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झांसी में स्कूल जाने के लिए रोजाना नदी पार करते हैं मासूम, डिप्टी सीएम बोले-यह सरकार की समस्या नहीं

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Published : Oct 1, 2022, 4:47 PM IST

Updated : Oct 1, 2022, 6:39 PM IST

झांसी में जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर बच्चों का वीडियो सामने आया है (children cross river to go school). जिसमें बच्चों के गर्दन तक पानी नजर आ रहा है और इनका बस्ता इनके सर पर है नजर आ रहा है.

children cross river to go school
children cross river to go school

झांसीः जिले में प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने के लिए नौनिहालों को हर दिन जान जोखिम में डालनी पड़ती है. स्कूल जाने के लिए नौनिहाल नदी को पार करने के लिए मजबूर है. सिर पर स्कूली बैग और गले तक नदी का पानी. यह कोई फिल्मों में दिखाई जाने वाली कहानी नहीं बल्कि हकीकत है. झांसी के एक गांव में कुछ इस तरह से नौनिहाल अपने गांव स्कूल से में पढ़ने जाते हैं.

झांसी में स्कूल जाने के लिए रोजाना नदी पार करते हैं मासूम.

जानकारी के अनुसार, झांसी मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर बंगरा ब्लॉक में राजगिरी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले नौनिहालों के लिए पढ़ लिख कर भविष्य बनाने का सपना हर दिन बड़े जोखिम उठाने के के लिए मजबूर कर रहा है. गांव से इस विद्यालय की दूरी करीब 3 किलोमीटर है. इस दौरान गांव और विद्यालय के बीच में एक छोटी नदी पड़ती है. जिस को पार करने के लिए ना तो कोई पुल है और ना ही विद्यालय तक पहुंचने के लिए कोई दूसरा रास्ता. ऐसे में विद्यालय में पढ़ाई करने के लिए बच्चों को नदी में जाकर गर्दन तक पानी के बीच से होते हुए निकलना पड़ता है. नदी पार करने के लिए सबसे पहले बच्चे अपना पैंट और स्कूली बैग को सिर पर रखना पड़ता है. नदी को पार करने के बाद बच्चे पूरी तरह से भीग जाते हैं.

इस बीच झांसी दौरे पर आए डिप्टी सीएम केशव प्रशाद मौर्या से जब इस बारे बात की गई. तो उन्होंने कहा कि ये समस्या विद्यालय की है, न की सरकार की, सरकार का काम होता है शिकायत आने पर कार्रवाई करना. जो शिकायत आएगी, उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

ये भी पढ़ेंः जौनपुर पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक लाख का इनामी बदमाश विनोद सिंह मारा गया, सिपाही घायल

झांसीः जिले में प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने के लिए नौनिहालों को हर दिन जान जोखिम में डालनी पड़ती है. स्कूल जाने के लिए नौनिहाल नदी को पार करने के लिए मजबूर है. सिर पर स्कूली बैग और गले तक नदी का पानी. यह कोई फिल्मों में दिखाई जाने वाली कहानी नहीं बल्कि हकीकत है. झांसी के एक गांव में कुछ इस तरह से नौनिहाल अपने गांव स्कूल से में पढ़ने जाते हैं.

झांसी में स्कूल जाने के लिए रोजाना नदी पार करते हैं मासूम.

जानकारी के अनुसार, झांसी मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर बंगरा ब्लॉक में राजगिरी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले नौनिहालों के लिए पढ़ लिख कर भविष्य बनाने का सपना हर दिन बड़े जोखिम उठाने के के लिए मजबूर कर रहा है. गांव से इस विद्यालय की दूरी करीब 3 किलोमीटर है. इस दौरान गांव और विद्यालय के बीच में एक छोटी नदी पड़ती है. जिस को पार करने के लिए ना तो कोई पुल है और ना ही विद्यालय तक पहुंचने के लिए कोई दूसरा रास्ता. ऐसे में विद्यालय में पढ़ाई करने के लिए बच्चों को नदी में जाकर गर्दन तक पानी के बीच से होते हुए निकलना पड़ता है. नदी पार करने के लिए सबसे पहले बच्चे अपना पैंट और स्कूली बैग को सिर पर रखना पड़ता है. नदी को पार करने के बाद बच्चे पूरी तरह से भीग जाते हैं.

इस बीच झांसी दौरे पर आए डिप्टी सीएम केशव प्रशाद मौर्या से जब इस बारे बात की गई. तो उन्होंने कहा कि ये समस्या विद्यालय की है, न की सरकार की, सरकार का काम होता है शिकायत आने पर कार्रवाई करना. जो शिकायत आएगी, उस पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

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Last Updated : Oct 1, 2022, 6:39 PM IST
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