जौनपुरः कड़ाके की ठंड इंसानों के साथ-साथ गोवंशों को भी अपने जद में घसीट रही है. ठंड से बचने के लिए सरकार के तरफ से तमाम इंतजाम दिए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन नगरपालिका के अंतर्गत संचालित कृषि भवन की गौशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए किए गए उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं. इस गौशाला में इन दिनों 435 पशु पल रहे हैं.
कड़ाके की ठंड बनी काल
गौशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए अलाव जलाने और ऊपर से टाट के द्वारा घेराबंदी करने के निर्देश हैं, लेकिन वास्तविक स्थिति ये है कि सारे इंतजाम अधूरे ही हैं. सही इंतजाम न होने के कारण नगर पालिका के अंतर्गत संचालित गौशाला में ठंड से तीन पशुओं की मौत हो गई. इन पशुओं की मौत के बाद जहां नगर पालिका के अधिकारी इन्हें बुजुर्ग पशु बता रहे हैं, वहीं गौ-सेवक इंतजाम की कमी बता रहे हैं.
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नहीं है लकड़ी की पर्याप्त व्यवस्था
गौशाला में पशुओं की देखभाल करने वाले विकास यादव ने बताया कि ठंड से बचाने के लिए अलाव तो जलाए गए हैं, लेकिन पर्याप्त लकड़ी न होने के कारण हर जगह अलाव नहीं जलाया जा सकता. ठंड से कुल चार पशुओं की मौत हो चुकी है.
इतनी ज्यादा ठंड है कि घाटों पर इंसानों की लाशें लगातार जल रही हैं. यहां जो पशु मरे हैं वो बुजुर्ग हैं. पशुओं को ठंड से बचाने के लिए अलाव जलाए जा रहे हैं. पशुओं को ठंड से बचाने के लिए चारों तरफ से टाट पन्नी भी लगाई गई है.
-उमेश चंद्र, गोशाला प्रभारी