जौनपुर: स्वच्छ भारत अभियान के तहत यूपी के जौनपुर में भी बड़ी संख्या में शौचालय बनाए गए लेकिन इस कदर अनियमितता बरती गई कि ज्यादातर ग्रामीणों ने इनका इस्तेमाल स्टोर रूम की तरह करना शुरू कर दिया. शौचालय के आधे-अधूरे कामों के कारण वे आज भी खेतों में खुले में शौच करने जाते हैं.
दरअसल, जौनपुर मछली शहर के बीजेपी सांसद के आदर्श गांव आरा में शौचालयों की स्थिति बेहद खराब है. गांव में घटिया शौचालय के निर्माण के कारण ग्रामीण उसमें सामान रखने का काम कर रहे हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने इसके लिए प्रधान पर पैसे लेने का आरोप भी लगाया.
2014 में देश में बीजेपी की सरकार बनते ही स्वच्छ भारत अभियान की एक बड़ी शुरुआत हुई. देश के हर गांव में बड़ी संख्या में शौचालय बनाए गए. सरकार का यह लक्ष्य है कि गांवों में खुले में शौच को बंद किया जाए. जौनपुर में भी एक लाख से ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया गया लेकिन शौचालयों के निर्माण में जमकर धांधली की गई. ग्रामीणों के पास शौचालय तो हो गए लेकिन घटिया निर्माण क्वालिटी के चलते इन शौचालयों का प्रयोग नहीं हो सका. मजबूर होकर ग्रामीणों को आज भी खेत में खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है. जौनपुर में सांसद आदर्श गांव आरा में ऐसा ही देखने को मिला है, जहां प्रधान ने ग्रामीणों से पैसा लेने के बावजूद भी घटिया क्वालिटी का शौचालय बनाया है, जिसके कारण इन शौचालयों की हालत ज्यादा खराब है.
मामले पर जौनपुर के जिला पंचायत राज अधिकारी सभाजीत पांडे ने बताया कि आरा गांव में शौचालय निर्माण में अनियमितता के कारण ही वहां के प्रधान को निलंबित किया गया था पर यह शौचालय कब सही करवाए जाएंगे, इस बारे में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा.