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इस गांव में सरकारी योजनाओं ने तोड़ा दम, पीने के लिए पानी खरीदते हैं ग्रामीण

उत्तर प्रदेश के झांसी में रक्सा गांव के लोग पानी की समस्या से एक दशक से जूझते आ रहे हैं. गांव में पाइप लाइन बिछाई गई हैं, लेकिन पाइप लाइन से पानी तक नहीं निकलता है. रक्सा गांव की यह समस्या पिछले एक दशक के समय से भी पुरानी है. पढ़िए यह खास रिपोर्ट.

पानी की समस्या से जूझ रहे रक्सा गांव के लोग.
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Published : Nov 12, 2019, 4:03 AM IST

Updated : Nov 13, 2019, 11:39 AM IST

झांसी: पाइप लाइन से पानी का न निकलना, पानी की खरीदारी और भरी सर्दी में पानी की बूंद-बूंद को मजबूर लोग. यह पंक्तिया चौंकाने वाली हैं, लेकिन यह सत्य है. पानी की यह किल्लत झांसी के रक्सा गांव की जनता झेल रही है. अब सर्दी को छोड़ जरा गर्मी की सोचिए कि किस तरह रक्सा गांव के लोग भरी गर्मी में पानी की किल्लत को झेलते होंगे.

पानी की समस्या से जूझ रहे रक्सा गांव के लोग.

पीने का पानी खरीदते हैं लोग
सरकार ने इलाके में पानी की किल्लत से निपटने के लिए पाइपलाइन बिछवाई और टंकियां भी बनवाई. भाई वाह, काबिले तारिफ, लेकिन जब पाइप लाइन से पानी ही न निकले या फिर खराब पानी निकले तो ऐसे में सरकार के दांवों की पोल खुल जाती है. आलम यह है कि यहां साल भर लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ता है.

आशाराम पानी बेचकर कमाते हैं पैसा
रक्सा गांव लोगों ने पानी बेचकर पैसा कमाना अपना धंधा बना लिया है. आशाराम दूसरे गांव में रहते हैं. आशाराम अपनी साइकिल पर पानी के चार बडे़-बड़े डब्बे भरकर लाते हैं और लोगों को 10-10 रुपये में पानी बेचते हैं. वहीं कहने को सरकार ने विकास कार्य किया है.

गांव में टैंकर चालक आते हैं, लोगों के घर तक पानी पहुंचाते हैं और पैसा लेकर चले जाते हैं. ये कहानी रक्सा के लोगों के लिए नई नहीं है. एक दशक से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अभी तक रक्सा गांव में इस समस्या का हल नहीं हुआ है.

नहीं लेता कोई नेता सुध
साल भर लोग टैंकर का पानी खरीदते हैं. रक्सा की जनता मजबूरी की यह जिंदगी सर्दी और गर्मी दोनों समय झेलती है. नेता लोग तो गांव में यह देखने भी नहीं आते कि लोग किस तरह जी रहे हैं.

झांसी: पाइप लाइन से पानी का न निकलना, पानी की खरीदारी और भरी सर्दी में पानी की बूंद-बूंद को मजबूर लोग. यह पंक्तिया चौंकाने वाली हैं, लेकिन यह सत्य है. पानी की यह किल्लत झांसी के रक्सा गांव की जनता झेल रही है. अब सर्दी को छोड़ जरा गर्मी की सोचिए कि किस तरह रक्सा गांव के लोग भरी गर्मी में पानी की किल्लत को झेलते होंगे.

पानी की समस्या से जूझ रहे रक्सा गांव के लोग.

पीने का पानी खरीदते हैं लोग
सरकार ने इलाके में पानी की किल्लत से निपटने के लिए पाइपलाइन बिछवाई और टंकियां भी बनवाई. भाई वाह, काबिले तारिफ, लेकिन जब पाइप लाइन से पानी ही न निकले या फिर खराब पानी निकले तो ऐसे में सरकार के दांवों की पोल खुल जाती है. आलम यह है कि यहां साल भर लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ता है.

आशाराम पानी बेचकर कमाते हैं पैसा
रक्सा गांव लोगों ने पानी बेचकर पैसा कमाना अपना धंधा बना लिया है. आशाराम दूसरे गांव में रहते हैं. आशाराम अपनी साइकिल पर पानी के चार बडे़-बड़े डब्बे भरकर लाते हैं और लोगों को 10-10 रुपये में पानी बेचते हैं. वहीं कहने को सरकार ने विकास कार्य किया है.

गांव में टैंकर चालक आते हैं, लोगों के घर तक पानी पहुंचाते हैं और पैसा लेकर चले जाते हैं. ये कहानी रक्सा के लोगों के लिए नई नहीं है. एक दशक से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन अभी तक रक्सा गांव में इस समस्या का हल नहीं हुआ है.

नहीं लेता कोई नेता सुध
साल भर लोग टैंकर का पानी खरीदते हैं. रक्सा की जनता मजबूरी की यह जिंदगी सर्दी और गर्मी दोनों समय झेलती है. नेता लोग तो गांव में यह देखने भी नहीं आते कि लोग किस तरह जी रहे हैं.

Intro:नोट - यह स्टोरी डेस्क से सूरज मिश्रा जी द्वारा भेजने को कही गई थी।


झांसी. बुन्देलखण्ड का पेयजल संकट दूर करने के सरकार और प्रशासन के सभी दावे झांसी जिला मुख्यालय से मात्र बारह किलोमीटर दूर स्थित रक्सा गांव में दम तोड़ते नजर आते हैं। यहां पानी सप्लाई के लिए पाइपलाइन डाली गई पानी की टंकी बनाई गई। बावजूद इसके आलम यह है कि यहां साल भर लोगों को पीने का पानी खरीदना पड़ता है।


Body:इस तरह होती है पानी की बिक्री

रक्सा गांव के निकट रहने वाले आशाराम साइकिल पर चार डिब्बे में पानी भरकर मोहल्ले में ले जाते हैं और इसे दस रुपये में बेच आते हैं। पानी की समस्या की भयावहता का अंदाजा इससे आसानी से लगाया जा सकता है। इसी के साथ कई टैंकर चालक भी इस क्षेत्र में लोगों को रुपये लेकर पीने का पानी उनके घर तक पहुँचाते हैं। पाइपलाइन होने के बावजूद यहां की बड़ी आबादी को पानी खरीदना पड़ता है। पीने के पानी का यह किल्लत यहां लोग एक दशक से ज्यादा समय से झेल रहे हैं।

पाइपलाइन से गन्दे पानी की सप्लाई

स्थानीय निवासी अमित कुमार कहते हैं कि स्थिति यह है कि नल एक दिन आता है, चार दिन नहीं आता है। पानी खराब आ रहा है। पानी भरने के लिए डिब्बा लेकर जाना पड़ता है। जब नल में पानी नहीं आता है तो पीने के लिए खरीदने पड़ता है। स्थानीय निवासी रंजीत कहते हैं कि पानी की समस्या यहां एक दशक से है। यहां की समस्या प्रधान, विधायक, सांसद कोई नहीं सुनता। हम लोग पानी टैंकरों से लेते हैं। पाइपलाइन बिछने के बाद हमने कनेक्शन लिया लेकिन फिर भी पानी नहीं आता।


Conclusion:समस्या समाधान के लिए नई योजना का दावा

बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला कहते हैं टंकी बनाने और पानी की सप्लाई का काम एक ही विभाग को देना चाहिए। इस तरह की समस्याएं बहुत सारे गांव में है। हमने मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी राजू को इन समस्याओं के बारे में लिखकर दिया है। एक बड़ी योजना आ रही है केंद्र सरकार की। पहले इस योजना के तहत उन गांव को जोड़ेंगे, जहां पेयजल की समस्या है।

बाइट - अमित - स्थानीय निवासी
बाइट - रंजीत - स्थानीय निवासी
बाइट -आशाराम - पानी विक्रेता
बाइट - राजा बुंदेला - उपाध्यक्ष, बुन्देलखण्ड विकास बोर्ड

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
Last Updated : Nov 13, 2019, 11:39 AM IST
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