प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को संयुक्त विकास आयुक्त कानपुर नगर एनबी सबिता के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.
सबिता पर न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर विपरीत आदेश करने और मुख्य स्थायी अधिवक्ता पर दोष मढ़ न्यायालय की सहानुभूति प्राप्त करने की तथ्य के विपरीत कोशिश करने का आरोप है. कोर्ट ने कहा कि एनबी सबिता ने न केवल याची के पक्ष में तीन जांच रिपोर्ट के बावजूद फिर जांच बैठाई बल्कि हाईकोर्ट के स्थगनादेश के विपरीत अपीलीय अधिकारी के तौर पर कार्य किया. उन्होंने अपने आपको कानून से ऊपर माना.
यह आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने अमिता तिवारी उर्फ नेहा तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है. इससे पहले कोर्ट ने व्यक्तिगत हलफनामा मांगा, जिसका पालन नहीं किया गया तो हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया. इसके बाद हाजिर होकर हलफनामा दाखिल किया गया.
याची के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की शिकायत की गई, जिसकी जांच में आरोप निराधार पाया गया. दोबारा शिकायत पर फिर दो बार की जांच याची के पक्ष में रही. कोर्ट ने जांच पर रोक लगा दी. इसके बाद भी फिर जांच बैठा दी गई. कोर्ट ने इसे कानून का दुरुपयोग करार दिया और संयुक्त विकास आयुक्त एनबी सबिता के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच कार्यवाही का आदेश दिया है. कोर्ट ने मुख्य स्थायी अधिवक्ता से अगली तारीख पर कृत कार्यवाही की रिपोर्ट पेश करने को कहा है.