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जौनपुर: इस तालाब में नहाने मात्र से दूर होती हैं कई बीमारियां

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में त्रिलोचन महादेव मंदिर के पास स्थित कुंड के पानी को चमत्कारी भी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस कुंड के पानी में नहाने से कई तरह की बीमारियां भी दूर हो जाती हैं.

अनोखा है त्रिलोचन महादेव मंदिर का कुंड.
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Published : Jul 17, 2019, 1:06 PM IST

जौनपुर: जिले में त्रिलोचन महादेव मंदिर जितना अनोखा है उतना ही उसके सामने स्थित कुंड भी है. मंदिर में दर्शन करने से पहले श्रद्धालु कुंड में स्नान करते हैं, फिर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि यहां स्वयं ब्रह्माजी ने हवन किया था, इसलिये इस कुंड का पानी चमत्कारी माना जाता है. इस तालाब का वर्णन स्कंद पुराण में भी मिलता है.

अनोखा है त्रिलोचन महादेव मंदिर का कुंड.

अनोखा है त्रिलोचन महादेव मंदिर का कुंड-

  • इस तालाब को कुंड कहा जाता है और माना जाता है कि कभी इस कुंड पर स्वयं ब्रह्मा जी ने हवन किया था.
  • हवन के बाद भगवान शिव की शिला प्रकट हुई थी.
  • इस कुंड के पानी को चमत्कारी भी माना जाता है.
  • कुंड में नहाने मात्र से कई तरह की बीमारियां भी दूर हो जाती हैं.
  • इस तालाब का संपर्क सीधे नदी से बताया जाता है, जिसके कारण इसका पानी आज तक कभी सूखा नहीं है.

जौनपुर: जिले में त्रिलोचन महादेव मंदिर जितना अनोखा है उतना ही उसके सामने स्थित कुंड भी है. मंदिर में दर्शन करने से पहले श्रद्धालु कुंड में स्नान करते हैं, फिर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि यहां स्वयं ब्रह्माजी ने हवन किया था, इसलिये इस कुंड का पानी चमत्कारी माना जाता है. इस तालाब का वर्णन स्कंद पुराण में भी मिलता है.

अनोखा है त्रिलोचन महादेव मंदिर का कुंड.

अनोखा है त्रिलोचन महादेव मंदिर का कुंड-

  • इस तालाब को कुंड कहा जाता है और माना जाता है कि कभी इस कुंड पर स्वयं ब्रह्मा जी ने हवन किया था.
  • हवन के बाद भगवान शिव की शिला प्रकट हुई थी.
  • इस कुंड के पानी को चमत्कारी भी माना जाता है.
  • कुंड में नहाने मात्र से कई तरह की बीमारियां भी दूर हो जाती हैं.
  • इस तालाब का संपर्क सीधे नदी से बताया जाता है, जिसके कारण इसका पानी आज तक कभी सूखा नहीं है.
Intro:जौनपुर।। त्रिलोचन महादेव मंदिर जितना अनोखा है उतना ही उसके सामने स्थित कुंड भी है । मंदिर के दर्शन करने से पहले श्रद्धालु कुंड में स्नान करते हैं फिर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं । इस कुंड का पानी चमत्कारी है क्योंकि यहां स्वयं ब्रह्माजी ने हवन किया था। इस तालाब का वर्णन स्कंद पुराण में भी मिलता है । वहीं तालाब में नहाने मात्र से कई तरह की बीमारियां भी दूर हो जाती है। तालाब पर बने चार घाट का पानी अलग-अलग रोगों को दूर करता है। वहीं इस तालाब का संपर्क सीधे नदी से बताया जाता है जिसके कारण इसका पानी आज तक कभी सूखा नहीं है।Body:वीओ।। त्रिलोचन महादेव का मंदिर जितना अद्भुत है उतना ही उसके सामने स्थित तालाब भी है। इस तालाब के किनारे कभी स्वयं ब्रह्मा जी ने हवन किया था जिसके बाद भगवान शिव की शीला प्रकट हुई थी। वहीं इस तालाब में नहाने मात्र से हर तरह के रोग दूर हो जाते हैं। तालाब के चारों ओर बने 4 घाटों पर नहाने से अलग-अलग तरह के रोग दूर होते हैं । वह इस तालाब का पानी आज तक कभी सूखा नहीं है क्योंकि तालाब का सीधा संपर्क नदी से बताया जाता है।Conclusion:मंदिर के पुजारी दिनेश गिरी ने बताया कि इस तालाब को कुंड कहा जाता है और कभी इस कुंड पर स्वयं ब्रह्मा जी ने हवन किया था जिसके चलते उसका पानी चमत्कारी गुणों से भरपूर है। इसके चारों तरफ बने 4 घाटों पर नहाने मात्र से अलग अलग तरह की बीमारियां दूर होती है ।वहीं इस तालाब का सीधा संपर्क नदी से बताया जाता है जिसके कारण इसका पानी कभी नहीं सुखा है।

बाइट- दिनेश गिरी -पुजारी त्रिलोचन महादेव मंदिर


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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