झांसी : पशुप्रेमी मिनी खरे की पहल से एक बीमार और लावारिस कुत्ते के बच्चे को न केवल सहारा मिला बल्कि वह अमेरिका पहुंच गया. अमेरिका की एक संस्था के माध्यम से इस कुत्ते को अमेरिका की एक महिला ने गोद लिया है. मिनी खरे आवारा जानवरों की देखभाल के लिए एक संस्था चलाती हैं और लंबे समय से आवारा और बीमार कुत्तों के लिए काम कर रही हैं.
जीव आश्रय समिति नाम की संस्था की संचालक लक्ष्मनगंज की रहने वाली मिनी खरे को 21 फरवरी को सूचना मिली थी कि आईटीआई मोहल्ले में कुत्ते का एक छोटा बच्चा टहल रहा है. उस पिल्ले को आंखों से दिखाई नहीं देता है और वह चोटिल हालत में है. इसके बाद मिनी ने संस्था के सदस्यों की मदद से उसका इलाज कराना शुरू किया. डॉक्टरों ने उसकी आंखों की रोशनी वापस आने से इनकार कर दिया. मिनी ने लगभग दो महीने तक उसकी देखरेख की और उसे अपने घर में रखा. अभी इस कुत्ते के बच्चे की उम्र लगभग सात महीने है.
मिनी खरे ने बताया कि उनकी संस्था को इस कुत्ते के बच्चे के बारे में जानकारी मिली कि शायद इसके साथ कोई क्रूरता हुई है या वह जन्म से ही देख नहीं सकता है. संस्था के लोगों ने उसका इलाज कराना शुरू किया. उसकी हालत पहले से बेहतर तो हो गई लेकिन उसकी देखने की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. उसकी हालत को देखते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से अडॉप्शन की अपील की.
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