झांसी: पुष्पेंद्र यादव एनकाउंटर मामले में गांव हो या शहर हर कोई पुलिस को सवालिया घेरे में खड़ा कर रहा है. वहीं समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने पुष्पेंद्र यादव मामले को हत्या बताया और बीजेपी नेता डॉ. अशोक पांडे के बयान की निंदा की.
घर वाले मान रहे पुष्पेंद्र यादव की हत्या
दरअसल, शनिवार देर रात एरच थाना क्षेत्र के रहने वाले पुष्पेंद्र यादव का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था. इस एनकाउंटर पर गांव वालों से लेकर परिजन तक को यकीन नहीं हुआ. सभी एक स्वर में इसे हत्या करार दे रहे हैं. पोस्टमार्टम के बाद जब पुलिस शव को लेकर गांव पहुंची तो परिजनों ने लेने से इनकार कर दिया. 24 घंटे बीत जाने के बाद पुलिस गांव से शव शहर मुख्यालय लाई और प्रेम नगर थाना क्षेत्र में एक श्मशान घाट में सोमवार देर रात अंतिम संस्कार कर दिया.
इसी मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कॉन्फ्रेंस में बताया कि पुष्पेंद्र यादव की हत्या को लेकर जिला प्रशासन लगातार अपना स्टेटमेंट बदल रहा है. उन्होंने सवाल खड़े किए कि यदि थानाध्यक्ष ड्यूटी पर थे तो अपनी प्राइवेट गाड़ी क्यों लिए हुए थे.
एसएसपी ने बार-बार अपना बयान क्यों बदला. हत्या के बाद से पुष्पेंद्र यादव का मोबाइल क्यों गायब है. उन्होंने कहा आज हर बुद्धिजीवी को मिलकर संघर्ष करना चाहिए, क्योंकि यह मानवता के लिए खतरा है. थानाध्यक्ष और पुष्पेंद्र के मोबाइल की कॉल डिटेल का मिलान करना चाहिए.
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प्रदेश में हर आदमी ने स्वीकार किया है कि पुष्पेंद्र की हत्या हुई है, जो लोग उसे खनन माफिया बता रहे थे वे ही आज आरोपी बन गए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि कानून के दायरे में रहकर लड़ाई लड़ी जाएगी. जो हत्या हुई है वो किसी धर्म या जाति की नहीं बल्कि मानवाधिकार की हुई है. बुद्धजीवियों को एकजुट होकर मानवाधिकार की रक्षा करनी चाहिए.
सांसद ने उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ टोल प्लाजा की सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल की कॉल डिटेल जैसी तमाम मांगे रखीं. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पुष्पेंद्र यादव को न्याय नहीं मिला तो जमीन से लेकर सड़क तक की लड़ाई लड़ेंगे.