लोकनगर निवासी प्यारेलाल के बेटे अजीत कुमार आजाद 14 फरवरी 2019 को हुए पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. शहादत के दो साल बाद भी शहीद के घर का माहौल गमगीन है. पत्नी मीना गौतम आज भी सिसकती रहीं. पिता प्यारेलाल भले ही बेटे की शहादत पर गर्व महसूस कर रहे हों, लेकिन बातचीत में वह भी आंसुओ को रोक नहीं सके. भाई संजीत ने कहा कि उम्र होती तो सेना में शामिल होकर भाई की शहादत का बदला लेता और देश के लिए कुछ कर पाता. रविवार को शहीद के स्मारक स्थल पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा.
मोहल्ले का नाम बदलने की मांग
शहीद अजीत के भाई संजीत कुमार ने कहा भाई की कमी हर कदम पर खलती है, हम लोग कोई भी त्यौहार नहीं मनाते हैं. भाई के शहादत पर गर्व है, देश के युवाओं से अपील है कि वे देशभक्ति से कभी विमुख न हों. देश के लिए हमेशा कुछ कर गुजरने का जज्बा होना चाहिए. संजीत ने शहादत पर सवाल खड़ा करने वालों से कहा कि जब कुछ कर नहीं सकते तो सेना के जवानों पर सवाल न खड़ा करें, बल्कि गर्व करें. शहीद के भाई ने कहा कि शासन-प्रशाशन की तरफ से सभी वादे पूरे किए गए हैं. बस स्मारक सौंदर्यीकरण हो जाए और लोक नगर मोहल्ले का नामकरण शहीद अजीत कुमार आजाद के नाम हो जाए.
सुरक्षा पर सवाल
शहीद अजीत कुमार आजाद के पिता ने कहा बेटे की शहादत पर गर्व है. हर किसी को तिरंगे में लिपटना नसीब नहीं होता. कहा कि सरकार ने जो वादे किए थे अभी पूरे नहीं किए हैं. शहीद के नाम पर सड़क और गेट का निर्माण जल्द होना चाहिए. उन्होंने देश के जवानों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा किए.
सरकार को करने चाहिए इंतजाम
शहीद की पत्नी ने रुंधे हुए गले से कहा कि शासन ने सारे वादे पूरे किए हैं. अभी जमीन का आवंटन नहीं हो सका है. मुझे नौकरी भी मिल गई है. कहा कि बच्चे अनाथ हो गए हैं, जीवन में संघर्ष चल रहा है. शहीद की पत्नी ने कहा सरकार को सेना के सुरक्षा का इंतजाम करना चाहिए, जिससे कोई भी बच्चा अनाथ न हो किसी का भाई न जाए किसी का पति न जाए. शहीद अजीत की दो बेटी ईशा और श्रेया हैं.