झांसी: जिला प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद खेतों में पराली जलाने की घटनाएं नहीं रुक रही हैं. जनपद के दो गांव में खेतों में खड़ी धान की पराली जलाने पर तहसीलदार की शिकायत पर किसानों के खिलाफ प्रदूषण फैलाने का केस दर्ज किया गया है. इससे पहले भी जनपद के कई किसानों पर पराली जलाने पर केस दर्ज किए जा चुके हैं.
तहसीलदार ने दर्ज कराया केस
मोठ तहसील के तहसीलदार डॉ. लाल कृष्ण की तहरीर पर ग्राम बिठरी के रहने वाले किसान रामबाबू के खिलाफ चिरगांव थाने में केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा ग्राम मढगुवां के किसान आकाश के खिलाफ भी चिरगांव थाने में केस दर्ज कराया गया है. दोनों किसानों के खिलाफ धारा 188, 278, 290 और 291 के तहत केस दर्ज किया गया है.
किसानों को जागरूक करना है चुनौती
दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने खेतों में पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है. इसके बावजूद जनपद में बड़े पैमाने पर पराली जलाने के मामले सामने आते रहे हैं. कृषि विभाग और जिला प्रशासन किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों के दावे तो करता है, लेकिन अभी भी बहुत सारे किसानों को एनजीटी के नियमों की जानकारी तक नहीं है.
झांसी: पराली जलाने पर दो किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज - पराली जलाने पर मुकदमा
यूपी के झांसी जिले में दो किसानों पर खेत में पराली जलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है. मोठ तहसील के तहसीलदार डॉ. लाल कृष्ण ने केस दर्ज कराया है.
झांसी: जिला प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद खेतों में पराली जलाने की घटनाएं नहीं रुक रही हैं. जनपद के दो गांव में खेतों में खड़ी धान की पराली जलाने पर तहसीलदार की शिकायत पर किसानों के खिलाफ प्रदूषण फैलाने का केस दर्ज किया गया है. इससे पहले भी जनपद के कई किसानों पर पराली जलाने पर केस दर्ज किए जा चुके हैं.
तहसीलदार ने दर्ज कराया केस
मोठ तहसील के तहसीलदार डॉ. लाल कृष्ण की तहरीर पर ग्राम बिठरी के रहने वाले किसान रामबाबू के खिलाफ चिरगांव थाने में केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा ग्राम मढगुवां के किसान आकाश के खिलाफ भी चिरगांव थाने में केस दर्ज कराया गया है. दोनों किसानों के खिलाफ धारा 188, 278, 290 और 291 के तहत केस दर्ज किया गया है.
किसानों को जागरूक करना है चुनौती
दरअसल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने खेतों में पराली जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है. इसके बावजूद जनपद में बड़े पैमाने पर पराली जलाने के मामले सामने आते रहे हैं. कृषि विभाग और जिला प्रशासन किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रमों के दावे तो करता है, लेकिन अभी भी बहुत सारे किसानों को एनजीटी के नियमों की जानकारी तक नहीं है.