झांसी: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते बनाए गए शेल्टर होम में अलग-अलग बीमारियों की समस्याएं बताई जा रही हैं. पैर में चोट, बीपी की समस्या, धुंधलापन, कोरोना जांच की रिपोर्ट का इंतजार. शेल्टर होम्स में रहने वालों की ये समस्याएं सिर्फ बानगी भर हैं. स्वास्थ्य विभाग ऐसी हजारों समस्याओं का निदान करने में जुटा है. विभाग सामान्य चिकित्सकों के अलावा मनोचिकित्सक भी भेज रहा है.
कोविड-19 संक्रमण के कारण जनपद में 6 शेल्टरहोम व क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इन केन्द्रों पर पहले सिर्फ मानसिक समस्याओं के निदान हेतु मानसिक स्वास्थ्य टीम जा रही थी. कुछ ही दिनों बाद प्रशासन के आदेश पर अन्य बीमारियों के इलाज हेतु चिकित्सकों की टीम जाने लगी. शेल्टर होम के नोडल आधिकारी डॉ. एस के खत्री ने बताया कि शुरुआत में डॉक्टर की टीम जरूरत के हिसाब से विभिन्न स्थानों पर भेजी जाती थी, लेकिन अब यह हमारे साथ ही जाती है. सभी शेल्टर होम में एक फर्स्ट एड किट भी मुहैया कराई गई है और वहां के मैनेजर को प्रशिक्षित कर दिया गया है. ज्यादा समस्या होने पर वह फोन के जरिये भी मदद ले लेते हैं.
रोज 5-6 जगहों पर जाती है मेडिकल टीम
मनोचिकित्सक पंकज तिवारी ने बताया कि काउन्सलर ब्रजराज सिंह और डॉक्टर सहित हमारी टीम प्रतिदिन जनपद के कम से कम 5-6 स्थानों पर जाकर लोगों की काउंसिलिंग करती है. टीम उनकी समस्याओं को सुनती है और उनका निराकरण के लिए हर संभव प्रयास करती है.
रमजान के दौरान भी शेल्टर होम में जाकर दी सेवा
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम के डॉ. अज़हर ने रमजान के दौरान शेल्टर होम में जाकर सेवा दी थी. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों प्रवासी मजदूर के सात वर्षीय बेटे साहिल के टूटे पैर का टीम की मदद से इलाज कराया गया. इसी के साथ बहुत से ऐसे लोगों का उपचार किया गया, जिनके पांव, आंखों व दांतों में समस्याएं थीं. उनमें से कई सर्दी, बुखार से पीड़ित थे. टीम के सदस्य लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं और समस्यानुसार दवाइयां भी देते हैं.