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ऐतिहासिक 'लोहागढ़ की क्रांति' को याद करने के लिए हुआ अनूठा आयोजन - Jhansi Police

यूपी के झांसी में देश की आजादी की वर्षगांठ पर 'लोहागढ़ की क्रांति' (Revolution of Lohagarh) को याद करने के लिए दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. रविवार को इस अनूठे आयोजन का समापन किया गया.

'लोहागढ़ की क्रांति'.
'लोहागढ़ की क्रांति'.
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Published : Aug 8, 2021, 8:33 PM IST

झांसी: देश की आजादी की वर्षगांठ पर झांसी के 'लोहागढ़ की क्रांति' (Revolution of Lohagarh) को याद करने के लिए दो दिवसीय अनूठे आयोजन का रविवार को समापन हो गया. सेना की व्हाइट टाइगर डिवीजन और जिला प्रशासन ने लोहागढ़ किले से एक साइक्लोथॉन की शुरुआत 7 अगस्त को की थी, जिसका समापन 8 अगस्त रविवार को झांसी किले पर हुआ. यह साइक्लोथॉन कार्यक्रम 75 किलोमीटर का था, जिसकी शुरुआत लोहागढ़ के किले से हुई और समापन झांसी के किले पर हुआ. समापन कार्यक्रम के दौरान सेना के अफसर, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसर मौजूद रहे.

ऐतिहासिक 'लोहागढ़ की क्रांति' को किया याद.
झांसी जिला मुख्यालय से लगभग 75 किमी. की दूरी पर स्थित लोहागढ़ का किला आजादी की पहली लड़ाई के दौरान की बहादुरी भरी कहानी का गवाह है. यह स्थान आजादी की पहली लड़ाई के दौरान एक छोटी सी रियासत के निवासियों व सैनिकों और अंग्रेजी सेना के बीच हुए युद्ध का स्मारक है, जिसमें लोहागढ़ के सैकड़ों लोगों की जान गई थी. अंग्रेजों से युद्ध के दौरान स्थिति कमजोर होने पर झांसी से कालपी कूच कर रही रानी लक्ष्मीबाई का पीछा कर रहे अंग्रेज सैनिकों को रोकने के लिए लोहागढ़ में युद्ध हुआ था. यहां बहुत सारे स्थानीय लोगों और लोहागढ़ के सिपाहियों की जान गई थी.
साइक्लोथॉन कार्यक्रम (Cyclothon Program) के समापन के मौके पर भारतीय सेना के मेजर जनरल विपुल सिंघल ने इस मौके पर कहा कि यह कार्यक्रम हमने सेना, पुलिस और सिविल प्रशासन के साथ मिलकर किया है. हमारे फौजी, एनसीसी के बच्चे और स्कूल के बच्चों ने हिस्सा लिया. ऐतिहासिक लोहागढ़ फोर्ट से 75 साइकलिस्ट ने 75 किमी. आजादी के प्रतीक झांसी फोर्ट तक साइकिल किया. पूरी झांसी में आजादी को लेकर भावना उत्पन्न करने के मकसद से हमने आयोजन किया. इससे हम सबको देश के प्रति उत्साह से काम करने की प्रेरणा मिलेगी.

झांसी: देश की आजादी की वर्षगांठ पर झांसी के 'लोहागढ़ की क्रांति' (Revolution of Lohagarh) को याद करने के लिए दो दिवसीय अनूठे आयोजन का रविवार को समापन हो गया. सेना की व्हाइट टाइगर डिवीजन और जिला प्रशासन ने लोहागढ़ किले से एक साइक्लोथॉन की शुरुआत 7 अगस्त को की थी, जिसका समापन 8 अगस्त रविवार को झांसी किले पर हुआ. यह साइक्लोथॉन कार्यक्रम 75 किलोमीटर का था, जिसकी शुरुआत लोहागढ़ के किले से हुई और समापन झांसी के किले पर हुआ. समापन कार्यक्रम के दौरान सेना के अफसर, स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अफसर मौजूद रहे.

ऐतिहासिक 'लोहागढ़ की क्रांति' को किया याद.
झांसी जिला मुख्यालय से लगभग 75 किमी. की दूरी पर स्थित लोहागढ़ का किला आजादी की पहली लड़ाई के दौरान की बहादुरी भरी कहानी का गवाह है. यह स्थान आजादी की पहली लड़ाई के दौरान एक छोटी सी रियासत के निवासियों व सैनिकों और अंग्रेजी सेना के बीच हुए युद्ध का स्मारक है, जिसमें लोहागढ़ के सैकड़ों लोगों की जान गई थी. अंग्रेजों से युद्ध के दौरान स्थिति कमजोर होने पर झांसी से कालपी कूच कर रही रानी लक्ष्मीबाई का पीछा कर रहे अंग्रेज सैनिकों को रोकने के लिए लोहागढ़ में युद्ध हुआ था. यहां बहुत सारे स्थानीय लोगों और लोहागढ़ के सिपाहियों की जान गई थी.
साइक्लोथॉन कार्यक्रम (Cyclothon Program) के समापन के मौके पर भारतीय सेना के मेजर जनरल विपुल सिंघल ने इस मौके पर कहा कि यह कार्यक्रम हमने सेना, पुलिस और सिविल प्रशासन के साथ मिलकर किया है. हमारे फौजी, एनसीसी के बच्चे और स्कूल के बच्चों ने हिस्सा लिया. ऐतिहासिक लोहागढ़ फोर्ट से 75 साइकलिस्ट ने 75 किमी. आजादी के प्रतीक झांसी फोर्ट तक साइकिल किया. पूरी झांसी में आजादी को लेकर भावना उत्पन्न करने के मकसद से हमने आयोजन किया. इससे हम सबको देश के प्रति उत्साह से काम करने की प्रेरणा मिलेगी.
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