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झांसी : किसानों को नहीं भाया बजट, बोले- 6 हजार में तो खाद-बीज भी नहीं आएगा

झांसी में किसानों ने मोदी सरकार के बजट पर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. कुछ किसानों ने बजट का स्वागत किया तो वहीं कुछ किसानों को बजट नहीं भाया.

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Published : Feb 1, 2019, 2:22 PM IST

Updated : Feb 4, 2019, 6:09 PM IST

राय देते किसान.

झांसी : केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट में किसानों के लिए गए ऐलान का जहां कुछ किसान स्वागत कर रहे हैं तो वहीं कुछ किसान बजट को लेकर सवाल उठा रहे हैं. जिले में किसानों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. किसान 2 हेक्टेयर की सीमा को उचित नहीं मानते. साथ ही छह हजार रुपये की मदद को भी कम मानते हैं.

बजट पर अपनी राय देते किसान.
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किसान गोविंद दास कहते हैं कि इतने में तो खाद-बीज की भी व्यवस्था नहीं हो पाएगी. वहीं प्रताप कुशवाहा कहते हैं कि महीने में पांच सौ रुपये सरकार देगी. इससे बेहतर तो एक दिन में मजदूरी कर तीन सौ रुपये कमा सकते हैं. वहीं किसान करोड़ी यादव कहते हैं कि बड़े काश्तकारों को भी इसका फायदा मिलना चाहिए था.


बृज किशोर पाल का कहना है कि बड़ी जोत के किसान खाद्यान्न की आपूर्ति करते हैं. उनको भी लाभ दिया जाना चाहिए था. वहीं शंभू दयाल का कहना है कि योजना का लाभ सभी किसानों को मिलना चाहिये.

झांसी : केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट में किसानों के लिए गए ऐलान का जहां कुछ किसान स्वागत कर रहे हैं तो वहीं कुछ किसान बजट को लेकर सवाल उठा रहे हैं. जिले में किसानों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है. किसान 2 हेक्टेयर की सीमा को उचित नहीं मानते. साथ ही छह हजार रुपये की मदद को भी कम मानते हैं.

बजट पर अपनी राय देते किसान.
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किसान गोविंद दास कहते हैं कि इतने में तो खाद-बीज की भी व्यवस्था नहीं हो पाएगी. वहीं प्रताप कुशवाहा कहते हैं कि महीने में पांच सौ रुपये सरकार देगी. इससे बेहतर तो एक दिन में मजदूरी कर तीन सौ रुपये कमा सकते हैं. वहीं किसान करोड़ी यादव कहते हैं कि बड़े काश्तकारों को भी इसका फायदा मिलना चाहिए था.


बृज किशोर पाल का कहना है कि बड़ी जोत के किसान खाद्यान्न की आपूर्ति करते हैं. उनको भी लाभ दिया जाना चाहिए था. वहीं शंभू दयाल का कहना है कि योजना का लाभ सभी किसानों को मिलना चाहिये.

Intro:झांसी. केन्द्र सरकार के अंतरिम बजट में किसानों के लिए गए ऐलान का जहां कुछ किसान स्वागत कर रहे हैं तो कुछ ने सवाल उठाए। झांसी में किसानों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है। किसान 2 हेक्टेयर की सीमा को उचित नहीं मानते। साथ ही छह हजार रुपए की मदद को भी कम मानते हैं।


Body:गोविंद दास कहते हैं कि इतने में तो खाद-बीज की भी व्यवस्था नहीं हो पाएगी। प्रताप कुशवाहा कहते हैं कि महीने में पांच सौ रुपए सरकार देगी। इससे बेहतर तो एक दिन में मजदूरी कर तीन सौ रुपये कमा सकते हैं। करोड़ी यादव कहते हैं कि बड़े काश्तकारों को भी इसका फायदा मिलना चाहिए था।


Conclusion:बृज किशोर पाल कहते हैं कि बड़ी जोत के किसान खाद्यान्न की आपूर्ति करते हैं। उनको भी लाभ दिया जाना चाहिए था। शंभू दयाल कहते हैं कि योजना का लाभ सभी किसानों को मिलना चाहिये। बाइट - गोविंद दास - किसान बाइट - प्रताप कुशवाहा - किसान बाइट - करोड़ी यादव - किसान बाइट - बृज किशोर पाल - किसान बाइट - शंभू दयाल - किसान लक्ष्मी नारायण शर्मा झांसी 9454013045
Last Updated : Feb 4, 2019, 6:09 PM IST
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