झांसी: देश में लॉकडाउन 4.0 जारी हो गया है. इतना अधिक समय गुजरने के बाद भी यूपी-एमपी की सीमा पर प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को बारह हजार श्रमिक जिले पहुंचे थे, लेकिन बीते एक सप्ताह के मुकाबले गुरुवार को बॉर्डर पर भीड़ कम देखने को मिल रही है. प्रवासी मजदूरों के लिए भारी संख्या में बसें लगाई गईं हैं. पिछले दिनों की अपेक्षा अब सोशल डिस्टेंसिंग का ज्यादा ख्याल रखा जा रहा है.
मजदूरों को घर बेचने के लिए पूरी तैयारी
महाराष्ट्र, गुजरात से मध्य प्रदेश के रास्ते वापस यूपी के विभिन्न जनपदों के लिए मजदूरों का लौटना लगातार जारी है. एमपी के बॉर्डर शिवपुरी रोड पर सिकंदरा में मजदूरों के आने का सिलसिला बना हुआ है. ज्यादातर मजदूर ट्रक और अन्य वाहनों से सीमा पर पहुंच रहे हैं, जबकि तकरीबन तीन हजार मजदूर पैदल ही यहां दस्तक दे चुके हैं. वहीं अपने वाहनों से आने वाले मजदूरों को उनके वाहन के साथ रवाना किया जा रहा है.
दूसरी ओर पैदल और बसों से सीमा पर पहुंचने वाले श्रमिकों को झांसी से बस और ट्रेनों के जरिए गंतव्य की ओर भेजा जा रहा है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि दोपहर तक मजदूरों की संख्या बढ़ सकती है. हालांकि इसके लिए प्रशासन और पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली है. बसों का बेड़ा बॉर्डर पर तैयार है. ट्रेनों से भी श्रमिकों को उनके गृह जनपदों की ओर भेजने की तैयारी है.
मजदूरों के लिए की गई व्यवस्थाएं
गोंडा जाने के लिए अपनी बस का इंतजार कर रहे मनोज यादव बताते हैं कि यूपी-एमपी सीमा पर हमें व्यवस्थाएं चाक-चौबंद लग रही हैं. यहां प्रशासन की ओर से खाने और पेयजल की व्यवस्था है. वहीं सूरत से लौटे प्रवासी मजदूर अरविंद साहू कहते हैं कि लॉकडाउन के चलते काम बंद हो जाने की वजह से उन्हें वापस अपने घर जाना पड़ रहा है. कई दिनों के सफर के बाद वह अपने आप को हारा-थका महसूस कर रहे थे, लेकिन गुरुवार को यूपी-एमपी की सीमा पर व्यवस्थाएं देखकर उनकी थकावट दूर हो गई. वे भूख से बेहाल थे, लेकिन यहां आते ही उन्हें खाना मिल गया. अब वे छतरपुर जाने के लिए अपनी बस का इंतजार कर रहे हैं.