जौनपुर: जल शक्ति मंत्रालय के अधीन पूरे देश में अब जल संरक्षण का काम तेजी से शुरू हो गया है. हर साल बारिश का पानी बड़ी मात्रा में नालियों में बहकर बर्बाद हो जाता था, लेकिन इस बार मंत्रालय की पहल के चलते वाटर हार्वेस्टिंग को सरकारी इमारतों से लेकर व्यवसायिक इमारतों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है. जिले में न्याय पंचायत स्तर पर 1749 विद्यालयों में बारिश के जल के संरक्षण का काम शुरू हो गया है. इन विद्यालयों में अब बारिश के पानी को सीधे भूगर्भ में पहुंचाया जाएगा, जिससे भूमिगत जलस्तर रिचार्ज होगा.
- जल शक्ति मंत्रालय के निर्देशानुसार अब जल के संरक्षण का काम तेजी से चल रहा है.
- जिले में भी जल के संरक्षण के लिए जहां छोटे चेकडैम बनाए जा रहे हैं.
- वहीं न्याय पंचायत स्तर पर प्राथमिक विद्यालयों में जल संरक्षण के लिए गड्ढे बनाए जा रहे हैं.
- जिले के 1749 प्राथमिक विद्यालयों को इसके लिए चुना गया है जहां पर बारिश के पानी को सीधे भूगर्भ में पहुंचाया जाएगा.
- हर साल बड़ी मात्रा में बारिश का पानी संरक्षण न हो पाने की वजह से बर्बाद हो जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा.
- स्कूलों में बारिश के पानी के संरक्षण से बच्चे भी सीख सकेंगे, जिससे वे अपने घरों में पानी के संरक्षण का प्रयास करेंगे.