झांसीः धान उत्पादन के मामले में झांसी प्रदेश के सबसे पिछड़े जनपदों में शामिल है. लेकिन, पराली जलाने के मामले में इसका नाम अव्वल जनपदों की सूची में शामिल हो गया है. सेटेलाइट से हो रही निगरानी में झांसी में अब तक पराली जलाने के 270 से अधिक मामले चिह्नित किये जा चुके हैं. पराली जलाने की घटनाओं को प्रशासन पूरी तरह से नाकाम है.
तीन लाख रुपये की जुर्माना वसूली
जनपद में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कई तरह के प्रयास किये गए हैं. अब तक दस हज़ार क्विंटल से अधिक पराली को मनरेगा के माध्यम से गोशालाओं तक भिजवाया जा चुका है. पराली जलाने वाले किसानों को छह लाख रुपये से अधिक के जुर्माने की वसूली का नोटिस भेजा जा चुका है. तीन लाख रुपये से अधिक का जुर्माना वसूल भी किया जा चुका है.
मोठ तहसील से आ रहे मामले
प्रशासन की सारी कवायदों के बाद भी औसतन हर रोज दस से पंद्रह घटनाएं पराली जलाने की सामने आ रही हैं. सबसे ज्यादा घटनाएं मोठ तहसील क्षेत्र से आ रही हैं. जनपद की मोठ तहसील के 22 गांव को प्रशासन संवेदनशील मान रहा है और उनकी निगरानी भी करा रहा है. पुलिस को इन चिह्नित गांव पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं.
किसानों को कर रहे जागरूक
डीएम आंद्रा वामसी कहते हैं कि हर गांव में ट्रैक्टर लगवाए गए हैं. इससे पराली को खेतों से उठवाकर गोशालाओं तक भिजवाया जा सके. सभी चिह्नित गांव में टीम भेजकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. फायर ब्रिगेड की तैनाती की गई है. जनपद के 22 गांव को पराली जलाने की घटनाओं के कारण हाई अलर्ट पर रखा गया है.