झांसी: जनपद में 13 अप्रैल को बड़ागांव क्षेत्र में हुए असद और गुलाम एनकाउंटर पर सवालिया निशान लगाते हुए अधिकार सेना के संस्थापक और पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर शनिवार को घटनास्थल पर पहुंचे. इस दौरान पूर्व IPS ने पूरे घटनाक्रम को बारीकी से समझा और कई साक्ष्य भी इकठ्ठा किए. ईटीवी भारत से खास बात करते हुए अमिताभ ठाकुर ने प्रयागराज में हुई अतीक और असरफ की हत्या पर भी सवालिया निशान खड़े किए. इस बीच पूर्व आईपीएस ने अपना भी एनकाउंटर होने की बात कही.
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने आगे कहा कि वह अतीक-अशरफ की हत्या वाली जगह पर भी गए थे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अतीक-अशरफ हत्या में जांच करने की सुप्रीम कोर्ट में याचिका फाइल की है. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने भी एक सवाल पूछा था. कि जब अतीक अहमद को एक हॉटस्पॉट व्यक्ति बताया जा रहा था और उसको जान का खतरा था तो अस्पताल के बाहर 150 मीटर की दूरी पर गाड़ी रोक कर अतीक-अशरफ को क्यो उतारा गया. उसके बाद वहां से पैदल अस्पताल तक ले जाया गया जबकि गाड़ी अस्पताल के अंदर भी जा सकती थी. इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने एक सवाल और भी पूछा कि अतीक और अशरफ वहां जा रहे हैं तो यह किसी को मालूम कैसे चला.
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने आगे कहा कि मैंने दोनों घटनाओं के मौके पर जाकर देखा, जिससे घटनाओं को कई दिशाओं में सोचने की क्षमता बढ़ती है. मैं अपने हिसाब से साक्ष्य और सबूतों को इकट्ठा कर रहा हूं जिसमें ऐसे कई बिंदु हैं जो असद और गुलाम के एनकाउंटर पर सवालिया निशान लगा रहे है. उन्होंने आगे कहा कि वह अपनी रिपोर्ट तैयार कर संगठन के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करेंगे. इसी के साथ सभी समक्ष अधिकारियों को पेश भी करेंगे.
पूर्व आईपीएस का मानना है कि कुछ चुनिंदा लोगों को राज्य के दुश्मन मानकर पॉलीटिकल गेम तैयार किया जा रहा है जो यह हो रहा है वह समाज के लिए खतरा है. वोट को और अन्य चीजों को लेकर इस प्रकार की घटनाएं होने लगेंगी, तो ऐसी घटनाएं देश और समाज के लिए घातक साबित होगी. वहीं, पूरे प्रदेश में लगातार हो रहे हाफ एनकाउंटर के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा उन्होंने पिछले कई सालों से दो नए शब्द सुने हैं. हाफ एनकाउंटर और फुल एनकाउंटर जैसे पहले हाफ अंडा फ्राई और फुल अंडा फ्राई हुआ करता था. उसी तरह से अब हाफ एनकाउंटर और फुल एनकाउंटर भी होने लगे हैं.
हाफ एनकाउंटर में पैर में गोली मारी जाती है और फुल एनकाउंटर में सीने में गोली मारी जाती है. अपनी मर्जी का शासन चल रहा है, यह सब घटनाएं उनके साथ हो रही हैं जो उनके विपक्षी है. अभी तक उन्होंने किसी भी ऐसे अपराधी के साथ ऐसी घटनाएं होते न देखी है और न सुनी है जो उनका(सरकार) विरोधी न हो. उन्होंने वाराणसी जाकर भी कई अपराधियों के नाम बताए तो उनके घर पर न ही बुलडोजर चला, और न ही उनका एनकाउंटर हुआ. पूर्वआईपीएस ने आशंका जताते हुए बताया कि आज मैं बोल रहा हूं कि कल कहीं एनकाउंटर हो जाए और उनके बगल में एक पाकिस्तान की पिस्टल और एक बिना नंबर की गाड़ी पड़ी मिले.
इसमें सब कुछ इनका ही हो. FIR भी इनकी, कहानी भी इनकी और गोली भी इनकी. अब डुगडुगी पिटवा कर एनकाउंटर हो रहे, पुलिस को बल दिया जा रहा है. एसटीएफ, एसओजी और थाना पुलिस भ्रष्टाचार में लिप्त है. सरकार एक अपराध को समाप्त करने के लिए कई अपराध पैदा कर रही है. उन्होंने लगातार हो रही मुठभेड़ की घटनाओं को फेक बताते हुए कहा की मुठभेड़ अचानक होती है. यह योजनाबद्ध तरीके से एनकाउंटर कर रहे है. सरकार जनता की झूठी वाह-वाही लूट रही है. उन्होंने कहा की अगर झांसी सिटी मजिस्ट्रेट से उनको मिलने का समय मिल जाता है, तो उनसे भी मुलाकात करेंगे. क्यों असद और उसके साथी गुलाम के एनकाउंटर के बाद झांसी जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने इस मामले पर जांच के आदेश दिए थे.