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कम पानी में खेती की तकनीक सिखाएगा इजरायल, इन किसानों को मिलेगा मौका

बुंदेलखण्ड समेत देश के अन्य राज्यों में जल संकट को देखते हुए भारत सरकार ने इजराइल से एक अनुबंध किया है. इसके तहत इजरायल का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को झांसी पहुंचा. यह प्रतिनिधिमंडल झांसी के 28 गांव के किसानों को कम पानी में खेती करने की तकनीक सिखाएगा.

कम पानी में खेती
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Published : Jul 20, 2021, 4:35 AM IST

झांसी: इजरायल का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को झांसी के बबीना ब्लॉक के ग्राम आरी के दौरे पर पहुंचा. यह टीम बुन्देलखण्ड में कम पानी में फसलों की बेहतर पैदावार करने को लेकर रणनीति तैयार कर रही है. भारत सरकार और इजरायल सरकार के बीच इसको लेकर एक अनुबंध हुआ है, जिसके तहत झांसी जनपद के बड़ागांव और बबीना ब्लॉक में पहूज नदी के किनारे बसे 28 गांव में इजरायल की पद्धति से खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा. अभी इजरायल और भारत की संयुक्त टीम कार्य योजना तैयार करने से पूर्व किसानों के अनुभव जानने की कोशिश कर रही है.

पढ़ें- पहूज नदी के किनारे अवैध रूप से बन रही कॉलोनियां, प्रशासन बेफिक्र

इजराइल टीम के हेड काउंसलर डॉन ने बताया कि हाल में इजराइल और भारत सरकार के बीच कम पानी मेें फसल उत्पादन को लेकर साझा रणनीति तैयार करने के लिए अनुबंध किया गया है. इसके आधार पर इसराइल में जिन तकनीकों के माध्यम से कम पानी में खेती की जा रही है, वैसी ही पद्धतियों को बुन्देलखण्ड के झांसी जिले के बडागांव एवं बबीना के पहूज नदी के किनारे बसे 28 गांव में की जाएगी. इस पायलेट प्रोजेक्ट में अभी स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर कार्य योजना बनाने का कार्य किया जा रहा है. जल्द ही यहां की स्थिति के अनुसार आगे का कार्य किया जायेगा.

पढ़ें- पूर्व डीजीपी ने बारिश के पानी को संरक्षित करने का दिया अनोखा मॉडल


इसराइल के प्रतिनिधिमण्डल ने बडागांव विकासखण्ड के ग्राम आरी में जल संरक्षण का काम कर रही जल सहेलियों से बातचीत कर उनके कार्यों की जानकारी ली और सराहना की. जल सहेली अंजु और सुखदेवी ने बताया कि गांव में जल संरक्षण, संवर्धन एवं स्वच्छता के कार्यों को किस तरह अंजाम दिया जाता है. इजरायल टीम के सदस्य लियो ने कहा कि जल सहेलियां सराहनीय कार्य कर रही हैं, जो एक अनोखी पहल है. इस तरह के नवाचारों से बुंदेलखण्ड में जल संकट खत्म होगा.


पढ़ें- जलकल विभाग की अनोखी पहल, 71 कुओं को किया जाएगा पुनर्जीवित

मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार ने कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट से पानी की बचत होगी, जो किसानों और लोगों के हित में होगी. परमार्थ समाज सेवी संस्थान के सिद्ध गोपाल सिंह ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि इस तरह की परियोजना से बुंदेलखण्ड में खुशहाली आएगी और लंबे समय से चले आ रहे सूखे की स्थिति में कमी आएगी. इस दौरान ग्राम प्रधान राघवेन्द्र सिंह तोमर, भूगर्भ जल विभाग झांसी के अधिषासी अभियंता शंशाक शेखर सिंह, लघु सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग के आलाधिकारी उपस्थित रहे.
पढ़ें- जल संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक कर रही सरकार : जल शक्ति राज्य मंत्री

झांसी: इजरायल का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को झांसी के बबीना ब्लॉक के ग्राम आरी के दौरे पर पहुंचा. यह टीम बुन्देलखण्ड में कम पानी में फसलों की बेहतर पैदावार करने को लेकर रणनीति तैयार कर रही है. भारत सरकार और इजरायल सरकार के बीच इसको लेकर एक अनुबंध हुआ है, जिसके तहत झांसी जनपद के बड़ागांव और बबीना ब्लॉक में पहूज नदी के किनारे बसे 28 गांव में इजरायल की पद्धति से खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा. अभी इजरायल और भारत की संयुक्त टीम कार्य योजना तैयार करने से पूर्व किसानों के अनुभव जानने की कोशिश कर रही है.

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इजराइल टीम के हेड काउंसलर डॉन ने बताया कि हाल में इजराइल और भारत सरकार के बीच कम पानी मेें फसल उत्पादन को लेकर साझा रणनीति तैयार करने के लिए अनुबंध किया गया है. इसके आधार पर इसराइल में जिन तकनीकों के माध्यम से कम पानी में खेती की जा रही है, वैसी ही पद्धतियों को बुन्देलखण्ड के झांसी जिले के बडागांव एवं बबीना के पहूज नदी के किनारे बसे 28 गांव में की जाएगी. इस पायलेट प्रोजेक्ट में अभी स्थानीय जरूरतों को ध्यान में रखकर कार्य योजना बनाने का कार्य किया जा रहा है. जल्द ही यहां की स्थिति के अनुसार आगे का कार्य किया जायेगा.

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इसराइल के प्रतिनिधिमण्डल ने बडागांव विकासखण्ड के ग्राम आरी में जल संरक्षण का काम कर रही जल सहेलियों से बातचीत कर उनके कार्यों की जानकारी ली और सराहना की. जल सहेली अंजु और सुखदेवी ने बताया कि गांव में जल संरक्षण, संवर्धन एवं स्वच्छता के कार्यों को किस तरह अंजाम दिया जाता है. इजरायल टीम के सदस्य लियो ने कहा कि जल सहेलियां सराहनीय कार्य कर रही हैं, जो एक अनोखी पहल है. इस तरह के नवाचारों से बुंदेलखण्ड में जल संकट खत्म होगा.


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मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार ने कहा कि इस पायलट प्रोजेक्ट से पानी की बचत होगी, जो किसानों और लोगों के हित में होगी. परमार्थ समाज सेवी संस्थान के सिद्ध गोपाल सिंह ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि इस तरह की परियोजना से बुंदेलखण्ड में खुशहाली आएगी और लंबे समय से चले आ रहे सूखे की स्थिति में कमी आएगी. इस दौरान ग्राम प्रधान राघवेन्द्र सिंह तोमर, भूगर्भ जल विभाग झांसी के अधिषासी अभियंता शंशाक शेखर सिंह, लघु सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग के आलाधिकारी उपस्थित रहे.
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