झांसी: जिले में अधिवक्ता संरक्षण मंच ने शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा. इसके जरिए से प्रदेश के अधिवक्ता समाज को न्याय, सम्मान, सुरक्षा, अधिवक्ता के परिवार के हितों का संरक्षण करने की मांग की गई. इसके अलावा अधिवक्ता की कार्यक्षमता घटने या समाप्त होने पर उसके तथा उसके अधीन परिवार का भविष्य डॉक्टर, चार्टर्ड एकाउंटेंट या व्यापारिक संगठनों की तरह संरक्षित किये जाने की मांग की गई.
साथ ही यात्रा के समय बस, ट्रेन की टिकट लाइन में अधिवक्ता की गरिमा बनाये रखने के लिए टिकट खरीदने या हासिल करने में प्राथमिकता दिलाने, अधिवक्ता को घर, गाड़ी या घरेलू सामान के लिये ऋण प्राप्ति के समय वित्तीय संस्थान द्वारा बैड प्रोफाइल लिखने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए. इसके साथ ही किराये पर मकान दिलाने में शासन की प्राथमिकता तथा अन्य समूहों की तरह जनपद में अधिवक्ताओं के आवास के लिए अधिवक्ता कॉलोनियों का निर्माण कराने की मांग की गई है.
वकीलों की मांग है कि जो अधिवक्ता 70 वर्ष पूर्ण कर चुके हैं, उन्हें मध्य प्रदेश की तर्ज पर ही पेंशन की व्यवस्था कराने की मांग की गई है. अधिवक्ताओं के लिए अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम विधानसभा से पारित कराकर संपूर्ण प्रदेश में लागू करने की मांग की गई है. ज्ञापन देने के दौरान मंच के जिलाध्यक्ष प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव ने अपर नगर मजिस्ट्रेट वान्या सिंह को उपरोक्त मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष सिंह चौहान, पुरूषोत्तम नारायण श्रीवास्तव और अन्य लोग भी मौजूद रहे.