जौनपुर: जिले के मोहिद्दीनपुर के निवासी ऋषि यादव ने ऐसा काम किया है कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उनके मुरीद हो गए हैं. लॉकडाउन के दौरान ऋषि यादव ने असहाय और गरीब बच्चों को दूध पहुंचाने का बीड़ा उठाया. इस दौरान बच्चों से उनका लगाव ऐसा हुआ कि उन्होंने इस काम को एक कदम आगे बढ़ा दिया. लॉकडाउन के दौरान सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया था कि स्कूल बंद हो जाने के कारण बच्चों को मिड-डे-मील नहीं मिल रहा है, जिससे काफी बच्चों को असुविधा हो रही है. सपा के कार्यकर्ता ऋषि यादव ने इस बात से प्रेरित होकर कुटिया का निर्माण कर दिया. उन्होंने इस कुटिया को समाजवादी कुटिया के नाम से शुरू कर दिया.
अखिलेश यादव ने वीडियो कॉल के जरिए बच्चों से की थी बात
लॉकडाउन के शुरुआती दौर में इस कुटिया में गरीब और असहाय बच्चों को राशन और दूध की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाती थी. धीरे धीरे ऋषि यादव ने इस कुटिया को वृहद रूप देना शुरू कर दिया. बच्चों का पठन-पाठन बाधित हो रहा था तो उन्होंने बच्चों की पढ़ाई लिखाई की भी जिम्मेदारी उठा ली. उन्होंने नि:शुल्क अपनी समाजवादी कुटिया पर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया. वर्तमान में समाजवादी कुटिया में लगभग ढाई सौ बच्चे पढ़ने आते हैं. यहां पर उनके लिए राशन की भी व्यवस्था की जाती है. इस बात की जानकारी जब अखिलेश यादव को हुई तो उन्होंने ऋषि के इस कदम को खूब सराहा. इस दौरान अखिलेश यादव ने वीडियो कॉल के जरिए समाजवादी कुटिया में पढ़ रहे बच्चों से भी बात की. वीडियो कॉल में अखिलेश यादव ने बच्चों से समाजवादी कुटिया पर आने का वादा कर दिया. इतना ही नहीं बल्कि अखिलेश यादव ने मदद के तौर पर यहां के बच्चों के लिए कॉपी किताब से लेकर बैग की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई है. इससे समाजवादी कुटिया में पढ़ने वाले छात्र बेहद खुश नजर आते हैं.
राशन की भी रहती है व्यवस्था
समाजवादी कुटिया के संचालक ऋषि यादव बताते हैं कि इस बात के लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनको प्रेरित किया. अब बच्चों से उनका लगाव इस कदर हो गया है कि वह दिन-रात बच्चों की व्यवस्था के लिए जुटे रहते हैं. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में अखिलेश यादव के आह्वान पर उन्होंने इस कुटिया का संचालन शुरू किया. इस कुटिया से आसपास के कई परिवारों को लाभ मिलता है. जो परिवार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं हैं, उनके बच्चे यहां पर आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं और इसके साथ-साथ उनके राशन की भी व्यवस्था की जाती है.