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जौनपुर: मिलावट के चलते खोवे और छेने की मांग हुई कम, गुझिया और बेसन के लड्डू खरीद रहे ग्राहक

त्योहार आते ही बाजार में खाद्य पदार्थों में मिलावट की संभावना बढ़ जाती है. यूपी के जौनपुर में होली के त्योहार के मद्देनजर गुझिया व बेसन की बनी मिठाइयों की मांग बढ़ गई है. वहीं मिलावट के चलते खोवे व छेने की मांग कम हुई है.

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Published : Mar 8, 2020, 1:25 PM IST

जौनपुर: त्योहार आते ही बाजार में खाद्य पदार्थों में मिलावट की संभावना बढ़ जाती है. हर दुकान पर मिठाइयों की भरमार रहती है. वहीं त्योहार पर खुशियों के लिए मिठाइयों के चलन की परंपरा सदियों पुरानी है, लेकिन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अब लोग ऐसी मिठाइयों को पसंद करने लगे हैं, जिनमें मिलावट की संभावना कम हो. होली के मौके पर लोग गुझिया और बेसन की बनी हुई मिठाइयों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, क्योंकि इन मिठाइयों में मिलावट की संभावना कम होती है. जबकि खोवे और छेने की मिठाइयों की मांग सबसे कम है. बड़े दुकानदार भी अब लोगों की पसंद के अनुसार खोवे और छेने की मिठाइयां होली के अवसर पर कम बना रहे हैं.

कम हुई खोवे की मिठाइयों की मांग.

पसंद की जा रही गुझिया
होली के त्योहार के चलते बाजारों में काफी रौनक देखी जा रही है, क्योंकि अब लोग त्योहार पर खुशियां बांटने के लिए रंग गुलाल के साथ मिठाइयां भी खरीद रहे हैं. बिना मिठाइयों की किसी भी त्योहार में मिठास नहीं आती है. मिलावट की संभावना को देखते हुए अब लोग खोवे और छेने की मिठाइयों से दूरी बनाने लगे हैं, जबकि गुझिया और बेसन की मिठाइयों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

मिठाई के बड़े दुकानदार चंद्रेश साहू ने बताया की होली के मौके पर लोग गुझिया और बेसन की मिठाइयों की ज्यादा मांग कर रहे हैं, क्योंकि बाजारों में मिलावट को देखते हुए लोग ऐसी मिठाइयों को खाना चाहते हैं. मिठाई खरीदने पहुंचे शिक्षक सुरेश सिंह ने बताया कि वह मिठाई खरीदने आए हैं और उन्होंने बेसन की पपड़ी खरीदी है, क्योंकि इस मिठाई में मिलावट नहीं होती है.

इसे पढ़ें - 'नारी शक्ति पुरस्कार', इन महिलाओं को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

होली के मौके पर मिठाई खरीदने आए ग्राहक उत्कर्ष सिंह ने बताया कि त्योहार के मौके पर बाजार में मिठाइयों की कोई कमी नहीं रहती है, लेकिन दूध और खोवे की कमी हो जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि मिठाइयां कहां से बनती है. इसीलिए वह बेसन का लड्डू खरीद रहे हैं जिसमें मिलावट की संभावना बहुत कम होती है.

जौनपुर: त्योहार आते ही बाजार में खाद्य पदार्थों में मिलावट की संभावना बढ़ जाती है. हर दुकान पर मिठाइयों की भरमार रहती है. वहीं त्योहार पर खुशियों के लिए मिठाइयों के चलन की परंपरा सदियों पुरानी है, लेकिन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अब लोग ऐसी मिठाइयों को पसंद करने लगे हैं, जिनमें मिलावट की संभावना कम हो. होली के मौके पर लोग गुझिया और बेसन की बनी हुई मिठाइयों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, क्योंकि इन मिठाइयों में मिलावट की संभावना कम होती है. जबकि खोवे और छेने की मिठाइयों की मांग सबसे कम है. बड़े दुकानदार भी अब लोगों की पसंद के अनुसार खोवे और छेने की मिठाइयां होली के अवसर पर कम बना रहे हैं.

कम हुई खोवे की मिठाइयों की मांग.

पसंद की जा रही गुझिया
होली के त्योहार के चलते बाजारों में काफी रौनक देखी जा रही है, क्योंकि अब लोग त्योहार पर खुशियां बांटने के लिए रंग गुलाल के साथ मिठाइयां भी खरीद रहे हैं. बिना मिठाइयों की किसी भी त्योहार में मिठास नहीं आती है. मिलावट की संभावना को देखते हुए अब लोग खोवे और छेने की मिठाइयों से दूरी बनाने लगे हैं, जबकि गुझिया और बेसन की मिठाइयों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं.

मिठाई के बड़े दुकानदार चंद्रेश साहू ने बताया की होली के मौके पर लोग गुझिया और बेसन की मिठाइयों की ज्यादा मांग कर रहे हैं, क्योंकि बाजारों में मिलावट को देखते हुए लोग ऐसी मिठाइयों को खाना चाहते हैं. मिठाई खरीदने पहुंचे शिक्षक सुरेश सिंह ने बताया कि वह मिठाई खरीदने आए हैं और उन्होंने बेसन की पपड़ी खरीदी है, क्योंकि इस मिठाई में मिलावट नहीं होती है.

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होली के मौके पर मिठाई खरीदने आए ग्राहक उत्कर्ष सिंह ने बताया कि त्योहार के मौके पर बाजार में मिठाइयों की कोई कमी नहीं रहती है, लेकिन दूध और खोवे की कमी हो जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि मिठाइयां कहां से बनती है. इसीलिए वह बेसन का लड्डू खरीद रहे हैं जिसमें मिलावट की संभावना बहुत कम होती है.

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