झांसी: जनपद में वन स्टॉप सेंटर साल 2017 से संचालित हो रहा है. इस कड़ी में ईटीवी भारत ने मेडिकल कॉलेज परिसर में चल रहे वन स्टॉप सेंटर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. यहां महिलाओं के रुकने की सुविधा सहित काउंसलिंग केंद्र और पुलिस सहायता केंद्र की सुविधा है. हालांकि अभी यह केंद्र अस्थाई भवन में है और यहां स्टाफ की भी कमी है. वहीं स्थायी भवन के लिए जमीन की चिन्हीकरण की प्रक्रिया चल रही है.
महिला हेल्पलाइन नंबर 181 के साथ संचालित वन स्टॉप केंद्र की प्रबन्धक अमृता तिवारी ने बताया कि झांसी में वन स्टॉप सेंटर 23 मई 2017 से संचालित है. वन स्टॉप सेंटर और महिला हेल्पलाइन नम्बर 181 नम्बर साथ ही संचालित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि ज्यादातर महिलाएं घरेलू हिंसा और छेड़छाड़ से पीड़ित आती हैं. गाइडलाइन के मुताबिक, यहां 5 दिन का शेल्टर दिया जाता है. धारा 161 के तहत पुलिस के सामने दिए गए बयान और 164 के तहत मैजिस्ट्रेट के सामने दिए गए बयान वाली महिलाएं भी यहां आती हैं.
यह योजना 11 जनपदों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुई थी. उनमें वन स्टॉप सेंटर बने हुए थे. अभी झांसी में जो वन स्टॉप सेंटर बनना है, वह जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज के निकट बनना है. अभी हमारे जिले में जमीन चिह्नित नहीं हो सकी है. कई बार पत्राचार किया गया है, लेकिन महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण के स्तर से कार्रवाई लंबित है. जैसे ही जमीन मिलेगी, वहां बिल्डिंग बन जाएगी.
अमृता तिवारी, केंद्र प्रबंधक, झांसी
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