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झांसी की बेटी ने बढ़ाया यूपी का मान, सीमा को मिला 'राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत पुरस्कार' - jhansi latest news

उत्तर प्रदेश के झांसी की रहने वाली सीमा तिवारी जो कि दिव्यांग हैं, उन्हें उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने 'राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत पुरस्कार' से दिल्ली में सम्मानित किया गया.

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दिव्यांग सीमा तिवारी को मिला 'राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत पुरस्कार'
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Published : Dec 11, 2019, 12:33 AM IST

झांसीः उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की सीमा तिवारी को उप राष्ट्रपति ने दिल्ली में 'राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत पुरस्कार' से सम्मानित किया. दिव्यांग होने के बाद भी सीमा तिवारी ने परिस्थितियों से हिम्मत नहीं हारी. सीमा के इस हौसले को लेकर 'विश्व दिव्यांग दिवस' पर सीमा तिवारी को 'राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत पुरस्कार' प्रदान किया गया.

झांसी की बेटी ने बढ़ाया यूपी का मान.

सीमा की ग्वालियर में डकैतों के हमले के बाद रीढ़ की हड्डी टूट गई थी, जिसके कारण सीमा शारीरिक रूप से अक्षम हो गईं थीं. सीमा ने हार नहीं मानी. वे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहीं हैं.

पुरस्कार विजेता सीमा तिवारी ने ईटीवी से बात करते हुए बताया कि इस पुरस्कार के लिए देश भर से 875 आवेदन आए थे. इन आवेदनों में से 65 लोगों का चयन प्रेरणा पुरस्कार के लिए किया गया था. उत्तर प्रदेश से इस पुरस्कार के लिए उन्हें चुना गया. सीमा तिवारी ने कहा कि वे दिव्यांगों के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही हैं. उन्होंने कहा कि वे भविष्य में दिव्यांगों, वृद्धों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रखेंगी.

झांसीः उत्तर प्रदेश के झांसी जिले की सीमा तिवारी को उप राष्ट्रपति ने दिल्ली में 'राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत पुरस्कार' से सम्मानित किया. दिव्यांग होने के बाद भी सीमा तिवारी ने परिस्थितियों से हिम्मत नहीं हारी. सीमा के इस हौसले को लेकर 'विश्व दिव्यांग दिवस' पर सीमा तिवारी को 'राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत पुरस्कार' प्रदान किया गया.

झांसी की बेटी ने बढ़ाया यूपी का मान.

सीमा की ग्वालियर में डकैतों के हमले के बाद रीढ़ की हड्डी टूट गई थी, जिसके कारण सीमा शारीरिक रूप से अक्षम हो गईं थीं. सीमा ने हार नहीं मानी. वे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहीं हैं.

पुरस्कार विजेता सीमा तिवारी ने ईटीवी से बात करते हुए बताया कि इस पुरस्कार के लिए देश भर से 875 आवेदन आए थे. इन आवेदनों में से 65 लोगों का चयन प्रेरणा पुरस्कार के लिए किया गया था. उत्तर प्रदेश से इस पुरस्कार के लिए उन्हें चुना गया. सीमा तिवारी ने कहा कि वे दिव्यांगों के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही हैं. उन्होंने कहा कि वे भविष्य में दिव्यांगों, वृद्धों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रखेंगी.

Intro:झांसी. शारीरिक रूप से अक्षम हो जाने के बाद भी झांसी की सीमा तिवारी ने परिस्थितियों से हिम्मत नहीं हारी। इस हौसले के कारण विश्व दिव्यांग दिवस पर देश के उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सीमा को इस वर्ष राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत पुरस्कार से दिल्ली में सम्मानित किया। पुरस्कार लेकर झांसी लौटी सीमा ने कहा कि महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण के काम को जारी रखेंगी।


Body:पूर्व में मिल चुके हैं कई सम्मान

सीमा तिवारी को इससे पहले यश भारती के तहत महारानी अहिल्या बाई होल्कर अवार्ड, उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय प्रेरणा पुरस्कार, मध्य प्रदेश महिला आयोग का नारी शक्ति पुरस्कार सहित कई अन्य पुरस्कार मिल चुके हैं। सीमा तिवारी ग्वालियर में रहने के दौरान डकैतों के हमले में रीढ़ की हड्डी टूट जाने के कारण शारीरिक रूप से अक्षम हो गई थी। इसके बावजूद सीमा ने हार नहीं मानी और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के किये कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम पिछले कई वर्षों से चला रही हैं।


Conclusion:दिव्यांगों और वृद्धों के लिए प्रशिक्षण

सीमा तिवारी ने बताया कि इस पुरस्कार के लिए देश भर से 875 आवेदन पहुँचे थे, जिनमें से 65 लोगों का चयन प्रेरणा पुरस्कार के लिए किया गया। उत्तर प्रदेश से इस पुरस्कार के लिए उन्हें चुना गया। सीमा ने कहा कि वे दिव्यांगों के लिए कई वर्गों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही हैं। भविष्य में दिव्यांगों और वृद्धों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रहेंगे।

बाइट - सीमा तिवारी - प्रेरणा स्रोत पुरस्कार विजेता

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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