झांसी: बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर को उसकी साली को परीक्षा में लाभ पहुंचाना महंगा पड़ गया. प्रोफेसर डॉ. विक्रम निरंजन कंप्यूटर साइंस विभाग में पढ़ाते है. इसी विभाग में प्रोफेसर की साली पढ़ती है. प्रोफेसर डॉ. विक्रम निरंजन पर आरोप है कि उन्होंने खुद पेपर बनाया और बाद में उसका मूल्यांकन भी किया. उस पेपर में प्रोफेसर की साली में क्लास में टॉप कर दिया. मामले की शिकायत जब कुलपति के पास पहुंची तो उन्होंने जांच कमेटी गठित कर दी.
कुलपति प्रो. जेवी वैशम्पायन ने बताया है कि बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस विभाग के शिक्षक डॉ. विक्रम निरंजन की शिकायत आई थी. प्रोफेसर पर यूनिवर्सिटी में पढ़ रही उनकी साली को परीक्षा में लाभ पहुंचाने का आरोप लगा है. इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था.
जांच कमेटी ने मामले की रिपोर्ट कुलपति को सौंप दी है. जांच में पाया गया कि जिस पेपर को आरोपी प्रोफेसर ने बनाया था. उस पेपर में उसकी साली को सर्वाधिक नंबर मिले. नियम के अनुसार शिक्षक का सगा रिश्तेदार अगर विभाग में पढ़ता है तो उन्हें न तो पेपर बनाना चाहिए और न ही मूल्यांकन करना चाहिए. फिलहाल आरोप सिद्ध होने के बाद प्रोफेसर डॉ. विक्रम निरंजन को शिक्षक संबंधी कार्यों से 3 साल के लिए डिबार कर दिया गया है. इस अवधि के दौरान न वह पेपर बना पाएंगे और न ही मूल्यांकन कर पाएंगे. मामले की जांच सिटी मजिस्ट्रेट सलिल पटेल को दी गई है. विभागीय जांच के बाद प्रशासनिक जांच शुरू की जाएगी.