जौनपुर: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के मामले में रविवार को एक नया मोड़ सामने आया. उनके ऊपर अपहरण और जान से मारने की धमकी का आरोप लगाने वाले एसटीपी के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल अपने बयान से मुकर गए हैं. उन्होंने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके सहयोगी विक्रम सिंह पर अपहरण और धमकी देने का केस 10 मई को थाना लाइन बाजार में दर्ज कराया था. जिसके बाद पुलिस ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह और उनके साथी विक्रम को गिरफ्तार किया था. इस मामले में कोर्ट ने दोनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिसके बाद से दोनों जिला जेल में बंद है. उधर, वादी के अपने बयान से मुकर जाने पर अब राजनीति खेमे में चर्चा का बाजार गर्म है.
जौनपुर के पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता धनंजय सिंह के मामले में शुक्रवार को नया मोड़ सामने आया. जब उनके ऊपर मुकदमा दर्ज कराने वाला वादी ही अपने बयान से मुकर गया. 10 मई को पूर्व सांसद के ऊपर थाना लाइन बाजार में जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के द्वारा एक मुकदमा दर्ज कराया गया था. तहरीर दर्ज होने के कुछ ही घंटे बाद पुलिस ने पूर्व सांसद और उनके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया था. कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था.
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इस मामले पर जिला जज की कोर्ट में पूर्व सांसद की जमानत अर्जी पर 20 मई को सुनवाई होनी है. लेकिन इसी बीच केस दर्ज कराने वाले प्रोजेक्ट मैनेजर ने अपने अधिवक्ता क्रांति प्रकाश सिंह के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा है कि उनका पूर्व सांसद से कोई विवाद नहीं है. न तो उनकी ओर से रुपए की मांग की गई है न ही किसी भी प्रकार का कोई दबाव बनाया गया है. घटना के वक्त मानसिक तनाव और दबाव के कारण उन्होंने केस दर्ज कराया था. प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल के वकील ने कहा कि वादी अब इस मुकदमे को आगे नहीं चलाना चाहते. उन्होंने कोर्ट से मुकदमा आगे न चलाने की अपील की है.