जौनपुर: त्रिलोचन गांव में आवारा पशुओं को पकड़कर पालने का काम करने वाले विनोद को लोग खूब सराह रहे हैं. वह आवारा पशुओं को खुद पालते हैं और उनकी सेवा भी करते हैं. लोगों का कहना है कि विनोद के इस काम से गांव में आवार पशुओं से होने वाली फसल की बर्बादी कम हुई है. विनोद 40 से ज्यादा आवारा और बेसहारा पशुओं की सेवा करते हैं.
गांव वालों का क्या है कहना
रमजीत सरोज बताते हैं कि विनोद की इस पहल से आसपास के किसान काफी खुशहाल हैं क्योंकि यह आवारा पशु अब उनकी फसल को नष्ट करने का काम नहीं करते हैं. विनोद की इस पहल से अब उनकी फसल लहरा रही है और किसान भी खुश हैं. लोगों का कहना है कि सरकार को आगे आकर ऐसे लोगों की मदद करनी चाहिए जिससे इस समस्या का निदान हो सके.
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हम बेसहारा आश्रित पशुओं एवं अस्थाई गौशाला में लगे सरकारी टैग वाले पशु को चराने का काम करते हैं. ये पशु ऐसे हैं, जिनका लोग दूध निकाल कर छोड़ देते हैं, हम उन्हें पालते हैं. इनमें कुछ पशु ऐसे है, जिसमें आधा लीटर से एक लीटर दूध मिल जाता है. हमें कोई सरकारी मदद नहीं मिलती है, फिर भी हम दिन रात पशु की सेवा करते रहते हैं.
- विनोद कुमार, पशु सेवक