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डिप्टी सीएम के ट्वीट के बाद जौनपुर स्वास्थ्य महकमे में मचा हड़कम्प - डिप्टी सीएम बृजेश पाठक

जौनपुर में तत्कालीन एसडीएम हिमांशु नागपाल ने 4 जून को करंजकला ब्लॉक पर एक मेडिकल की दुकान पर छापेमारी कर लगभग 12 लाख की सरकारी अस्पताल की दवा पकड़ी गई थी

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डिप्टी सीएम बृजेश पाठक
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Published : Sep 6, 2022, 9:56 PM IST

जौनपुर: तत्कालीन एसडीएम हिमांशु नागपाल ने 4 जून को करंजकला ब्लॉक पर एक मेडिकल की दुकान पर छापेमारी कर लगभग 12 लाख की सरकारी अस्पताल की दवा पकड़ी गई थी जिसमें सरकारी अस्पताल के तीन फार्मासिस्ट संगलिप्त पाए गए थे. एसडीएम द्वारा उनके खिलाफ शासन को पत्र लिखा गया था. उस मामले पर आज कार्रवाई करते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक में तीन फार्मासिस्ट का निलंबन की कार्रवाई की गई साथ ही अस्पताल के सीएमएस के खिलाफ विभागीय जांच की बात कही है. इस कार्रवाई के बाद पूरे अस्पताल महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.

बता दें कि, यूपी सरकार की दवाएं आरएम मेडिकल स्टोर तक पहुंचने से पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. जो दवाएं मिली हैं, उनमें अधिकांश इसी जुलाई माह में एक्सपायर होने वाली थी. मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. अवैध दवाओं के इस काले खेल के पीछे पूरा रैकेट होने की आशंका है.

इस मामले में 2 सितंबर में एक निजी कार्यक्रम में आये प्रदेश के डिप्टी सीएम से पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि शिकायतों की जांच कर जो भी दोषी है. उनके खिलाफ जांच कर जल्द कार्रवाई की जाएगी, जिस पर 5 दिन के अंदर स्वयं डिप्टी सीएम ने अपने ट्वीटर हैडल से ट्वीट कर जौनपुर के 3 फार्मसिस्टों को निलंबित और जौनपुर जिला अस्पताल के सीएमएस के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश करने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मच गया.

इसे भी पढ़ेंः एक्शन में स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक, जौनपुर के 3 फार्मासिस्ट निलंबित, निजी मेडिकल स्टोर पर मिली थी सरकारी दवाई
एसडीएम सदर रहे हिमांशु नागपाल ने सरखावाजा पुलिस के साथ सिद्दीकपुर रोड स्थित मेडिकल स्टोर पर छापा मारा था. मेडिकल संचालक मौके से फरार हो गया. इस दौरान दुकान के भीतर भारी मात्रा में नार्कोटिक्स ड्रग्स की दस हजार टैबलेट, कैप्सूल, इंजेक्शन और यूपी सरकार की ‘नॉट फोर सेल’ लिखी दवाओं के सैकड़ों कैप्सूल बरामद किए गए.

उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर चंद्रेश चतुर्वेदी को इसकी सूचना दी तथा मौके पर पहुंचकर मेडिकल स्टोर को सील करने का आदेश दिया. मौके पर पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर चंद्रेश चतुर्वेदी दवाइयों की जांच के सैंपल लिए तथा उन्होंने बताया पकड़ी गईं. दवाओं की कीमत दस से 12 लाख रुपये से जायदा आंकी गई है.

भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं भी पकड़ी गईं थीं. आशंका है कि सभी दवाइयां जिला हॉस्पिटल से निर्गत की गई है. सभी दवाओं को जब्त कर संबंधित धाराओं में मेडिसिन स्टोर संचालक राजेश कुमार यादव के खिलाफ दवाईयों की जांच के बाद सरायख्वाजा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी.
इस मामले में सीएमएस डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल की सरकारी दवाई करंजकला एक मेडिकल स्टोर पर बेची जा रही थी, जिसकी शिकायत मेरे द्वारा जिला प्रशासन को दी गई और एसडीएम हिमांशु नागपाल ने मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर लगभग 12 लाख की दवाइयां पकड़ी गई थीं.

साथ ही सीएमएस ने बताया कि पूरी दवाएं अस्पताल की नहीं थी. अन्य ब्लाकों की भी दवाई थी लेकिन कार्रवाई तीन फार्मासिस्ट अखिलेश कुमार उपाध्याय, वीरेंद्र कुमार मौर्य और संजय सिंह पर की गई है. साथ ही हमारे ऊपर भी विभागीय जांच की बात कही जा रही है. सीएमएस ने यह भी बताया कि जो दवा पकड़ी गई थी. हम लोगों की शिकायत पर ही पकड़े गए थे, फिर भी हमारे खिलाफ विभागीय जांच की जा रही.
इसे भी पढ़ेंः विधानसभा चुनाव में विवादित बयानबाजी का मामला, अब्बास अंसारी की याचिका पर 9 सितंबर को अगली सुनवाई

जौनपुर: तत्कालीन एसडीएम हिमांशु नागपाल ने 4 जून को करंजकला ब्लॉक पर एक मेडिकल की दुकान पर छापेमारी कर लगभग 12 लाख की सरकारी अस्पताल की दवा पकड़ी गई थी जिसमें सरकारी अस्पताल के तीन फार्मासिस्ट संगलिप्त पाए गए थे. एसडीएम द्वारा उनके खिलाफ शासन को पत्र लिखा गया था. उस मामले पर आज कार्रवाई करते हुए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक में तीन फार्मासिस्ट का निलंबन की कार्रवाई की गई साथ ही अस्पताल के सीएमएस के खिलाफ विभागीय जांच की बात कही है. इस कार्रवाई के बाद पूरे अस्पताल महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.

बता दें कि, यूपी सरकार की दवाएं आरएम मेडिकल स्टोर तक पहुंचने से पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. जो दवाएं मिली हैं, उनमें अधिकांश इसी जुलाई माह में एक्सपायर होने वाली थी. मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. अवैध दवाओं के इस काले खेल के पीछे पूरा रैकेट होने की आशंका है.

इस मामले में 2 सितंबर में एक निजी कार्यक्रम में आये प्रदेश के डिप्टी सीएम से पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा था कि शिकायतों की जांच कर जो भी दोषी है. उनके खिलाफ जांच कर जल्द कार्रवाई की जाएगी, जिस पर 5 दिन के अंदर स्वयं डिप्टी सीएम ने अपने ट्वीटर हैडल से ट्वीट कर जौनपुर के 3 फार्मसिस्टों को निलंबित और जौनपुर जिला अस्पताल के सीएमएस के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश करने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कम्प मच गया.

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एसडीएम सदर रहे हिमांशु नागपाल ने सरखावाजा पुलिस के साथ सिद्दीकपुर रोड स्थित मेडिकल स्टोर पर छापा मारा था. मेडिकल संचालक मौके से फरार हो गया. इस दौरान दुकान के भीतर भारी मात्रा में नार्कोटिक्स ड्रग्स की दस हजार टैबलेट, कैप्सूल, इंजेक्शन और यूपी सरकार की ‘नॉट फोर सेल’ लिखी दवाओं के सैकड़ों कैप्सूल बरामद किए गए.

उन्होंने ड्रग इंस्पेक्टर चंद्रेश चतुर्वेदी को इसकी सूचना दी तथा मौके पर पहुंचकर मेडिकल स्टोर को सील करने का आदेश दिया. मौके पर पहुंचे ड्रग इंस्पेक्टर चंद्रेश चतुर्वेदी दवाइयों की जांच के सैंपल लिए तथा उन्होंने बताया पकड़ी गईं. दवाओं की कीमत दस से 12 लाख रुपये से जायदा आंकी गई है.

भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाएं भी पकड़ी गईं थीं. आशंका है कि सभी दवाइयां जिला हॉस्पिटल से निर्गत की गई है. सभी दवाओं को जब्त कर संबंधित धाराओं में मेडिसिन स्टोर संचालक राजेश कुमार यादव के खिलाफ दवाईयों की जांच के बाद सरायख्वाजा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी.
इस मामले में सीएमएस डॉ. अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि जिला अस्पताल की सरकारी दवाई करंजकला एक मेडिकल स्टोर पर बेची जा रही थी, जिसकी शिकायत मेरे द्वारा जिला प्रशासन को दी गई और एसडीएम हिमांशु नागपाल ने मेडिकल स्टोर पर छापेमारी कर लगभग 12 लाख की दवाइयां पकड़ी गई थीं.

साथ ही सीएमएस ने बताया कि पूरी दवाएं अस्पताल की नहीं थी. अन्य ब्लाकों की भी दवाई थी लेकिन कार्रवाई तीन फार्मासिस्ट अखिलेश कुमार उपाध्याय, वीरेंद्र कुमार मौर्य और संजय सिंह पर की गई है. साथ ही हमारे ऊपर भी विभागीय जांच की बात कही जा रही है. सीएमएस ने यह भी बताया कि जो दवा पकड़ी गई थी. हम लोगों की शिकायत पर ही पकड़े गए थे, फिर भी हमारे खिलाफ विभागीय जांच की जा रही.
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