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झांसी: नहीं थम रहा बारिश का कहर, गांव बने टापू

उत्तर प्रदेश के झांसी में बाढ़ के कहर से कुड़ार नदी का जलस्तर काफी हद तक बढ़ गया है. वहीं सपरा बांध में 35 फीट तक पानी भर गया है जिससे कि लोगों के घर जलमग्र होते जा रहे हैं.

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Published : Sep 24, 2019, 11:36 AM IST

बाढ़ से डूबे कई गांव.

झांसी: बाढ़ की कहर से जिले के तटवर्ती इलाके डूब चुके हैं. बीते शनिवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने मऊरानीपुर की कुड़ार नदी का जलस्तर बढ़ा दिया है. नदी का पानी उफान पर है, जिससे दो गांवों में बाढ़ जैसी हालात बन गई है. चौधरीचरन सिंह परियोजना के तहत कुड़ार नदी पर बनाया गया बांध पूरा भर जाने से बांध के तीनों गेट को खोला गया है. इससे पठा, ढकरवारा के रिपटे पर पानी आ जाने से दोनों गांव टापू बन गए हैं.

बाढ़ से डूबे कई गांव.

बाढ़ की कहर में डूब रहा झांसी

  • बाढ़ के प्रकोप ने जिले के कई क्षेत्रों को अपने अंदर समेट ली है.
  • सबसे अधिक परेशानी पठा गांव के लोगों को हो रही है.
  • दो दिनों की बारिश से सपरार बांध लबालब हो गया है.

इसे भी पढ़ें:- महोबा: झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना पुल तेज बारिश से बहा

  • 37 फीट क्षमता के इस बांध में 35 फीट तक पानी भर गया है.
  • बारिश की कहर से 12 से अधिक कच्चे मकान धराशायी हो गए हैं.

झांसी-खजुराहो मार्ग पर मऊरानीपुर से 15 किमी दूर देवरी के पास सड़क किनारे खड़ा पेड़ गिर जाने से आवागमन पूरी तरह से बन्द हो गया है. जिससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई. लगभग 2 घण्टे तक हाइवे पर वाहनों के पहिये थमे रहे. कुडार बांध लबालब हो जाने से पठा गांव जलमग्न हो गया. कई बिजली के पोल धराशायी हो गए और कई मकान भी गिर गए. पानी का बहाव इतना तेज था कि घरों में इस कदर पानी भर गया कि लोग घर के अन्दर कैद हो गए है.






झांसी: बाढ़ की कहर से जिले के तटवर्ती इलाके डूब चुके हैं. बीते शनिवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने मऊरानीपुर की कुड़ार नदी का जलस्तर बढ़ा दिया है. नदी का पानी उफान पर है, जिससे दो गांवों में बाढ़ जैसी हालात बन गई है. चौधरीचरन सिंह परियोजना के तहत कुड़ार नदी पर बनाया गया बांध पूरा भर जाने से बांध के तीनों गेट को खोला गया है. इससे पठा, ढकरवारा के रिपटे पर पानी आ जाने से दोनों गांव टापू बन गए हैं.

बाढ़ से डूबे कई गांव.

बाढ़ की कहर में डूब रहा झांसी

  • बाढ़ के प्रकोप ने जिले के कई क्षेत्रों को अपने अंदर समेट ली है.
  • सबसे अधिक परेशानी पठा गांव के लोगों को हो रही है.
  • दो दिनों की बारिश से सपरार बांध लबालब हो गया है.

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  • 37 फीट क्षमता के इस बांध में 35 फीट तक पानी भर गया है.
  • बारिश की कहर से 12 से अधिक कच्चे मकान धराशायी हो गए हैं.

झांसी-खजुराहो मार्ग पर मऊरानीपुर से 15 किमी दूर देवरी के पास सड़क किनारे खड़ा पेड़ गिर जाने से आवागमन पूरी तरह से बन्द हो गया है. जिससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई. लगभग 2 घण्टे तक हाइवे पर वाहनों के पहिये थमे रहे. कुडार बांध लबालब हो जाने से पठा गांव जलमग्न हो गया. कई बिजली के पोल धराशायी हो गए और कई मकान भी गिर गए. पानी का बहाव इतना तेज था कि घरों में इस कदर पानी भर गया कि लोग घर के अन्दर कैद हो गए है.






Intro:झांसी : बीते शनिवार से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने मऊरानीपुर की कुड़ार नदी का जलस्तर बढ़ा दिया. नदी का पानी उ़फान पर है, इससे 2 गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं. चौधरीचरन सिंह परियोजना के तहत कुड़ार नदी पर बनाया गया बांध पूरा भर जाने से बांध के तीनों गेट को खोला गया, इससे पठा, ढकरवारा के रिपटे पर पानी आ जाने से दोनों गांव टापू बन गए जहां पठा गांव दो हिस्सों में बंट गया. वहीं, जनपद के अन्य थाना क्षेत्रों से भी जल भराव की सूचना आ रही है.




Body:मिली जानकारी के मुताबिक, सबसे अधिक परेशानी पठा गांव के लोगों को हो रही है. सपरार बांध इन 2 दिनों की बारिश से वर्षो बाद लबालब हो गया. 37 फीट क्षमता के इस बांध में शाम 6 बजे तक 35 फीट पानी भरा होना बताया गया. इधर, बारिश से दर्जनों कच्चे मकान धराशायी हो गए. झांसी-खजुराहो मार्ग पर मऊरानीपुर से 15 किमी दूर देवरी के पास सड़क किनारे खड़ा पेड़ गिर जाने से आवागमन पूरी तरह से बन्द हो गया, इससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गयीं. लगभग 2 घण्टे तक हाइ-वे पर वाहनों के पहिये थमे रहे. कुडार बांध लबालब हो जाने से पठा गांव जलमग्न हो गया. कई बिजली के पोल धराशायी हो गए. कई मकान गिर गये, तो गांव में बाढ़ के हालात बन गए. पानी का बहाव इतना ते़ज था कि घरों में इस कदर पानी भर गया कि लोग घर के अन्दर कैद हो गए.




Conclusion:ग्रामीणों की मानें तो 2 दिनों से यहां ऐसे ही हालात बने हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. घरों में कैद हो जाने के चलते लोगों के सामने खाने-पीने की समस्या पैदा हो गयी है. ग्रामीणों ने कहा कि स्थिति इतनी खराब होने के बाद भी यहां प्रशासन की तरफ से कोई भी अधिकारी नहीं आया है. भदरवारा में जगत पटेल, बैनीबाई, लालसिंह, कल्लू पटेल, भगवानदास भदौरिया, पूरन भदौरिया, घनश्याम कुर्मी, छन्नूलाल कुशवाहा, कालीचरन अहिरवार के कच्चे मकान बारिश से धराशायी हो गए.


बाइट- गोविंद सिंह, ग्रामीण।
बाइट- धर्म पाल सिंह, ग्रामीण।
बाइट- किशन, ग्रामीण।
बाइट- जगन्नाथ राजपूत, ग्रामीण।

Regards
Ram Naresh Yadav
Jhansi
9458784159
 
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