जौनपुर: जनपद के बक्सा थाना परिसर में पुलिस हिरासत के दौरान कृष्णा यादव उर्फ पुजारी की मौत के मामले में आरोपी 8 पुलिसकर्मियों में से तीन को राहत मिली है. सीबीआई की विशेष अदालत ने 3 आरोपियों की जमानत अर्जी मंजूर कर ली. बता दें कि तीनों ने सोमवार को ही न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था.
बता दें कि जिले के बक्शा थाना क्षेत्र में लूट के मामले में पुलिस ने 11 फरवरी 2021 को कृष्णा यादव को हिरासत में लिया था. पुलिस हिरासत में ही कृष्णा यादव की मौत हो गई थी. इस घटना में सीबीआई ने कुल 10 पुलिसकर्मियों को जेल भेजा था.
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने मामले की कल सुनवाई करते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों में सुरेश कुमार सिंह, राकेश कुमार राय व महेश सिंह की जमानत अर्जी मंजूर कर ली. मृतक पुजारी के भाई अजय यादव ने कहा कि उनकी सीबीआई के अधिकारी व हाईकोर्ट के अधिवक्ता से बातचीत हुई है. उनका कहना है कि ये तीनों पुजारी की हत्या में शामिल नहीं थे. इन्हें फर्जी तरीके से फंसाया गया था.
जांच करने वाली सीबीआई टीम का कहना है कि तीनों पर हत्या में अन्य आरोपित पुलिसकर्मियों को बचाने के लिए थाने की जनरल डायरी में हेरफेर करने का आरोप है. इनके खिलाफ कई धाराओं में आरोप पत्र दाखिल हुआ है.
मालूम हो कि बक्शा थाना क्षेत्र के चक मिर्जापुर गांव निवासी पुजारी यादव को गत 11 फरवरी 2021 को एसओजी प्रभारी पर्व कुमार सिंह व उनकी टीम पूछताछ के लिए बक्शा थाने ले गई थी. परिवार वालों आरोप है कि एसओजी टीम ने देर रात पुजारी के घर दबिश देकर 60 हजार रुपये भी लूट लिए थे. पुलिस कस्टडी में बर्बर पिटाई से पुजारी की मौत हुई थी. 12 फरवरी 2021 को मृतक के भाई अजय कुमार यादव ने एसओजी प्रभारी व थानाध्यक्ष सहित आठ पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई थी.
गत वर्ष आठ सितंबर को हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी. विवेचना के बाद सीबीआइ ने 11 पुलिसकर्मियों को हत्या व फर्जी दस्तावेज तैयार करने की साजिश आदि का आरोपी बनाया था. फर्जी दस्तावेज तैयार करने की साजिश का आठ लोगों को आरोपित बनाया गया है.
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परिजनों का आरोप है कि थाने में पिटाई से मौत हो जाने के बाद पुलिस ने शव जिला अस्पताल ले जाकर फेंक दिया था. कृष्णा यादव के पुलिस हिरासत में हत्या के मामले में परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस कस्टडी में बर्बर पिटाई से पुजारी की मौत हुई थी. गत वर्ष आठ सितंबर को हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी.
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