झांसी: सिंचाई विभाग में नहरों की सिल्ट सफाई के नाम पर झांसी जनपद में करोड़ो रूपये का घोटाला हुआ है. किसान रक्षा पार्टी ने मंगलवार को गांधी उद्यान पर चल रहे आंदोलन के दौरान प्रेस कांफ्रेंस कर सिंचाई विभाग के अफसरों पर आरोप लगाया कि नहरों की सिल्ट सफाई के नाम पर सिर्फ एक साल में लगभग तीन करोड़ रुपये का घोटाला हो गया. उन नहरों की सफाई कागजों पर दिखा दी गई, जो सालों से बंद पड़ी है और किसानों ने जिनका कभी उपयोग ही नहीं किया. आरटीआई के माध्यम से सिल्ट सफाई को लेकर मिली जानकारी के आधार पर किसान संगठन ने इस घोटाले का आरोप लगाया है.
किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने बताया कि सिंचाई विभाग ने वर्ष 2017-18 में संचालन, मरम्मत, रखरखाव, निरीक्षण भवन पर 82.59 लाख रुपये खर्च किये. जो नहरें चलती ही नहीं हैं, उनकी देखरेख करने के लिए 48.51 लाख रुपये के बेलदार लगाए. सिल्ट सफाई पर 89.25 लाख रुपये खर्च किये. कटबन्ध और बैंक सुंदरीकरण पर 28.91 लाख रुपये खर्च दिखाए हैं. सर्विस सड़क मरम्मत पर 1.95 लाख रुपये खर्च हुए हैं. सरकार का आदेश है कि सिल्ट सफाई का भुगतान तब हो जब ड्रोन सर्वे कर लिया जाए. हमें दो साल से किसी भी नहर का ड्रोन सर्वे नहीं मिला है.
गौरी शंकर विदुआ ने आगे कहा कि एक साल में लगभग तीन करोड़ रुपये सिल्ट सफाई पर खर्च कर दिया गया है. इसके कागज हमें नहीं दिए जा रहे हैं. ऐसी-ऐसी नहरों की कागजों पर सिल्ट सफाई दिखा दी है, जो बीस सालों से चली ही नहीं हैं या गायब हो गई हैं. उन नहरों की सफाई दिखाई गई है, जो वर्तमान में हैं ही नहीं. धनौरा नहर, बरगाय नहर, हीरानगर सहित कई अल्पकाय नहरें पटी पड़ी हैं. बीसों साल से इनमें पानी नहीं आ रहा है. इसके बाद यदि ये लोग हमारे करोड़ों रुपये खर्च करेंगे तो हमारे पास आत्महत्या करने के अलावा और क्या रास्ता बचता है.
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