ETV Bharat / state

आपदा में मनरेगा हुआ भ्रष्ट, अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की तैयारी - बामौर ब्लॉक

उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में कोरोना काल की आपदा के दौरान जनपद में मनरेगा में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. यहां बामौर ब्लॉक में बकरी पालन के लिए स्वीकृत आश्रय स्थलों का निर्माण किए बिना ही धनराशि का भुगतान कर दिया गया. मामले में संबंधित अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

jhansi news
झांसी के बामौर ब्लॉक में मनरेगा में भ्रष्टाचार.
author img

By

Published : Dec 27, 2020, 2:33 PM IST

झांसी: कोरोना काल की आपदा के दौरान जनपद में मनरेगा में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. प्रशासन की जांच में बामौर ब्लॉक में मनरेगा के कामों में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई है. सीडीओ के आदेश पर हुई जांच में सामने आया कि व्यक्तिगत लाभार्थी योजना के तहत पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराये बिना ही धनराशि का भुगतान हो गया. अब दोषी अफसरों और कर्मचारियों को चिह्नित कर उनसे रिकवरी और विभागीय कार्रवाई की तैयारी चल रही है.

कागज पर बन रहे आश्रय स्थल
मनरेगा के तहत व्यक्तिगत लाभार्थी योजना के माध्यम से बकरी पालन के लिए बकरी आश्रय स्थल बनवाये जाते हैं. जनपद में इस योजना पर प्रति लाभार्थी 65 हजार से 1.10 लाख रुपये तक खर्च किए गए. जांच में यह सामने आया है कि बामौर ब्लॉक में आधे से अधिक लाभार्थियों के यहां आश्रय स्थल बने ही नहीं और रुपये का भुगतान हो गया. ऐसे आश्रय स्थलों को कागजों पर बना हुआ दिखा दिया गया है.

विभागीय कार्रवाई और रिकवरी की तैयारी
मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार ने बताया कि बामौर ब्लॉक में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थीं. कुछ जगह औचक निरीक्षण में सामने आया कि व्यक्तिगत लाभार्थी योजना के तहत पशु आश्रय स्थल बनाए जाने के काम की प्रगति संतोषजनक नहीं है. इसके बाद सात टीमें बनाकर इस तरह के सभी कामों का निरीक्षण कराया गया. प्रारंभिक तौर पर कुछ गांव में कमियां प्रतीत हो रही हैं. सम्बंधित लोगों की जिम्मेदारी तय की जा रही है. जिम्मेदारी निर्धारित कर आवश्यक पड़ने पर वसूली और विभागीय कार्रवाई की जाएगी. बाकी बचे कामों को पूरा कराया जाएगा.

झांसी: कोरोना काल की आपदा के दौरान जनपद में मनरेगा में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. प्रशासन की जांच में बामौर ब्लॉक में मनरेगा के कामों में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई है. सीडीओ के आदेश पर हुई जांच में सामने आया कि व्यक्तिगत लाभार्थी योजना के तहत पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराये बिना ही धनराशि का भुगतान हो गया. अब दोषी अफसरों और कर्मचारियों को चिह्नित कर उनसे रिकवरी और विभागीय कार्रवाई की तैयारी चल रही है.

कागज पर बन रहे आश्रय स्थल
मनरेगा के तहत व्यक्तिगत लाभार्थी योजना के माध्यम से बकरी पालन के लिए बकरी आश्रय स्थल बनवाये जाते हैं. जनपद में इस योजना पर प्रति लाभार्थी 65 हजार से 1.10 लाख रुपये तक खर्च किए गए. जांच में यह सामने आया है कि बामौर ब्लॉक में आधे से अधिक लाभार्थियों के यहां आश्रय स्थल बने ही नहीं और रुपये का भुगतान हो गया. ऐसे आश्रय स्थलों को कागजों पर बना हुआ दिखा दिया गया है.

विभागीय कार्रवाई और रिकवरी की तैयारी
मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार ने बताया कि बामौर ब्लॉक में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई थीं. कुछ जगह औचक निरीक्षण में सामने आया कि व्यक्तिगत लाभार्थी योजना के तहत पशु आश्रय स्थल बनाए जाने के काम की प्रगति संतोषजनक नहीं है. इसके बाद सात टीमें बनाकर इस तरह के सभी कामों का निरीक्षण कराया गया. प्रारंभिक तौर पर कुछ गांव में कमियां प्रतीत हो रही हैं. सम्बंधित लोगों की जिम्मेदारी तय की जा रही है. जिम्मेदारी निर्धारित कर आवश्यक पड़ने पर वसूली और विभागीय कार्रवाई की जाएगी. बाकी बचे कामों को पूरा कराया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.