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पराली जलाने को लेकर उच्चस्तरीय बैठक, 20 किसानों पर मुकदमा दर्ज - high level meeting in jhansi

यूपी के झांसी में चार उप जिलाधिकारियों ने पुलिस एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पराली के मामलों पर कारगर कदम उठाने पर चर्चा की. इस दौरान 20 किसानों पर विभिन्न थानों में मुकदमा भी दर्ज करवाए गए. बता दें कि गत दिनों सैटेलाइट के जरिए जनपद में जलाई जा रही पराली की तस्वीरे सामने आई थीं.

बैठक के दौरान अधिकारी.
बैठक के दौरान अधिकारी.
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Published : Nov 15, 2020, 10:46 PM IST

झांसीः जनपद में पराली जलाने के आरोप में मोठ तहसील के 20 किसानों के खिलाफ तहसील क्षेत्र के विभिन्न थानों में मुकदमा पंजीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं. करीब चार दर्जन से अधिक किसानों को नोटिस जारी किए गए. पिछले तीन दिनों में जनपद झांसी में 71 स्थानों पर पराली जलाने के मामले सैटेलाइट के जरिए पकड़े गए हैं. इसके बाद प्रशासन सतर्क हो गया.

पराली जलाने में झांसी प्रदेश में नंबर वन
बता दें कि जनपद में लगातार जल रही पराली को लेकर रविवार को मोठ तहसील सभागार में अपर जिलाधिकारी प्रशासन के साथ झांसी जनपद के चार उप जिलाधिकारियों ने पुलिस एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पराली के मामलों पर कारगर कदम उठाने पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ मुकदमा लिखाने का निर्णय लिया. अपर जिलाधिकारी बी प्रसाद ने कहा कि पिछले 3 दिनों में मोठ तहसील में 71 जगह पर पराली जलाई गई. सैटेलाइट द्वारा झांसी जनपद के मोठ तहसील क्षेत्र में करीब एक दर्जन से अधिक गांव में पराली जलाने के मामले पकड़े गए हैं. पिछले तीन दिनों में पराली जलाने के मामले में झांसी जनपद उत्तर प्रदेश में अव्वल स्थान पर पहुंच गया है.

सैटेलाइट ने दी पराली जलाने की जानकारी
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि पिछले तीन दिनों के अंदर बेहताशा रूप से तहसील क्षेत्र में पराली के मामले सामने आए हैं. 12 नवंबर को 22, 13 नवंबर को 19 तथा 14 नवंबर को 30 स्थानों पर पराली के मामले सैटेलाइट से पकड़े गए हैं. सैटेलाइट द्वारा दी गई जानकारी के बाद झांसी जनपद पराली जलाने के मामले में प्रदेश में पहले स्थान पर पहुंच गया है जो चिंतनीय विषय है.

मोठ में 71 स्थानों पर जलाई गई पराली
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों का यह कार्य सर्वोच्च न्यायालय और शासन की मंशा के विपरीत है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी किसान पराली जला रहे हैं जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. शासन ने इस पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है. फिर भी मात्र तीन दिनों के अंदर ही 71 स्थानों पर पराली जलाई गई. यह काफी विचारणीय प्रश्न है. अपर जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों को हर तरह से जागरूक किया जाए. उन्हें पराली से हो रहे नुकसान के बारे में प्लॉट टू प्लॉट गांव स्तर पर पहुंचकर समझाया जाए.

इन गांवों में जलाई गई पराली
जानकारी के अनुसार ग्राम भरोसा, परहगना, बकवा बुजुर्ग, अमरगढ़, अटरिया, लावन, सेमरी पथर्रा, बकुवा बुजुर्ग ,गडूका आदि ग्रामों में अधिक पराली जलाने की जानकारी दी गई. एडीएम ने बताया कि पराली जलाने से अधिक प्रदूषण फैल रहा है, जिस वजह से लोगों को पराली को लेकर गम्भीर होना चाहिए. पराली जलाने से वातावरण मे प्रदूषण होता है और खेतों में भी फसलों की पैदावार कम होने लगती है.

ग्रामीण स्तर पर तीन सदस्य टीम का गठन
पराली को लेकर एडीएम ने ग्रामीण स्तर पर तीन सदस्य टीम गठित करने काे निर्देशित किया है कि ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल और ग्राम प्रधान ग्रामों में लोगों को गोष्टी के माध्यम से जागरूक करें. प्रत्येक ग्राम पंचायत में डुग्गी पिटवाई जाए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को पराली जलाने से नुकसान एवं जो किसान जानबूझकर पराली जला रहे हैं उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए. जिससे लोगों में पराली को लेकर गंभीरता आए और पराली ना जलाई जाए.

किसान यूनियनों को भी दी नसीहत
बैठक के दौरान ग्राम प्रधानों के अलावा किसान यूनियन के पदाधिकारियों को भी पराली न जलाने के बारे में नसीहत दी गई. एडीएम ने सैटेलाइट के माध्यम से दी गई जानकारी के आधार पर तहसील क्षेत्र के विभिन्न थानों में मोठ, समथर ओर शाहजहांपुर में 20 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तहरीर दी गई. इसके अलावा चार दर्जन से अधिक किसानों को नोटिस दिए. बैठक में प्रशानिक पुलिस, कृषि विभाग के अधिकारियों के अलावा,राजस्व निरीक्षक, लेखपाल, ग्राम प्रधान, किसान यूनियन के पदाधिकारी मौजद रहे.

गांवों का किया भ्रमण
बैठक के पहले अपर जिला अधिकारी प्रशासन ने एसडीएम मोठ, एसडीएम मऊरानीपुर, एसडीएम टहरौली और एसडीएम गरौठा के साथ मोठ तहसील के विभिन्न ग्रामों में भ्रमण भी किया. साथ ही पराली की हकीकत को समझा. प्रशासनिक अमले के साथ कृषि विभाग और पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक का संचालन तहसीलदार डॉ लाल कृष्ण ने किया.

झांसीः जनपद में पराली जलाने के आरोप में मोठ तहसील के 20 किसानों के खिलाफ तहसील क्षेत्र के विभिन्न थानों में मुकदमा पंजीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं. करीब चार दर्जन से अधिक किसानों को नोटिस जारी किए गए. पिछले तीन दिनों में जनपद झांसी में 71 स्थानों पर पराली जलाने के मामले सैटेलाइट के जरिए पकड़े गए हैं. इसके बाद प्रशासन सतर्क हो गया.

पराली जलाने में झांसी प्रदेश में नंबर वन
बता दें कि जनपद में लगातार जल रही पराली को लेकर रविवार को मोठ तहसील सभागार में अपर जिलाधिकारी प्रशासन के साथ झांसी जनपद के चार उप जिलाधिकारियों ने पुलिस एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर पराली के मामलों पर कारगर कदम उठाने पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ मुकदमा लिखाने का निर्णय लिया. अपर जिलाधिकारी बी प्रसाद ने कहा कि पिछले 3 दिनों में मोठ तहसील में 71 जगह पर पराली जलाई गई. सैटेलाइट द्वारा झांसी जनपद के मोठ तहसील क्षेत्र में करीब एक दर्जन से अधिक गांव में पराली जलाने के मामले पकड़े गए हैं. पिछले तीन दिनों में पराली जलाने के मामले में झांसी जनपद उत्तर प्रदेश में अव्वल स्थान पर पहुंच गया है.

सैटेलाइट ने दी पराली जलाने की जानकारी
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि पिछले तीन दिनों के अंदर बेहताशा रूप से तहसील क्षेत्र में पराली के मामले सामने आए हैं. 12 नवंबर को 22, 13 नवंबर को 19 तथा 14 नवंबर को 30 स्थानों पर पराली के मामले सैटेलाइट से पकड़े गए हैं. सैटेलाइट द्वारा दी गई जानकारी के बाद झांसी जनपद पराली जलाने के मामले में प्रदेश में पहले स्थान पर पहुंच गया है जो चिंतनीय विषय है.

मोठ में 71 स्थानों पर जलाई गई पराली
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों का यह कार्य सर्वोच्च न्यायालय और शासन की मंशा के विपरीत है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी किसान पराली जला रहे हैं जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. शासन ने इस पर पूरी तरह से पाबंदी लगा रखी है. फिर भी मात्र तीन दिनों के अंदर ही 71 स्थानों पर पराली जलाई गई. यह काफी विचारणीय प्रश्न है. अपर जिलाधिकारी ने कहा कि किसानों को हर तरह से जागरूक किया जाए. उन्हें पराली से हो रहे नुकसान के बारे में प्लॉट टू प्लॉट गांव स्तर पर पहुंचकर समझाया जाए.

इन गांवों में जलाई गई पराली
जानकारी के अनुसार ग्राम भरोसा, परहगना, बकवा बुजुर्ग, अमरगढ़, अटरिया, लावन, सेमरी पथर्रा, बकुवा बुजुर्ग ,गडूका आदि ग्रामों में अधिक पराली जलाने की जानकारी दी गई. एडीएम ने बताया कि पराली जलाने से अधिक प्रदूषण फैल रहा है, जिस वजह से लोगों को पराली को लेकर गम्भीर होना चाहिए. पराली जलाने से वातावरण मे प्रदूषण होता है और खेतों में भी फसलों की पैदावार कम होने लगती है.

ग्रामीण स्तर पर तीन सदस्य टीम का गठन
पराली को लेकर एडीएम ने ग्रामीण स्तर पर तीन सदस्य टीम गठित करने काे निर्देशित किया है कि ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल और ग्राम प्रधान ग्रामों में लोगों को गोष्टी के माध्यम से जागरूक करें. प्रत्येक ग्राम पंचायत में डुग्गी पिटवाई जाए, जिससे प्रत्येक व्यक्ति को पराली जलाने से नुकसान एवं जो किसान जानबूझकर पराली जला रहे हैं उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाए. जिससे लोगों में पराली को लेकर गंभीरता आए और पराली ना जलाई जाए.

किसान यूनियनों को भी दी नसीहत
बैठक के दौरान ग्राम प्रधानों के अलावा किसान यूनियन के पदाधिकारियों को भी पराली न जलाने के बारे में नसीहत दी गई. एडीएम ने सैटेलाइट के माध्यम से दी गई जानकारी के आधार पर तहसील क्षेत्र के विभिन्न थानों में मोठ, समथर ओर शाहजहांपुर में 20 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तहरीर दी गई. इसके अलावा चार दर्जन से अधिक किसानों को नोटिस दिए. बैठक में प्रशानिक पुलिस, कृषि विभाग के अधिकारियों के अलावा,राजस्व निरीक्षक, लेखपाल, ग्राम प्रधान, किसान यूनियन के पदाधिकारी मौजद रहे.

गांवों का किया भ्रमण
बैठक के पहले अपर जिला अधिकारी प्रशासन ने एसडीएम मोठ, एसडीएम मऊरानीपुर, एसडीएम टहरौली और एसडीएम गरौठा के साथ मोठ तहसील के विभिन्न ग्रामों में भ्रमण भी किया. साथ ही पराली की हकीकत को समझा. प्रशासनिक अमले के साथ कृषि विभाग और पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे. बैठक का संचालन तहसीलदार डॉ लाल कृष्ण ने किया.

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