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झांसी: बुन्देलखण्ड में पर्यटन और फिल्म शूटिंग की संभावनाओं पर चर्चा

उत्तर प्रदेश के झांसी में विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस सेमिनार में बुन्देलखण्ड में पर्यटन और फिल्मों की शूटिंग को लेकर संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई.

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विश्व पर्यटन दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन.
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Published : Sep 27, 2020, 7:36 PM IST

झांसी: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर रविवार को झांसी में एक संगोष्ठी का आयोजन किया. इस सेमिनार में बुन्देलखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने और फिल्म की शूटिंग के लिए निर्माताओं को आकर्षित के मुद्दे पर चर्चा की गई. इसके साथ ही बुन्देलखण्ड के प्राचीन इतिहास और विभिन्न परम्पराओं के बारे में भी वक्ताओं ने अपने विचार रखे. सेमिनार को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यमंत्री डॉ. हरगोविन्द कुशवाहा ने कहा कि, बुन्देलखण्ड के इतिहास को पुनर्जागृत करके इस इलाके में पर्यटन बढ़ाने पर जोर दिया जाए. जिससे यहां के प्राचीन रीति रिवाजों से पूरी दुनिया परिचित हो सके.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह कार्यवाह अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि बुन्देलखण्ड का विकास उत्तर प्रदेश सरकार के एजेंडे में है और आने वाले समय मे प्रदेश में फिल्म सिटी का निर्माण होने से पर्यटन का विकास होगा. पुरातत्व अधिकारी डॉ एस.के. दुबे ने कहा कि बुन्देलखण्ड प्राकृतिक संपदाओं का भंडार है जो यहां के पर्यटन को बढ़ावा दे सकता है.

इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नीति शास्त्री ने बुंदेली लोक परंपराओं को पर्यटन से जोड़ने की बात कही. वहीं, फिल्म अभिनेता आरिफ शहडोली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी का निर्माण होने से बुन्देलखण्ड के प्राकृतिक सौन्दर्य झील, झरने, नदी, बांध, वन, हरे-भरे जंगल, प्राचीन महल, ऐतिहासिक किले, पुरातात्विक स्मारक, पहाड़, पिकनिक स्पॉट आदि का उपयोग आउटडोर शूटिंग के लिए किया जा सकेगा. इससे निश्चित ही पर्यटन उद्योग का विकास होगा. बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की कला संकाय की पूर्व समन्वयक डॉ श्वेता पांडे ने बुंदेली कला और संस्कृति के विविध पक्षों को पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण बताया. पर्यटन विशेषज्ञ प्रदीप तिवारी ने कहा कि बुन्देलखण्ड में पर्यटन के विविध आयाम हैं, जिनको विकसित करने की आवश्यकता है.

सेमिनार में शामिल सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए उप निदेशक पर्यटन आर के रावत ने बताया कि झांसी परिक्षेत्र के पर्यटन विकास के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गये हैं. वित्तीय स्वीकृति मिलते विकास कार्य शुरू हो जाएंगे. बीएचईएल से डाॅ. संतोष मिश्रा, शिक्षाविद डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव, राहुल मिश्रा ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए. मदन मोहन रायकवार, राजेन्द्र सिंह, एन पी सिंह, के एम पांडेय, धर्मेन्द्र गोस्वामी, मुकेश कुमार भी इस दौरान मौजूद रहे. डॉ. चित्रगुप्त ने संगोष्ठी का संचालन करते हुए झांसी जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों के इतिहास एवं पर्यटन स्थलों पर प्रकाश डाला.

झांसी: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर रविवार को झांसी में एक संगोष्ठी का आयोजन किया. इस सेमिनार में बुन्देलखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने और फिल्म की शूटिंग के लिए निर्माताओं को आकर्षित के मुद्दे पर चर्चा की गई. इसके साथ ही बुन्देलखण्ड के प्राचीन इतिहास और विभिन्न परम्पराओं के बारे में भी वक्ताओं ने अपने विचार रखे. सेमिनार को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यमंत्री डॉ. हरगोविन्द कुशवाहा ने कहा कि, बुन्देलखण्ड के इतिहास को पुनर्जागृत करके इस इलाके में पर्यटन बढ़ाने पर जोर दिया जाए. जिससे यहां के प्राचीन रीति रिवाजों से पूरी दुनिया परिचित हो सके.

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह कार्यवाह अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि बुन्देलखण्ड का विकास उत्तर प्रदेश सरकार के एजेंडे में है और आने वाले समय मे प्रदेश में फिल्म सिटी का निर्माण होने से पर्यटन का विकास होगा. पुरातत्व अधिकारी डॉ एस.के. दुबे ने कहा कि बुन्देलखण्ड प्राकृतिक संपदाओं का भंडार है जो यहां के पर्यटन को बढ़ावा दे सकता है.

इसके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नीति शास्त्री ने बुंदेली लोक परंपराओं को पर्यटन से जोड़ने की बात कही. वहीं, फिल्म अभिनेता आरिफ शहडोली ने कहा कि उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी का निर्माण होने से बुन्देलखण्ड के प्राकृतिक सौन्दर्य झील, झरने, नदी, बांध, वन, हरे-भरे जंगल, प्राचीन महल, ऐतिहासिक किले, पुरातात्विक स्मारक, पहाड़, पिकनिक स्पॉट आदि का उपयोग आउटडोर शूटिंग के लिए किया जा सकेगा. इससे निश्चित ही पर्यटन उद्योग का विकास होगा. बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय की कला संकाय की पूर्व समन्वयक डॉ श्वेता पांडे ने बुंदेली कला और संस्कृति के विविध पक्षों को पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण बताया. पर्यटन विशेषज्ञ प्रदीप तिवारी ने कहा कि बुन्देलखण्ड में पर्यटन के विविध आयाम हैं, जिनको विकसित करने की आवश्यकता है.

सेमिनार में शामिल सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए उप निदेशक पर्यटन आर के रावत ने बताया कि झांसी परिक्षेत्र के पर्यटन विकास के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गये हैं. वित्तीय स्वीकृति मिलते विकास कार्य शुरू हो जाएंगे. बीएचईएल से डाॅ. संतोष मिश्रा, शिक्षाविद डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव, राहुल मिश्रा ने भी कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त किए. मदन मोहन रायकवार, राजेन्द्र सिंह, एन पी सिंह, के एम पांडेय, धर्मेन्द्र गोस्वामी, मुकेश कुमार भी इस दौरान मौजूद रहे. डॉ. चित्रगुप्त ने संगोष्ठी का संचालन करते हुए झांसी जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों के इतिहास एवं पर्यटन स्थलों पर प्रकाश डाला.

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