झांसी: माल लदान के क्षेत्र में झांसी रेल मंडल ने एक और उपलब्धि हासिल की है. मण्डल ने इस साल नवम्बर महीने में औसतन हर रोज 408 वैगनों पर लदान किया. पिछले साल नवंबर महीने में प्रतिदिन औसतन 318 वैगनों में लदान किया गया था. इस लिहाज से इस साल नवम्बर महीने में पिछले साल की तुलना में 90 अधिक वैगनों पर लदान किया गया.
100 टन प्रतिदिन लदान में बढ़ोतरी
इस साल नवंबर महीने में माल लदान वजन के हिसाब से औसतन हर रोज 610 टन माल का लदान किया गया. पिछले साल नवम्बर महीने में और हर रोज 510 टन माल का लदान किया गया. वजन के लिहाज से पिछले साल के नवम्बर की तुलना में इस साल के नवम्बर महीने में 100 टन माल प्रतिदिन का अधिक लदान किया गया.
फ्लाई ऐश और खाद्यान्न ढुलाई से राजस्व बढ़ोतरी
झांसी मण्डल रेलवे के अफसरों का कहना है कि खाद्यान्न के साथ ही अन्य वस्तुओं के लदान में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इसके तहत कई तरह की रियायतें दी गईं. उदयपुरा से फ्लाई ऐश के लदान का नया काम शुरू हुआ और बांग्लादेश को खाद्य पदार्थ के निर्यात का काम शुरू होने से भी रेलवे को काफी राजस्व का लाभ हुआ है.
कोरोना काल में झांसी रेल मण्डल ने माल लदान का बनाया रिकॉर्ड - झांसी न्यूज
कोरोना संकट के दौरान झांसी रेल मण्डल ने माल लोडिंग का रिकॉर्ड बनाया है. मण्डल ने इस साल नवम्बर महीने में औसतन हर रोज 408 वैगनों पर लदान किया.
झांसी: माल लदान के क्षेत्र में झांसी रेल मंडल ने एक और उपलब्धि हासिल की है. मण्डल ने इस साल नवम्बर महीने में औसतन हर रोज 408 वैगनों पर लदान किया. पिछले साल नवंबर महीने में प्रतिदिन औसतन 318 वैगनों में लदान किया गया था. इस लिहाज से इस साल नवम्बर महीने में पिछले साल की तुलना में 90 अधिक वैगनों पर लदान किया गया.
100 टन प्रतिदिन लदान में बढ़ोतरी
इस साल नवंबर महीने में माल लदान वजन के हिसाब से औसतन हर रोज 610 टन माल का लदान किया गया. पिछले साल नवम्बर महीने में और हर रोज 510 टन माल का लदान किया गया. वजन के लिहाज से पिछले साल के नवम्बर की तुलना में इस साल के नवम्बर महीने में 100 टन माल प्रतिदिन का अधिक लदान किया गया.
फ्लाई ऐश और खाद्यान्न ढुलाई से राजस्व बढ़ोतरी
झांसी मण्डल रेलवे के अफसरों का कहना है कि खाद्यान्न के साथ ही अन्य वस्तुओं के लदान में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इसके तहत कई तरह की रियायतें दी गईं. उदयपुरा से फ्लाई ऐश के लदान का नया काम शुरू हुआ और बांग्लादेश को खाद्य पदार्थ के निर्यात का काम शुरू होने से भी रेलवे को काफी राजस्व का लाभ हुआ है.