जौनपुर: बरसठी थाना क्षेत्र के निगोह में सोमवार को काफी संख्या में लोग एक धर्म की पूजा को लेकर इकट्ठा हुए. इसकी सूचना पर बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने पूजा स्थल के व्यवस्थापक से बात की और पूजा को बंद करा दिया. वहीं, व्यवस्थापक ने पुलिस को एक हाईकोर्ट का आदेश दिखाया, जिसमें लिखा था कि पूजा का अधिकार सभी को है. पूजा करने से किसी को रोका नहीं जा सकता. इनकी पूजा पाठ में किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न न किया जाए. इसके बाद पुलिस व्यवस्थापक को हिदायत देकर चली गई.
इस मामले में एसपी ग्रामीण डॉक्टर शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने मौके पर जाकर व्यवस्थापक भरत लाल से बात की. भरत लाल ने बताया कि हम यहां पर सिर्फ पूजा पाठ करते हैं. लेकिन, भरत लाल के बयान से विरोधाभास भी सामने आया है. बात करते समय उन्होंने अपना नाम भारत लाल गौतम बताया है, जबकि वहां पर एक सर्टिफिकेट लिखा मिला. इसमें भरत लाल ईसाई के रूप में दर्शाया गया है. इस पर व्यवस्थापक ने अपने आपको अनभिज्ञ बताते हुए कहा कि हम लोग यहां पर भारी संख्या में इकट्ठा होते हैं और यह पूजा पाठ 2004 से चल रहा है.
2019 में इनके द्वारा हाईकोर्ट का एक आदेश लाया गया. इसमें इनको पूजा-पाठ से रोकने के लिए मना किया गया है, जबकि इस तरह के धर्मांतरण का खेल पूजा-पाठ के आड़ में ही किया जाता है. जबकि, इस मामले में जब एसपी ग्रामीण डॉक्टर शैलेंद्र कुमार सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस गई थी और जांच कर वहां के लोगों से पूछताछ की गई कि किसी प्रकार के लालच में तो लोग नहीं आए थे. यह लोग पूजा पाठ करने के लिए इकट्ठा हुए थे. पुलिस ने पूजा बंद करा दी.
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इस मामले में मीडिया को जवाब देते हुए एसपी ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर सोमवार को पुलिस बरसठी थाना क्षेत्र के निगोह में गई थी. वहां बजरंग दल और ग्रामीणों की शिकायत मिली थी कि कुछ लोग धर्म परिवर्तन कर रहे हैं. इसकी सूचना पर बरसठी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की. जांच में पुलिस ने बताया कि वहां पर पूजा पाठ किया जाता है. वहीं, इस कार्यक्रम की व्यवस्था पर भरत लाल ने बताया कि 2004 से वह पूजा पाठ करते हैं और 2019 में उन्होंने एक हाईकोर्ट से आदेश भी कराया था. इसमें पूजा-पाठ को लेकर उन्हें किसी प्रकार से कोई परेशान न करने की बात भी कही गई थी. वहीं, स्थानीय पुलिस ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं के आक्रोश को देखते हुए सोमवार को पूजा-पाठ पर रोक लगा दी थी.