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झांसी: आठ देशों के हिन्दी प्रेमी पहुंचे बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, हिन्दी का किया बखान

उत्तर प्रदेश के झांसी में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय पहुंचे आठ देशों के सोलह सदस्यीय दल के हिन्दी प्रेमियों ने हिंदी सीखने की ललक का बखान किया. हिन्दी को लेकर उन्होंने अपने अनुभव बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्थानीय साहित्यकारों से साझा किए.

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय.
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Published : Oct 23, 2019, 9:19 PM IST

झांसी: हिन्दी भाषा सीखने और बोलने की ललक पूरी दुनिया में बढ़ रही है. कुछ लोग शौकिया तौर पर तो कुछ व्यावसायिक जरूरतों के कारण हिन्दी भाषा सीख रहे हैं. आठ देशों के सोलह सदस्यों के हिन्दी भाषा प्रेमियों के दल ने झांसी का दो दिनों का दौरा किया और हिन्दी को लेकर अपने अनुभव बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्थानीय साहित्यकारों से साझा किए.

जानकारी देते बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रवक्ता.

झांसी पहुंचे आठ देशों के हिंदी प्रेमी-

यूके हिन्दी समिति के सहयोग से भारत भ्रमण पर आए इस दल में ब्रिटेन,जर्मनी, फ्रांस, त्रिनिदाद, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका सहित आठ देशों के हिन्दी भाषा प्रेमी मौजूद रहे. इस दल ने विभिन्न साहित्यिक समूहों से मुलाकात की. इस दौरान बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों से भी संवाद हुआ. इस दल में चार सदस्य ऐसे हैं, जिन्होंने यूके हिन्दी समिति की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था और विजेता के तौर पर समिति के खर्चे पर वे भारत भ्रमण पर आए हैं.

ये भी पढ़ें:-Exclusive : बीसीसीआई प्रेसिडेंट बनने के बाद सौरव गांगुली ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रवक्ता डॉ. पुनीत बिसारिया बताते हैं-

यूके हिन्दी समिति लंदन से आठ देशों के विद्यार्थी और उनके अभिभावक भारत की यात्रा पर आए. इस दौरान वे बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में आए. जर्मनी की छात्रा ने बताया कि उसने हिंदी फिल्मों के गानों से आकर्षित होकर, गाने का मतलब समझने के लिए हिन्दी भाषा सीखी. इसी तरह लंदन की एक डॉक्टर ने इसलिए हिन्दी भाषा सीखी, क्योंकि उसके ज्यादातर मरीज हिंदी भाषी है और मरीजों से संवाद की दिक्कत दूर करने के लिए उन्होंने हिंदी भाषा सीखी.

झांसी: हिन्दी भाषा सीखने और बोलने की ललक पूरी दुनिया में बढ़ रही है. कुछ लोग शौकिया तौर पर तो कुछ व्यावसायिक जरूरतों के कारण हिन्दी भाषा सीख रहे हैं. आठ देशों के सोलह सदस्यों के हिन्दी भाषा प्रेमियों के दल ने झांसी का दो दिनों का दौरा किया और हिन्दी को लेकर अपने अनुभव बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों, शिक्षकों और स्थानीय साहित्यकारों से साझा किए.

जानकारी देते बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रवक्ता.

झांसी पहुंचे आठ देशों के हिंदी प्रेमी-

यूके हिन्दी समिति के सहयोग से भारत भ्रमण पर आए इस दल में ब्रिटेन,जर्मनी, फ्रांस, त्रिनिदाद, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका सहित आठ देशों के हिन्दी भाषा प्रेमी मौजूद रहे. इस दल ने विभिन्न साहित्यिक समूहों से मुलाकात की. इस दौरान बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शिक्षकों से भी संवाद हुआ. इस दल में चार सदस्य ऐसे हैं, जिन्होंने यूके हिन्दी समिति की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था और विजेता के तौर पर समिति के खर्चे पर वे भारत भ्रमण पर आए हैं.

ये भी पढ़ें:-Exclusive : बीसीसीआई प्रेसिडेंट बनने के बाद सौरव गांगुली ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत

बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रवक्ता डॉ. पुनीत बिसारिया बताते हैं-

यूके हिन्दी समिति लंदन से आठ देशों के विद्यार्थी और उनके अभिभावक भारत की यात्रा पर आए. इस दौरान वे बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में आए. जर्मनी की छात्रा ने बताया कि उसने हिंदी फिल्मों के गानों से आकर्षित होकर, गाने का मतलब समझने के लिए हिन्दी भाषा सीखी. इसी तरह लंदन की एक डॉक्टर ने इसलिए हिन्दी भाषा सीखी, क्योंकि उसके ज्यादातर मरीज हिंदी भाषी है और मरीजों से संवाद की दिक्कत दूर करने के लिए उन्होंने हिंदी भाषा सीखी.

Intro:नोट - विजुअल का एक फाइल रैप से भेजा गया है।

झांसी. हिन्दी भाषा सीखने और बोलने की ललक पूरी दुनिया में बढ़ रही है। कुछ लोग शौकिया तौर पर तो कुछ व्यावसायिक जरूरतों के कारण हिन्दी भाषा सीख रहे हैं। आठ देशों के सोलह सदस्यों के हिन्दी भाषा प्रेमियों के दल ने झांसी का दो दिनों का दौरा किया और हिन्दी को लेकर अपने अनुभव बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के विद्यार्थियों, शिक्षकों व स्थानीय साहित्यकारों से साझा किए।


Body:यूके हिन्दी समिति के सहयोग से भारत भ्रमण पर आये इस दल में ब्रिटेन,जर्मनी, फ्रांस, त्रिनिदाद, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका सहित आठ देशों के हिन्दी भाषा प्रेमी मौजूद रहे। इस दल ने सोमवार और मंगलवार को विभिन्न साहित्यिक समूहों से मुलाकात की। इस दौरान बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों से भी संवाद हुआ। इस दल में चार सदस्य ऐसे हैं जिन्होंने यूके हिन्दी समिति की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था और विजेता के तौर पर समिति के खर्चे पर वे भारत भ्रमण पर आए हैं।


Conclusion:बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रवक्ता डॉ पुनीत बिसारिया बताते हैं कि यूके हिन्दी समिति लन्दन से आठ देशों के विद्यार्थी और उनके अभिभावक भारत की यात्रा पर आए और इसी श्रृंखला में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग आये। जर्मनी की छात्रा ने बताया कि उसने हिन्दी फिल्मों के गानों से आकर्षित होकर उसका मतलब समझने के लिए हिन्दी भाषा सीखी। इसी तरह लन्दन की एक डॉक्टर ने इसलिए हिन्दी सीखी क्योंकि उसके ज्यादातर मरीज हिन्दी भाषी है और उनसे संवाद की दिक्कत दूर करने के लिए उन्होंने हिन्दी सीखी।

बाइट - डॉ पुनीत बिसारिया - प्रवक्ता, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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