ETV Bharat / state

चौकिया धाम तालाब का सौंदर्यीकरण, 2 साल बाद भी बुझा-बुझा सा है नाजारा

जौनपुर जिले में मां शीतला धाम को पूर्णतया विकसित करने, पूरे धाम को सुंदर बनाने और धाम के तालाब को म्यूजिकल फाउंटेन एवं बिजली से सजाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा दो साल पहले तीन करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि आवंटित की गई थी, लेकिन परिसर के हालात आज भी कुछ खास बदले नहीं हैं.

चौकिया धाम तालाब का सौंदर्यीकरण
चौकिया धाम तालाब का सौंदर्यीकरण
author img

By

Published : Jun 20, 2021, 10:31 AM IST

जौनपुर: भूजल प्रबंधन में तालाब व कुंड में संचित जल की महत्वपूर्ण भूमिका है. इन पर ध्यान न देने से समय के साथ या तो यह तालाब पटते चले जाते हैं या इनकी दशा खराब होती चली जाती है. कुछ ऐसा ही हाल जिले में आस्था के केंद्र शीतला चौकिया धाम परिसर में स्थित तालाब का है. चौकिया धाम परिसर में स्थित तालाब के सुंदरीकरण के लिए दो साल पहले योगी सरकार ने 3 करोड़ 44 लाख 29 हजार रुपये प्रस्तावित किये, लेकिन तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर धन का जमकर बंदरबांट किया गया. काम के नाम पर दिखावे के लिए रेलिंग व थोड़ी बहुत सीढ़ियां बनवा दी गईं. बाकि तालाब कि स्थिति पहले जैसी ही है.

दो सालों से चल रहा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम.

दरअसल, शीतला चौकिया माता का मंदिर जौनपुर जिले भर में एक ऐसी आस्था की मिसाल है, जहां तमाम लोग अपना शीश नवाने आते हैं. यह मंदिर जौनपुर जिले में ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है. शादियों के समय और नवरात्री के वक्त में इस मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ दिखाई देती है. लोग मुंडन कराने से लेकर माता को पूरी हलवा चढ़ाने यहां पर आते हैं. चौकिया धाम परिसर में प्राचीन तालाब है, जहां भक्त स्नान करते हैं. इस तालाब की स्थिति पहले काफी खराब हो गई थी. सीढ़ियां टूट गईं थी, तालाब का पानी काफी गंदा था, जिससे भक्तों ने भी यहां स्नान करना कम कर दिया था.

हालांकि 2017 में जब योगी सरकार आई तो उसने चौकिया धाम परिसर में स्थित तालाब की सुध ली. तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए दो साल पहले योगी सरकार ने 3 करोड़ 44 लाख 29 हाजार रुपये प्रस्तावित किये. दो साल से तालाब के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है. स्थानीय लोगों का और मंदिर के महंत का कहना है कि इतनी बड़ी धनराशि से काम हो रहा है, लेकिन वह काम जमीन पर नजर नहीं आ रहा है.

स्वीकृत हुए थे 3 करोड़ 44 लाख 29 हजार रुपये
राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव एवं नगर पालिका अध्यक्ष मायाटंडन के प्रयास से वर्ष 2019 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर विकास योजना के तहत चौकिया धाम स्थित तालाब के सौंदर्यीकरण के काम का शिलांयास हुआ था. सौंदर्यीकरण के तहत इस तालाब के पानी को शुद्ध करने के लिए 100 केएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम शुरू हुआ, लेकिन पानी जस का तस बना हुआ है. तालाब की साफ-सफाई, रैंप, रेलिंग, सुलभ शौचालय, डब्लूटीपी, फाउंटेन मशीन आदि कार्य होना था, लेकिन सौंदर्यीकरण का काम आरंभ होने के बाद बीच में ही बंद हो गया था. सीढ़ियों की मरम्मत और तालाब किनारे रेलिंग लगवाने के नाम पर बस खानापूर्ती की गई है.

एक रास्ता तक नहीं बना
काल भैरव मंदिर के महंत राजू महाराज कहते हैं कि इतनी बड़ी धनराशि से सौंदर्यीकरण का काम हो रहा है, लेकिन चौकिया धाम से काल भैरव मंदिर के लिए जाने का रास्ता तक नहीं है. उनका कहना है कि दर्शन करने वाले श्रद्धालु भी पूछते हैं इतने पैसों का आखिर क्या हुआ? दो साल से काम चल रहा है, लेकिन समझ नहीं आता कि इतने पैसे आखिर कहां गए. महंत राजू महाराज कहते हैं कि उन्होंने मंत्री से लेकर जिलाधिकारी से एक रास्ते के लिए सिफारिश की है, लेकिन उनको सिर्फ आश्वासन ही मिलता है.

चौकिया के स्थानीय निवासी तारीक खान बताते हैं कि विकास के नाम पर आए पैसों का बंदरबांट हो गया. तारीत कहते हैं कि पैसा तो बहुत आया था, लेकिन विकास के नाम पर यहां कुछ दिखता ही नहीं है. दो साल से काम चल रहा है, लेकिन यह नहीं समझ में आता कि आखिर क्या हुआ है. तालाब में स्वच्छ जल की बात कही गई थी, लेकिन तालाब के पानी का रंग देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि आखिर काम कैसा हुआ है.

क्या बोले जिम्मेदार
इस संबंध में ईओ नगरपालिका संतोष मिश्रा कहते हैं कि मंदिर परिसर में स्थित तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए धनराशि आई थी. लगभग दो साल से काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि कार्य को अब तक पूरा हो जाना था, लेकिन स्थानीय परिस्थितियों के कारण इसमें लेटलतीफी हुई है. उन्होंने यह भी बताया कि 2 से 3 महीने में यह काम पूरा हो जाएगा.

जौनपुर: भूजल प्रबंधन में तालाब व कुंड में संचित जल की महत्वपूर्ण भूमिका है. इन पर ध्यान न देने से समय के साथ या तो यह तालाब पटते चले जाते हैं या इनकी दशा खराब होती चली जाती है. कुछ ऐसा ही हाल जिले में आस्था के केंद्र शीतला चौकिया धाम परिसर में स्थित तालाब का है. चौकिया धाम परिसर में स्थित तालाब के सुंदरीकरण के लिए दो साल पहले योगी सरकार ने 3 करोड़ 44 लाख 29 हजार रुपये प्रस्तावित किये, लेकिन तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर धन का जमकर बंदरबांट किया गया. काम के नाम पर दिखावे के लिए रेलिंग व थोड़ी बहुत सीढ़ियां बनवा दी गईं. बाकि तालाब कि स्थिति पहले जैसी ही है.

दो सालों से चल रहा तालाब के सौंदर्यीकरण का काम.

दरअसल, शीतला चौकिया माता का मंदिर जौनपुर जिले भर में एक ऐसी आस्था की मिसाल है, जहां तमाम लोग अपना शीश नवाने आते हैं. यह मंदिर जौनपुर जिले में ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है. शादियों के समय और नवरात्री के वक्त में इस मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ दिखाई देती है. लोग मुंडन कराने से लेकर माता को पूरी हलवा चढ़ाने यहां पर आते हैं. चौकिया धाम परिसर में प्राचीन तालाब है, जहां भक्त स्नान करते हैं. इस तालाब की स्थिति पहले काफी खराब हो गई थी. सीढ़ियां टूट गईं थी, तालाब का पानी काफी गंदा था, जिससे भक्तों ने भी यहां स्नान करना कम कर दिया था.

हालांकि 2017 में जब योगी सरकार आई तो उसने चौकिया धाम परिसर में स्थित तालाब की सुध ली. तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए दो साल पहले योगी सरकार ने 3 करोड़ 44 लाख 29 हाजार रुपये प्रस्तावित किये. दो साल से तालाब के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है, जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है. स्थानीय लोगों का और मंदिर के महंत का कहना है कि इतनी बड़ी धनराशि से काम हो रहा है, लेकिन वह काम जमीन पर नजर नहीं आ रहा है.

स्वीकृत हुए थे 3 करोड़ 44 लाख 29 हजार रुपये
राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव एवं नगर पालिका अध्यक्ष मायाटंडन के प्रयास से वर्ष 2019 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर विकास योजना के तहत चौकिया धाम स्थित तालाब के सौंदर्यीकरण के काम का शिलांयास हुआ था. सौंदर्यीकरण के तहत इस तालाब के पानी को शुद्ध करने के लिए 100 केएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम शुरू हुआ, लेकिन पानी जस का तस बना हुआ है. तालाब की साफ-सफाई, रैंप, रेलिंग, सुलभ शौचालय, डब्लूटीपी, फाउंटेन मशीन आदि कार्य होना था, लेकिन सौंदर्यीकरण का काम आरंभ होने के बाद बीच में ही बंद हो गया था. सीढ़ियों की मरम्मत और तालाब किनारे रेलिंग लगवाने के नाम पर बस खानापूर्ती की गई है.

एक रास्ता तक नहीं बना
काल भैरव मंदिर के महंत राजू महाराज कहते हैं कि इतनी बड़ी धनराशि से सौंदर्यीकरण का काम हो रहा है, लेकिन चौकिया धाम से काल भैरव मंदिर के लिए जाने का रास्ता तक नहीं है. उनका कहना है कि दर्शन करने वाले श्रद्धालु भी पूछते हैं इतने पैसों का आखिर क्या हुआ? दो साल से काम चल रहा है, लेकिन समझ नहीं आता कि इतने पैसे आखिर कहां गए. महंत राजू महाराज कहते हैं कि उन्होंने मंत्री से लेकर जिलाधिकारी से एक रास्ते के लिए सिफारिश की है, लेकिन उनको सिर्फ आश्वासन ही मिलता है.

चौकिया के स्थानीय निवासी तारीक खान बताते हैं कि विकास के नाम पर आए पैसों का बंदरबांट हो गया. तारीत कहते हैं कि पैसा तो बहुत आया था, लेकिन विकास के नाम पर यहां कुछ दिखता ही नहीं है. दो साल से काम चल रहा है, लेकिन यह नहीं समझ में आता कि आखिर क्या हुआ है. तालाब में स्वच्छ जल की बात कही गई थी, लेकिन तालाब के पानी का रंग देखकर यह पता लगाया जा सकता है कि आखिर काम कैसा हुआ है.

क्या बोले जिम्मेदार
इस संबंध में ईओ नगरपालिका संतोष मिश्रा कहते हैं कि मंदिर परिसर में स्थित तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए धनराशि आई थी. लगभग दो साल से काम चल रहा है. उन्होंने बताया कि कार्य को अब तक पूरा हो जाना था, लेकिन स्थानीय परिस्थितियों के कारण इसमें लेटलतीफी हुई है. उन्होंने यह भी बताया कि 2 से 3 महीने में यह काम पूरा हो जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.