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श्रमदान ने बदली बुंदेलखंड के इस तालाब की किस्मत, गर्मी में भी रहता है लबालब पानी

झांसी के मानपुर गांव में 70 एकड़ में फैले तालाब में जून महीने में भी लबालब पानी भरा रहता है. यहां के लोगों की मेहनत का फल है कि गर्मी के मौसम में भी यह तालाब पानी से भरा रहता है.

जून में भी पानी से लबालब भरा रहता है तालाब.
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Published : Jul 8, 2019, 4:16 PM IST

Updated : Jul 8, 2019, 4:39 PM IST

झांसी: मई और जून के महीने में जब पूरा बुंदेलखंड पानी के लिए हाहाकार कर रहा होता है, तब झांसी के मानपुर गांव में अलग ही तस्वीर देखने को मिलती है. लगभग 70 एकड़ में फैले तालाब में भरे लबालब पानी को देखकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है.

जून में भी पानी से लबालब भरा रहता है तालाब.


मानपुर गांव में स्थित यह तालाब सिंचाई विभाग का है. साल 2016 में यह सूखा था. इस गांव में पीने और सिंचाई के पानी की काफी दिक्कत थी. यहां जल जन जोड़ो अभियान के तहत पानी की किल्लत दूर करने के प्रयास शुरू हुए. इसी प्रयास के तहत गांव में पानी पंचायत का गठन हुआ और लगभग 50 की संख्या में महिलाएं एकत्रित हुईं. सबसे पहले गांव के प्राकृतिक जल स्रोत के संरक्षण को लेकर रणनीति बनाई गई.


सिंचाई विभाग से बात करने के बाद इस तालाब पर पिछले साल श्रमदान का काम शुरू हुआ. पानी पंचायत और गांव के लोगों की पहल के बाद ग्राम पंचायत ने भी इसमें सहयोग किया. पानी पंचायत की उपाध्यक्ष विद्या ने बताया कि पहले यह तालाब सूखा पड़ा था. हमने मेहनत की, इसे गहरा किया. इस काम में पूरे गांव के लोगों ने सहयोग किया.


जल जन जोड़ो के जिला संयोजक राजेश कुमार ने बताया कि हमने मानपुर को 2016 में अपने अभियान से जोड़ा था. इस तालाब को देखा कि इसमें पर्याप्त पानी नहीं रुक पाता था. फिर पानी पंचायत समिति बनाई गई. इसमें 40-50 महिलाएं एकत्र हुईं. समय-समय पर श्रमदान किया गया. साफ-सफाई करवाई गई. पौधरोपण करवाया गया. इस पानी से गांव के लोगों को लाभ मिल रहा है और जानवरों को भी परेशान नहीं होना पड़ता है.


ग्राम प्रधान जानकी दास राजपूत बताते हैं कि पिछली बार तो यह सूखा पड़ा था. कुछ बारिश से पानी आया. जनता और ग्राम पंचायत ने काम किया. सबने मिलकर खुदाई करवाई, गहरा करवाया. इस समय तालाब में पर्याप्त पानी है.

झांसी: मई और जून के महीने में जब पूरा बुंदेलखंड पानी के लिए हाहाकार कर रहा होता है, तब झांसी के मानपुर गांव में अलग ही तस्वीर देखने को मिलती है. लगभग 70 एकड़ में फैले तालाब में भरे लबालब पानी को देखकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है.

जून में भी पानी से लबालब भरा रहता है तालाब.


मानपुर गांव में स्थित यह तालाब सिंचाई विभाग का है. साल 2016 में यह सूखा था. इस गांव में पीने और सिंचाई के पानी की काफी दिक्कत थी. यहां जल जन जोड़ो अभियान के तहत पानी की किल्लत दूर करने के प्रयास शुरू हुए. इसी प्रयास के तहत गांव में पानी पंचायत का गठन हुआ और लगभग 50 की संख्या में महिलाएं एकत्रित हुईं. सबसे पहले गांव के प्राकृतिक जल स्रोत के संरक्षण को लेकर रणनीति बनाई गई.


सिंचाई विभाग से बात करने के बाद इस तालाब पर पिछले साल श्रमदान का काम शुरू हुआ. पानी पंचायत और गांव के लोगों की पहल के बाद ग्राम पंचायत ने भी इसमें सहयोग किया. पानी पंचायत की उपाध्यक्ष विद्या ने बताया कि पहले यह तालाब सूखा पड़ा था. हमने मेहनत की, इसे गहरा किया. इस काम में पूरे गांव के लोगों ने सहयोग किया.


जल जन जोड़ो के जिला संयोजक राजेश कुमार ने बताया कि हमने मानपुर को 2016 में अपने अभियान से जोड़ा था. इस तालाब को देखा कि इसमें पर्याप्त पानी नहीं रुक पाता था. फिर पानी पंचायत समिति बनाई गई. इसमें 40-50 महिलाएं एकत्र हुईं. समय-समय पर श्रमदान किया गया. साफ-सफाई करवाई गई. पौधरोपण करवाया गया. इस पानी से गांव के लोगों को लाभ मिल रहा है और जानवरों को भी परेशान नहीं होना पड़ता है.


ग्राम प्रधान जानकी दास राजपूत बताते हैं कि पिछली बार तो यह सूखा पड़ा था. कुछ बारिश से पानी आया. जनता और ग्राम पंचायत ने काम किया. सबने मिलकर खुदाई करवाई, गहरा करवाया. इस समय तालाब में पर्याप्त पानी है.

Intro:attn : shailendra sir


झांसी. मई और जून के महीने में जब पूरा बुन्देलखण्ड पानी के लिए हाहाकार कर रहा होता है तब झांसी के मानपुर गांव में अलग ही तस्वीर देखने को मिलती है। लगभग 70 एकड़ में फैले तालाब में भरे लबालब पानी को देखकर कोई भी हैरत में पड़ सकता है। इस तालाब के किनारे बैठकर महिलाएं बातें करतीं, बच्चे खेलते हुए और लड़के सेल्फी लेते दिखाई दे जाते हैं।

दरअसल मानपुर गांव में स्थित यह तालाब सिचाई विभाग का है। साल 2016 में यह सूखा था। इस गांव में पीने और सिचाई के पानी की काफी दिक्कत थी। यहां जल जन जोड़ों अभियान के तहत पानी की किल्लत दूर करने के प्रयास शुरू हुए। इसी प्रयास के तहत गांव में पानी पंचायत का गठन हुआ और लगभग 50 की संख्या में महिलाएं एकत्रित हुईं। सबसे पहले गांव के प्राकृतिक जल स्रोत के संरक्षण को लेकर रणनीति बनी। सिचाई विभाग से बात करने के बाद इस तालाब पर पिछले साल श्रमदान का काम शुरू हुआ। पानी पंचायत और गांव के लोगों की पहल के बाद ग्राम पंचायत ने भी इसमें सहयोग किया।


Body:गांव की रहने वाली बिज्जू बताती हैं कि इसमें हम लोगों ने दो-ढाई महीने मेहनत की। पूरा तालाब भर जाएगा तो गेंहू पैदा हो जाएगी, नहीं तो पशु तो पलेंगे ही।

पानी पंचायत की सदस्य तारादेवी कहती हैं कि पहले इसमें पानी नहीं रहता था। हम लोगों ने काम किया, जिसके बाद पानी रुकने लगा।

पानी पंचायत की उपाध्यक्ष विद्या कहती हैं कि पहले यह तालाब सूखा पड़ा था। पिछले साल तालाब भर गया। हमने मेहनत की। इसे गहरा किया। इस काम में पूरे गांव ने सहयोग किया।


Conclusion:जल जन जोड़ो के जिला संयोजक राजेश कुमार बताते हैं कि हमने मानपुर को 2016 में अपने अभियान से जोड़ा था। इस तालाब को देखा कि इसमें पर्याप्त पानी नहीं रुक पाता था। फिर पानी पंचायत समिति बनाई। इसमें 40-50 महिलाएं एकत्र हुईं। इसमें समय-समय पर श्रमदान किया। साफ सफाई करवाई। पौधरोपण करवाया। इस पानी से गांव के लोगों को लाभ मिल रहा है और जानवरों को भी परेशान नहीं होना पड़ता है।

ग्राम प्रधान जानकी दास राजपूत बताते हैं कि पिछ्ली बार तो यह सूखा पड़ा था। कुछ बारिश से पानी आया। जनता ने और ग्राम पंचायत ने काम किया। सबने मिलकर खुदाई करवाई, गहरा करवाया। इस समय पर्याप्त पानी है तालाब में।

बाइट - बिज्जू - ग्रामीण
बाइट - तारा देवी - सदस्य पानी पंचायत
बाइट - विद्या - उपाध्यक्ष, पानी पंचायत
बाइट - राजेश कुमार - जिला संयोजक, जल जन जोड़ो अभियान
बाइट - जानकी दास राजपूत - ग्राम प्रधान
पीटीसी

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
Last Updated : Jul 8, 2019, 4:39 PM IST
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