झांसी: दिवंगत समथर महाराज के देहांत के बाद उनकी पत्नी देविका राजे लक्ष्मी की शनिवार देर शाम अचानक तबीयत बिगड़ गई. आनन-फानन में उनको मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. शनिवार दोपहर में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया समथर अपने दिवंगत समधी के शोक में पहुंची थीं. इसके बाद वसुंधरा राजे समथर से ग्वालियर के लिए रवाना हो गई थीं. अचानक उनको रात में उनकी समधन की तबीयत खराब होने की सूचना मिली तो वह टेकनपुर से वापस लौटकर सीधी झांसी के मेडिकल कॉलेज पहुंचकर काफी समय तक अपनी समधन के साथ रहीं. उन्होंने उनका हाल जाना. मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर आरएस सेंगर के अनुसार देविका राजे लक्ष्मी की अभी स्थिति सामान्य है.
गौरतलब है कि बुधवार सुबह होली के दिन समथर महाराज रणजीत सिंह जूदेव का निधन हो गया था. इससे पूरे क्षेत्र के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई थी. वहीं, नगर एवं आसपास के ग्रामों में होली का त्योहार भी नहीं मनाया गया था. इसके बाद लगातार राजनीति से जुड़े और महाराजा समथर से जुड़े लोगों का समथर पहुंचना जारी था. इसी दौरान शनिवार दोपहर राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया भी अपने समधी के देहांत पर समथर पहुंची थीं. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अपने परिवार का एक दमदार सदस्य खो दिया है. इससे वे बहुत दुखी हैं. इसके बाद वे शाम को समथर से ग्वालियर के लिए रवाना हो गई थीं.
कुछ समय बाद उनको सूचना मिली कि उनकी समधन देविका राजे लक्ष्मी की तबीयत बिगड़ गई है. यह सूचना मिलते ही उन्होंने अपने काफिले को टेकनपुर से झांसी के लिए वापस लौटाया. वह वहां से सीधी झांसी मेडिकल कॉलेज पहुंचीं, जहां पर उनकी समधन देविका राजे लक्ष्मी को भर्ती कराया गया था. इसके बाद वसुंधरा राजे सिंधिया करीब 2 से 3 घंटे मेडिकल कॉलेज में अपनी समधन के साथ रहीं और बराबर डॉक्टर से उनकी तबीयत का हाल-चाल जानती रहीं. इस दौरान उनके साथ उनके बेटे और राजा समथर के दामाद दुष्यंत सिंह भी मौजूद रहे. इसके अलावा वसुंधरा राजे के साथ उनके बेहद करीबी राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री यूनुस खान, जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, विधायक राजपाल सिंह शेखावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी और करौली धौलपुर सांसद मनोज राजौरिया, झांसी ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य भी मौजूद रहे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कांग्रेस पार्टी से भी महाराजा समथर के देहांत पर शोक व्यक्त करने के लिए प्रियंका गांधी या फिर राहुल गांधी के आने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. क्योंकि, दिवंगत महाराजा समथर का गांधी परिवार से काफी गहरा रिश्ता रहा है. एक समय में वह इंदिरा गांधी के बेहद करीब हुआ करते थे. इंदिरा गांधी के देहांत के बाद काफी समय तक वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को भी राजनीति के गुण सिखाते रहे थे. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु के बाद वह काफी समय तक गांधी परिवार से जुड़े रहे और सोनिया गांधी को भी उन्होंने राजनीति में आने के लिए काफी प्रेरित किया था. यही कारण है कि प्रियंका गांधी या फिर राहुल गांधी के आने की संभावनाएं ज्यादा बनती नजर आ रही हैं.
महाराजा समथर का राजनीतिक क्षेत्र में काफी दबदबा था. महाराज समथर छह बार विधायक एवं एक बार विधान परिषद सदस्य भी रह चुके थे. इसलिए स्वाभाविक था कि उनकी शव यात्रा में राजनीति से जुड़े अहम राजनीतिज्ञों को पहुंचना था. श्रीमंत महाराजा राजा रणजीत सिंह जूदेव के निधन के बाद उनके भांजे और जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह राजा भइया, भारत सरकार के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उनके पुत्र और महाराज समथर के दामाद सांसद दुष्यंत सिंह, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के अध्यक्ष कुंवर मानवेंद्र सिंह, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी, पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के अलावा देश, प्रदेश और स्थानीय राजनीति की कई बड़ी हस्तियां अंतिम संस्कार के मौके पर झांसी जिले के समथर में पहुंची थीं. झांसी जिला प्रशासन ने दाह संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिवंगत राजा रणजीत सिंह जूदेव को अंतिम सलामी देकर किया था.
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