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डोसा घोटाले को प्रशासन ने बताया निराधार, किसान संगठन ने कहा- लोकायुक्त से करेंगे शिकायत - 20 लाख का डोसा खा गए किसान

यूपी के झांसी में कृषि विभाग के अफसरों पर किसानों के खाने के नाम पर लाखों रुपये गटकने का आरोप लगा था. कृषि विभाग पर लगे घोटाले के आरोप का प्रशासन की जांच में खंडन किया गया है.

किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष.
किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष.
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Published : Sep 18, 2021, 5:59 PM IST

झांसी: किसानों की गोष्ठी में डोसा खिलाए जाने के नाम पर कृषि विभाग पर लगे घोटाले के आरोप का प्रशासन की जांच में खंडन किया गया है. डीएम झांसी के आदेश पर मीडिया में आई खबरों के आधार पर हुई जांच में किसानों के आरोपों को निराधार बताया गया है. दूसरी ओर कार्रवाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे शिकायतकर्ता किसान संगठन ने कहा कि इस मामले की उन्होंने झांसी मंडल के कमिश्नर से शिकायत की है और उन्हें कार्रवाई का भरोसा है. यदि स्थानीय स्तर पर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो इस मामले की शिकायत लोकायुक्त से की जाएगी.


डीएम के आदेश पर दो सदस्यीय टीम ने की जांच

झांसी डीएम ने इस मामले की जांच का आदेश मुख्य विकास अधिकारी को दिया था. इस पर सीडीओ ने दो सदस्यीय जांच कमिटी का गठन किया और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. इस जांच कमिटी में झांसी के जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक और बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी को शामिल को किया गया था. जांच टीम के मुताबिक इस पूरे मामले में किसी भी तरह की वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई है. किसानों की गोष्ठी के नाम पर हुए डोसा घोटाले के आरोपों का प्रशासन की जांच रिपोर्ट में खण्डन किया गया है.

जानकारी देते गौरी शंकर विदुआ.

कार्रवाई न होने पर लोकायुक्त जाएंगे किसान

किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि प्रशासन ने जो जांच कराई है, हमें उसकी कॉपी नहीं मिली है. हमारे सुनने में आया है कि किसी जांच में उसे निराधार पाया गया है. जांच एजेंसी हमें बताए कि इसे निराधार कैसे पाया गया है. हमने जो आरोप लगाए हैं, वह जन सूचना के आधार पर मिले तथ्यों के आधार पर लगाए हैं. हमें इस जांच से कोई लेना देना नहीं है. कमिश्नर के यहां हमारी जांच चल रही है. हमने उन्हें शिकायती पत्र दिया था. अभी हमें पता चला है कि जांच प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि कमिश्नर की जांच में हमें न्याय मिलेगा. यदि हमें जांच में संतुष्टि नहीं मिलती है तो हम लोकायुक्त के यहां जाएंगे.

इसे भी पढ़ें- ....तो 20 लाख का डोसा और 17 लाख का मिनरल वाटर गटक गए किसान!

क्या था मामला

जनपद में किसानों के लिए होने वाली मीटिंग के नाम पर कृषि विभाग के अफसरों ने बीस लाख रुपये का घपला कर दिया. दरअसल, यहां किसानों को खिलाई तो पूड़ी-सब्जी गई लेकिन भुगतान डोसे का कराया गया. जिले भर के किसी भी किसान को आज तक किसी भी मीटिंग में डोसा खिलाया ही नहीं गया. इस बात का खुलासा 30 अगस्त को गांधी उद्यान पर किसान रक्षा पार्टी और जन सूचना अधिकार मंच के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर किया. किसान रक्षा पार्टी द्वारा आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर, किसानों के नाम पर 92 लाख रुपये के घोटाले का दावा किया गया था.

झांसी: किसानों की गोष्ठी में डोसा खिलाए जाने के नाम पर कृषि विभाग पर लगे घोटाले के आरोप का प्रशासन की जांच में खंडन किया गया है. डीएम झांसी के आदेश पर मीडिया में आई खबरों के आधार पर हुई जांच में किसानों के आरोपों को निराधार बताया गया है. दूसरी ओर कार्रवाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे शिकायतकर्ता किसान संगठन ने कहा कि इस मामले की उन्होंने झांसी मंडल के कमिश्नर से शिकायत की है और उन्हें कार्रवाई का भरोसा है. यदि स्थानीय स्तर पर इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती है तो इस मामले की शिकायत लोकायुक्त से की जाएगी.


डीएम के आदेश पर दो सदस्यीय टीम ने की जांच

झांसी डीएम ने इस मामले की जांच का आदेश मुख्य विकास अधिकारी को दिया था. इस पर सीडीओ ने दो सदस्यीय जांच कमिटी का गठन किया और पूरे मामले की जांच के आदेश दिए. इस जांच कमिटी में झांसी के जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक और बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी को शामिल को किया गया था. जांच टीम के मुताबिक इस पूरे मामले में किसी भी तरह की वित्तीय अनियमितता नहीं पाई गई है. किसानों की गोष्ठी के नाम पर हुए डोसा घोटाले के आरोपों का प्रशासन की जांच रिपोर्ट में खण्डन किया गया है.

जानकारी देते गौरी शंकर विदुआ.

कार्रवाई न होने पर लोकायुक्त जाएंगे किसान

किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरी शंकर विदुआ ने कहा कि प्रशासन ने जो जांच कराई है, हमें उसकी कॉपी नहीं मिली है. हमारे सुनने में आया है कि किसी जांच में उसे निराधार पाया गया है. जांच एजेंसी हमें बताए कि इसे निराधार कैसे पाया गया है. हमने जो आरोप लगाए हैं, वह जन सूचना के आधार पर मिले तथ्यों के आधार पर लगाए हैं. हमें इस जांच से कोई लेना देना नहीं है. कमिश्नर के यहां हमारी जांच चल रही है. हमने उन्हें शिकायती पत्र दिया था. अभी हमें पता चला है कि जांच प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि कमिश्नर की जांच में हमें न्याय मिलेगा. यदि हमें जांच में संतुष्टि नहीं मिलती है तो हम लोकायुक्त के यहां जाएंगे.

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क्या था मामला

जनपद में किसानों के लिए होने वाली मीटिंग के नाम पर कृषि विभाग के अफसरों ने बीस लाख रुपये का घपला कर दिया. दरअसल, यहां किसानों को खिलाई तो पूड़ी-सब्जी गई लेकिन भुगतान डोसे का कराया गया. जिले भर के किसी भी किसान को आज तक किसी भी मीटिंग में डोसा खिलाया ही नहीं गया. इस बात का खुलासा 30 अगस्त को गांधी उद्यान पर किसान रक्षा पार्टी और जन सूचना अधिकार मंच के पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर किया. किसान रक्षा पार्टी द्वारा आरटीआई से मिली जानकारी के आधार पर, किसानों के नाम पर 92 लाख रुपये के घोटाले का दावा किया गया था.

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