झांसी : जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव में एम्बुलेंस सेवा में कार्यरत जीवीके कम्पनी के एक कर्मचारी ने शनिवार रात अस्पताल परिसर में बने स्टाफ रूम में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. परिजनों की शिकायत पर रविवार को इस मामले में कम्पनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि कम्पनी के अफसरों ने उत्पीड़न और वेतन में मनमाने ढंग से कटौती की, जिससे परेशान होकर युवक ने खुदकुशी कर ली.
बड़ागांव थाना प्रभारी को दिए शिकायती पत्र में मृतक दिनेश कुमार के परिजनों ने कहा है कि शनिवार रात उसने घर फोन कर बताया था कि कम्पनी के अधिकारी उस पर फर्जी केस बढ़ाने का दवाब डालते हैं और फोन पर गाली-गलौज करते हैं. इस बात की शिकायत उसने कम्पनी के लखनऊ में बैठने वाले अफसरों से फोन पर की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और हर महीने वेतन से कटौती की जाती रही. कम्पनी के अफसरों की प्रताड़ना से तंग आकर दिनेश ने सीएचसी में एम्बुलेंस स्टाफ रूम में रात के समय फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
मृतक के पिता ने पुलिस को दी तहरीर में जीवीके कम्पनी के वाइस प्रेसिडेंट तुस्क रेड्डी, एचआर हेड लिंगराज दास, एचबीई हेड करुणेश तिवारी, ऑपरेशन हेड दिनेश सिंह यादव, आरएम संदीप, ईएमई रमेश शुक्ला और ईएमई नीलेश चतुर्वेदी को घटना के लिए जिम्मेदार बताया है. मृतक के चचेरे भाई महेश यादव ने बताया कि दिनेश के मोबाइल में फोन कॉल की रिकार्डिंग मौजूद है, जिसमें उसने अफसरों से कहा था कि उसका उत्पीड़न किया जा रहा है और वह फांसी लगाकर खुदकुशी कर लेगा. हम चाहते हैं कि कम्पनी के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए. थाना प्रभारी के मुताबिक शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर मामले में कार्रवाई की जा रही है.
एम्बुलेंस सेवा के कर्मचारी ने अस्पताल में की खुदकुशी, कम्पनी के अफसरों पर प्रताड़ना का केस दर्ज
झांसी में एम्बुलेंस सेवा में कार्यरत जीवीके कम्पनी के एक कर्मचारी ने अस्पताल परिसर में खुदकुशी कर ली. आरोप है कि कम्पनी अधिकारियों की प्रताड़ना से परेशान होकर कर्मचारी ने खुदकुशी की. पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है.
झांसी : जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव में एम्बुलेंस सेवा में कार्यरत जीवीके कम्पनी के एक कर्मचारी ने शनिवार रात अस्पताल परिसर में बने स्टाफ रूम में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. परिजनों की शिकायत पर रविवार को इस मामले में कम्पनी के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मृतक के परिजनों का आरोप है कि कम्पनी के अफसरों ने उत्पीड़न और वेतन में मनमाने ढंग से कटौती की, जिससे परेशान होकर युवक ने खुदकुशी कर ली.
बड़ागांव थाना प्रभारी को दिए शिकायती पत्र में मृतक दिनेश कुमार के परिजनों ने कहा है कि शनिवार रात उसने घर फोन कर बताया था कि कम्पनी के अधिकारी उस पर फर्जी केस बढ़ाने का दवाब डालते हैं और फोन पर गाली-गलौज करते हैं. इस बात की शिकायत उसने कम्पनी के लखनऊ में बैठने वाले अफसरों से फोन पर की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और हर महीने वेतन से कटौती की जाती रही. कम्पनी के अफसरों की प्रताड़ना से तंग आकर दिनेश ने सीएचसी में एम्बुलेंस स्टाफ रूम में रात के समय फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
मृतक के पिता ने पुलिस को दी तहरीर में जीवीके कम्पनी के वाइस प्रेसिडेंट तुस्क रेड्डी, एचआर हेड लिंगराज दास, एचबीई हेड करुणेश तिवारी, ऑपरेशन हेड दिनेश सिंह यादव, आरएम संदीप, ईएमई रमेश शुक्ला और ईएमई नीलेश चतुर्वेदी को घटना के लिए जिम्मेदार बताया है. मृतक के चचेरे भाई महेश यादव ने बताया कि दिनेश के मोबाइल में फोन कॉल की रिकार्डिंग मौजूद है, जिसमें उसने अफसरों से कहा था कि उसका उत्पीड़न किया जा रहा है और वह फांसी लगाकर खुदकुशी कर लेगा. हम चाहते हैं कि कम्पनी के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए. थाना प्रभारी के मुताबिक शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर मामले में कार्रवाई की जा रही है.