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जौनपुर: सालों से खराब अस्पताल का लिफ्ट, मरीज और दिव्यांग हो रहे परेशान - लिफ्ट खराब होने से मरीज हुए परेशान

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के जिला अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला अस्पताल का लिफ्ट कई सालों से खराब होने के कारण डायलिसिस कराने वाले मरीजों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

लिफ्ट खराब होने से मरीज हुए परेशान
लिफ्ट खराब होने से मरीज हुए परेशान
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Published : Feb 1, 2020, 10:51 AM IST

Updated : Feb 1, 2020, 11:38 AM IST

जौनपुर: जिला अस्पताल की लिफ्ट सालों से खराब होने के कारण डायलिसिस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में तीमारदारों को मरीजों को ले जाने में काफी समस्याएं उठानी पड़ती है. खासकर दिव्यांग मरीजों को काफी परेशानी होती है.

लिफ्ट खराब होने से मरीज हुए परेशान.

दरअसल, शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में मरीजों के लिए प्रदेश सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत डायलिसिस की व्यवस्था कराई थी. इसमें जनपद ही नहीं आसपास के लोग भी डायलिसिस कराने के लिए आते हैं. सरकार ने गरीब मरीजों के लिए निःशुल्क डायलिसिस की व्यवस्था पीपीपी मॉडल पर कराई है. 10 बेड के डायलिसिस सेंटर पर मरीज एक महीने पहले से ही नंबर लगवाना शुरू कर देते हैं.

हालांकि डायलिसिस कराने वाले मरीजों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. डायलिसिस की व्यवस्था जिला अस्पताल के सेकंड फ्लोर पर की गई है. सेकेंड फ्लोर पर आने-जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह लिफ्ट कई सालों से खराब पड़ी है, जिस कारण तीमारदारों को मरीजों को ले जाने में काफी समस्याएं उठानी पड़ती हैं. मरीजों को दूसरे मंजिल पर स्थित सेंटर पर स्ट्रेचर के सहारे या किसी तरह पकड़ कर ले जाया जाता है.

डायलिसिस सेंटर में तैनात राकेश सिंह ने बताया कि हम लोग कभी भी लिफ्ट को चालू अवस्था में अभी तक नहीं देखे हैं. डायलिसिस मरीजों की समस्याओं पर उन्होंने कहा कि मरीज को आने-जाने में समस्या होती है, जो मरीज चलने की स्थिति में होता है, वह चल कर आता है, नहीं तो मरीज व्यवस्था करके आते हैं.

अभी मुझे यहां आए सात दिन हुआ है. मैं यहां ट्रांसफर होकर आया हूं. लिफ्ट में समस्या थी, जिसे बनाने के लिए दिया गया था और वह बन गया है. फिहलाल हम लोगों को हैंडओवर नहीं किया गया है. एक-दो दिन बाद मैं हैंडओवर करने के लिए पत्र लिखा है.
-ए.के शर्मा, सीएमएस, जिला चिकित्सालय

जौनपुर: जिला अस्पताल की लिफ्ट सालों से खराब होने के कारण डायलिसिस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में तीमारदारों को मरीजों को ले जाने में काफी समस्याएं उठानी पड़ती है. खासकर दिव्यांग मरीजों को काफी परेशानी होती है.

लिफ्ट खराब होने से मरीज हुए परेशान.

दरअसल, शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में मरीजों के लिए प्रदेश सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत डायलिसिस की व्यवस्था कराई थी. इसमें जनपद ही नहीं आसपास के लोग भी डायलिसिस कराने के लिए आते हैं. सरकार ने गरीब मरीजों के लिए निःशुल्क डायलिसिस की व्यवस्था पीपीपी मॉडल पर कराई है. 10 बेड के डायलिसिस सेंटर पर मरीज एक महीने पहले से ही नंबर लगवाना शुरू कर देते हैं.

हालांकि डायलिसिस कराने वाले मरीजों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. डायलिसिस की व्यवस्था जिला अस्पताल के सेकंड फ्लोर पर की गई है. सेकेंड फ्लोर पर आने-जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह लिफ्ट कई सालों से खराब पड़ी है, जिस कारण तीमारदारों को मरीजों को ले जाने में काफी समस्याएं उठानी पड़ती हैं. मरीजों को दूसरे मंजिल पर स्थित सेंटर पर स्ट्रेचर के सहारे या किसी तरह पकड़ कर ले जाया जाता है.

डायलिसिस सेंटर में तैनात राकेश सिंह ने बताया कि हम लोग कभी भी लिफ्ट को चालू अवस्था में अभी तक नहीं देखे हैं. डायलिसिस मरीजों की समस्याओं पर उन्होंने कहा कि मरीज को आने-जाने में समस्या होती है, जो मरीज चलने की स्थिति में होता है, वह चल कर आता है, नहीं तो मरीज व्यवस्था करके आते हैं.

अभी मुझे यहां आए सात दिन हुआ है. मैं यहां ट्रांसफर होकर आया हूं. लिफ्ट में समस्या थी, जिसे बनाने के लिए दिया गया था और वह बन गया है. फिहलाल हम लोगों को हैंडओवर नहीं किया गया है. एक-दो दिन बाद मैं हैंडओवर करने के लिए पत्र लिखा है.
-ए.के शर्मा, सीएमएस, जिला चिकित्सालय

Intro:जौनपुर | जिले के जिला चिकित्सालय में गरीब मरीजों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत डायलिसिस की व्यवस्था की गई है. जिसमें जनपद ही नहीं आसपास के लोग भी डायलिसिस कराने के लिए आते हैं. डायलिसिस कराने वाले मरीजों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. डायलिसिस की व्यवस्था जिला हॉस्पिटल के सेकंड फ्लोर पर किया गया है जबकि आने जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था की गई है पर लिफ्ट कई सालों से खराब होने के कारण मरीज एवं उनके तीमारदारों को मरीजों को ले जाने में काफी समस्याएं उठानी पड़ती है.

Body:वीओ - जिले के शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सलाय में यूपी सरकार ने गरीब मरीज को निःशुल्क डायलिसिस की व्यवस्था पीपीपी मॉडल पर किया गया है. 10 बेड के डायलिसिस सेंटर पर मरीजों की संख्या एक महीना के पहले से नम्बर लगी रहती है. यहां आने वाले मरीजों को लिफ्ट बंद मिलने से काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. जिसके कारण लोग दूसरे मंजिल में स्थित सेंटर पर स्ट्रेचर के सहारे या किसी तरह पकड़ कर ले जाया जाता है. जिससे लोग परेशानी का सामना करते है.
डायलिसिस सेंटर में तैनात राकेश सिंह ने बताया कि हम लोग कभी भी लिफ्ट को चालू अवस्था में नहीं देखे हैं. लिफ्ट यहां काम ही नहीं करता है.
डायलिसिस मरीजों की समस्याओं पर बताते हुए कहा कि मरीज को तो समस्या होती ही आने में पर मजबूरी है उनको व्यवस्था करके आते है. जो चलने लायक स्थिति में मरीज है वह चल कर आते हैं नहीं तो वह व्यवस्था कर कर आते हैं.

Conclusion:जब पूरे मामले में सीएमएस ए.के शर्मा से बात किया गया तो उनका कहना था कि अभी मुझे सात दिन हुआ है ट्रांसफर हो कर आया हूं. लिफ्ट में समस्या थी जिसे बनाने के लिए दिया गया था वह बन गया है पर अभी हम लोगों को हैंडओवर नहीं किया गया है. एक-दो दिन बाद मैं हैंड ओवर करने के लिए पत्र लिखूंगा.

बाईट - राकेश सिंह ( डायलिसिस कर्मचारी)

बाईट - ए. के शर्मा ( सीएमएस, जिला चिकित्सालय)

Notes - खबर रैप से भेजी गई है

Thanks & Regards
Surendra Kumar Gupta
8052323232, 7007513292
Last Updated : Feb 1, 2020, 11:38 AM IST
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