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पानी-पानी हुई तरबूज की फसल, किसानों को हुआ करोड़ों का नुकसान

झांसी के धसान नदी स्थित देवरी बांध का जलस्तर बढ़ने से किसानों को खासा नुकसान हुआ है. पानी छोड़े जाने के चलते किसानों की सैकड़ों बीघा तरबूज की फसल जलमग्न हो गई.

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तरबूज की फसल बर्बाद
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Published : Apr 17, 2022, 7:06 PM IST

झांसी: जनपद में धसान नदी स्थित देवरी बांध का जलस्तर अचानक बढ़ने से बांध के किनारे सैकड़ों बीघा में लगी तरबूज की फसल जलमग्न हो गई. इसके चलते सैकड़ों किसानों को नुकसान हुआ है. उनका कहना है कि उन्होंने तरबूज की सैकड़ों बीघा की फसल लगाई थी जो नष्ट हो गई. स्थिति ऐसी है कि किसान अपने खेतों तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं.

तरबूज की फसल बर्बाद

इस दौरान पीड़ित किसान भूबंदी ने कहा कि बांध वालों की मनमानी के चलते बिना सूचना के ही पानी छोड़ दिया जाता है. इसके चलते पिछले 3 सालों से लगातार उनकी फसल इसी तरह बर्बाद हो रही है. उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. भूबंदी ने कहा कि वह 30 से 35 हजार किलो के भाव से बीज लेकर आते हैं. किसी तरह फसल बोते हैं लेकिन जब फसल तैयार होती है तो बांध से पानी छोड़ दिया जाता है. इससे उनकी फसल डूब जाती है. वह भुखमरी की कगार पर आ जाते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले साल अधिकारी जांच करने आए थे और किसानों को आश्वासन दिया गया था कि बांध 37 पॉइंट से ज्यादा नहीं भरा जाएगा. इसके बावजूद पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने सरकार से मुआवजा देने की मांग की.

यह भी पढ़ें- झांसी: पाइपलाइन डाल रहे जल निगम के कर्मचारियों को महिलाओं ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

वहीं, किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिवनारायण सिंह ने बांध किनारे खेतों में पहुंचकर किसानों की डूबी फसल को देखा. सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि चौबीस घंटे के भीतर अगर किसानों की मदद नहीं की गई तो वह पीड़ित किसान के साथ उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

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झांसी: जनपद में धसान नदी स्थित देवरी बांध का जलस्तर अचानक बढ़ने से बांध के किनारे सैकड़ों बीघा में लगी तरबूज की फसल जलमग्न हो गई. इसके चलते सैकड़ों किसानों को नुकसान हुआ है. उनका कहना है कि उन्होंने तरबूज की सैकड़ों बीघा की फसल लगाई थी जो नष्ट हो गई. स्थिति ऐसी है कि किसान अपने खेतों तक भी नहीं पहुंच पा रहे हैं.

तरबूज की फसल बर्बाद

इस दौरान पीड़ित किसान भूबंदी ने कहा कि बांध वालों की मनमानी के चलते बिना सूचना के ही पानी छोड़ दिया जाता है. इसके चलते पिछले 3 सालों से लगातार उनकी फसल इसी तरह बर्बाद हो रही है. उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. भूबंदी ने कहा कि वह 30 से 35 हजार किलो के भाव से बीज लेकर आते हैं. किसी तरह फसल बोते हैं लेकिन जब फसल तैयार होती है तो बांध से पानी छोड़ दिया जाता है. इससे उनकी फसल डूब जाती है. वह भुखमरी की कगार पर आ जाते हैं.

उन्होंने कहा कि पिछले साल अधिकारी जांच करने आए थे और किसानों को आश्वासन दिया गया था कि बांध 37 पॉइंट से ज्यादा नहीं भरा जाएगा. इसके बावजूद पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने सरकार से मुआवजा देने की मांग की.

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वहीं, किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शिवनारायण सिंह ने बांध किनारे खेतों में पहुंचकर किसानों की डूबी फसल को देखा. सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि चौबीस घंटे के भीतर अगर किसानों की मदद नहीं की गई तो वह पीड़ित किसान के साथ उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

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