झांसी: पाइप लाइन से पानी का न निकलना, पानी की खरीदारी और भरी सर्दी में पानी की बूंद-बूंद को मजबूर लोग. यह पंक्तिया चौंकाने वाली हैं, लेकिन यह सत्य है. पानी की यह किल्लत झांसी के रक्सा गांव की जनता झेल रही है. अब सर्दी को छोड़ जरा गर्मी की सोचिए कि किस तरह रक्सा गांव के लोग भरी गर्मी में पानी की किल्लत को झेलते होंगे.
पीने का पानी खरीदते हैं लोग
सरकार ने इलाके में पानी की किल्लत से निपटने के लिए पाइपलाइन बिछवाई और टंकियां भी बनवाई. भाई वाह, काबिले तारिफ, लेकिन जब पाइप लाइन से पानी ही न निकले या फिर खराब पानी निकले तो ऐसे में सरकार के दांवों की पोल खुल जाती है. आलम यह है कि यहां साल भर लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ता है.
आशाराम पानी बेचकर कमाते हैं पैसा
रक्सा गांव लोगों ने पानी बेचकर पैसा कमाना अपना धंधा बना लिया है. आशाराम दूसरे गांव में रहते हैं. आशाराम अपनी साइकिल पर पानी के चार बडे़-बड़े डब्बे भरकर लाते हैं और लोगों को 10-10 रुपये में पानी बेचते हैं. वहीं कहने को सरकार ने विकास कार्य किया है.
गांव में टैंकर चालक आते हैं, लोगों के घर तक पानी पहुंचाते हैं और पैसा लेकर चले जाते हैं. ये कहानी रक्सा के लोगों के लिए नई नहीं है. एक दशक से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अभी तक रक्सा गांव में इस समस्या का हल नहीं हुआ है.
नहीं लेता कोई नेता सुध
साल भर लोग टैंकर का पानी खरीदते हैं. रक्सा की जनता मजबूरी की यह जिंदगी सर्दी और गर्मी दोनों समय झेलती है. नेता लोग तो गांव में यह देखने भी नहीं आते कि लोग किस तरह जी रहे हैं.