झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी रेलवे कारखाने में कार्यरत एक कर्मचारी और उसके बेटे पर एक व्यक्ति ने ठगी करने का आरोप लगाया है. आरोप है कि पीड़ित से सरकारी नौकरी के नाम पर दस्तावेज लेकर बैंक अकाउंट खुलवा लिया गया, इसके बाद अलग-अलग शहरों में सैंकड़ों लोगों से फर्जीवाड़ा कर पैसे मंगाए गए. उसके द्वारा पुलिस अधिकारियों का चक्कर काटने और मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं हुई. पीड़ित पिता ने झांसी जिला अदालत पहुंचकर अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्याय की गुहार लगाई है. न्यायालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों ही आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
देश में जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है, वैसे-वैसे अपराधी साइबर फ्रॉड करने के नए-नए तरीके निकालकर आम जनता को अपनी ठगी का शिकार बना रहे हैं. ऐसे ही एक मामला झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां रक्सा निवासी हरप्रसाद ने जिला न्यायालय में प्रार्थना पत्र देते हुए न्याय की गुहार लगाई है. पीड़ित ने बताया कि वह एक मजदूर है. उसका बेटा मनीष वर्मा झांसी में 4 हजार रुपये प्रतिमाह पर कपड़े की दुकान पर काम करता था. रास्ते में आते-जाते पिछले साल उसके बेटे की मुलाकात झांसी के प्रेम नगर थाना क्षेत्र निवासी जितेंद्र सैनवार से हुई. जितेंद्र ने उसके बेटे को बताया की उसके पिता दिलीप कुमार झांसी रेलवे में नौकरी करते हैं. उसके पिता की कई जगह अच्छी जान पहचान है.
इस दौरान जितेंद्र ने अपने पिता के माध्यम से उसके बेटे को संविदा पर उसकी नौकरी लगवाने का लालच दिया. इस लालच के बीच जुलाई 2022 में उसके बेटे के सारे जरूरी दस्तावेज और 50 हजार रुपए ले लिया. इसके बाद वह अपने बेटे के साथ कई बार जरूरी कागजों के साथ दिलीप, जितेंद्र सैनवार और सचिन सैनवार से मुलाकात करने उनके घर पहुंचा. यहां दोनों ने उसके बेटे मनीष से कई कागजातों पर फर्जी हस्ताक्षर करा लिया. एक वर्ष तक जब उसके बेटे को नौकरी नहीं मिली तो उसने कागजात और पैसे दिलीप और उसके दोनों बेटे जितेंद्र सैनवार और सचिन सैनवार से वापस मांगने पहुंच गए. इस दौरान दोनों पैसा देने से मना कर दिया.
पीड़ित ने आरोप लगाया कि इसी दौरान दिल्ली पुलिस के दरोगा सुन्दर पाल का उसके पास फोन आया, फोन में उससे कहा गया कि तुम्हारे लडके के खाते में कुछ पैसे आ रहे हैं, जो लोगों से धोखाधड़ी कर मंगवाए जा रहे हैं. इस बात की जानकारी होने पर वह हैरान हो गया. पीड़ित ने बताया कि उसका बेटा कभी दिल्ली गया ही नहीं और न ही कोई बैंक में खाता खुलावाया है. इसके बाद दिल्ली से आई पुलिस उसके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दी.
पीड़ित ने बताया कि जानकारी करने पर पता चला कि रेलवे में कार्यरत दिलीप कुमार और उसके उसके बेटे जितेंद्र और सचिन ने मिलकर उसके बेटे के दस्तावेजों से आगरा में एयू फाइनेंस बैंक में खाता खुलवा लिया था, जिसकी भनक उन्हें और उनके बेटे को भी नहीं लगी. इस तरह से मालूम चला कि रेलवे में कार्यरत जालसाज पिता और पुत्र ने मिलकर अलग शहरों में उसके बेटे के नाम से खुले फर्जी बैंक खाते में पैसे मंगवा रहे हैं. जिसकी शिकायत उसके बेटे द्वारा झांसी के रक्सा थाने में 23 जुलाई को की गई थी. शिकायत के बाद भी उसके मामले की सुनवाई पुलिस में नहीं की गई. वह कई बार झांसी पुलिस अधिकारियों के पास अपनी फरियाद लेकर भी पहुंचा है. वह ऑनलाइन शिकायत के साथ ही सीएम पोर्टल पर भी न्याय की गुहार लगा चुका है. कहीं से न्याय न मिलने पर वह कोर्ट पहुंचकर न्याय के लिए दरवाजा खट-खटाया है.
वहीं, पीड़ित की न्यायालय में पैरवी कर रहे अधिवक्ता अभिमन्यु तिवारी ने बताया कि उनके क्लाइंड के बेटे से रेलवे में कार्यरत पिता और उसके दो बेटों ने नौकरी लगवाने के नाम पर कागज लेकर फर्जी तरीके एयू फाइनेंस बैंक आगरा में अकाउंट खुलवा लिया. साथ ही उस खाते में लोगों से फ्रॉड करके पैसे ट्रांसफर करवा रहे हैं. जिसकी पीड़ित को कोई जानकारी नहीं है. दिल्ली में शिकायत के बाद उसके बेटे को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दी है.
अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी इतने शातिर हैं कि पहले उस खाते को कन्फर्म करने के लिए एक रूपया खाते में ट्रांसफर करवाते हैं. इसके बाद एक बड़ी रकम मंगवाते हैं. खाते में बड़ी राशि आने के बाद आरोपी उसे तुरंत निकाल लेते हैं. इस मामले में पीड़ित के बेटे का खाता होने की वजह से दो शहरों में मुकदमा दर्ज किया गया है. अधिवक्ता ने बताया कि खाते से जालसाज रेलवे कर्मचारी और उसके दोनों बेटों ने लगभग 15 अलग-अलग शहरों में लोगों से धोखाधड़ी कर 13 लाख के रुपये की राशि निकाल चुके हैं. झांसी पुलिस में शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस वजह से पीड़ित परिवार ने कोर्ट की शरण ली है. इस मामले में उन्होंने झांसी सीजेएम के पास आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के लिए वाद दायर किया है. सीजेएम ने संबंधित थाना और साइबर थाने से आख्या के लिए आदेशित किया है. जल्द ही मुकदमा दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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