जौनपुर : केंद्र सरकार जहां एक तरफ आयुष्मान भारत के माध्यम से देश के 50 करोड़ लोगों को निशुल्क और बेहतर इलाज कराने की बात कर रही है, वहीं जौनपुर का जिला अस्पताल आज भी इलाज के नाम पर खाना पूर्ति कर रहा है. बेहतर इलाज की बाट खोजते प्रतिदिन आने वाले हजारों मरीजों से यहां इलाज के नाम पर मजाक हो रहा है, जबकि सरकार की कोशिश यह है कि सरकारी अस्पतालों में ज्यादा से ज्यादा मरीजों को सुविधाएं मुफ्त दी जाएं और उनका इलाज बेहतर हो. जौनपुर के जिला अस्पताल में मरीजों के साथ एक्स-रे के नाम पर मजाक हो रहा है. मरीज का एक्स-रे करने के बाद उसे ट्रांसपैरेंट एक्स-रे फिल्म की जगह कागज का टुकड़ा पकड़ा दिया जाता है. इस टुकड़े को देखकर मरीज भी हक्के-बक्के रह जाते हैं.
योगी सरकार जहां एक तरफ सरकारी अस्पतालों को सुविधाओं से लैस करने में जुटी हुई है. जिससे मरीजों को निशुल्क और बेहतर इलाज मिल सके. वहीं जौनपुर का जिला अस्पताल इलाज के नाम पर मजाक करने में लगा है. यहां अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे की सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन अस्पताल में मरीजों को एक्स-रे फिल्म पर नहीं बल्कि कागज पर दिया जाता है. इलाज कराने आए मरीजों को जब एक्स-रे विभाग से कागज पर एक्स-रे मिलता है, तो वह बड़े हैरानी भरी नजरों से उसे देखतेहैं, लेकिन यह जिला अस्पताल का दस्तूर ही है जो यहां इस प्रकार से सुविधाएं दी जा रही हैं.
जौनपुर के जिला अस्पताल में इलाज कराने आए फूलचंद बताते हैं कि उन्हें फेफड़े में दिक्कत थी. इसलिए उनका एक्स-रे हुआ, लेकिन उन्हें एक्स-रे के नाम पर कागज का एक्स-रे पकड़ा दिया गया. जिला अस्पताल में एक्स-रे विभाग में कार्यरत रेडियोलॉजिस्ट अनिल त्रिपाठी ने बताया कि यहां पर कागज और प्लेट दोनों पर एक्स-रे किया जाता है. उनकी बातों से ऐसा लगा कि उनका कहना है, जैसा मरीज होता है, वैसा काम किया जाता है.