जौनपुर: जिला अस्पताल की लिफ्ट सालों से खराब होने के कारण डायलिसिस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में तीमारदारों को मरीजों को ले जाने में काफी समस्याएं उठानी पड़ती है. खासकर दिव्यांग मरीजों को काफी परेशानी होती है.
दरअसल, शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में मरीजों के लिए प्रदेश सरकार ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत डायलिसिस की व्यवस्था कराई थी. इसमें जनपद ही नहीं आसपास के लोग भी डायलिसिस कराने के लिए आते हैं. सरकार ने गरीब मरीजों के लिए निःशुल्क डायलिसिस की व्यवस्था पीपीपी मॉडल पर कराई है. 10 बेड के डायलिसिस सेंटर पर मरीज एक महीने पहले से ही नंबर लगवाना शुरू कर देते हैं.
हालांकि डायलिसिस कराने वाले मरीजों को आने-जाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. डायलिसिस की व्यवस्था जिला अस्पताल के सेकंड फ्लोर पर की गई है. सेकेंड फ्लोर पर आने-जाने के लिए लिफ्ट की व्यवस्था की गई है, लेकिन यह लिफ्ट कई सालों से खराब पड़ी है, जिस कारण तीमारदारों को मरीजों को ले जाने में काफी समस्याएं उठानी पड़ती हैं. मरीजों को दूसरे मंजिल पर स्थित सेंटर पर स्ट्रेचर के सहारे या किसी तरह पकड़ कर ले जाया जाता है.
डायलिसिस सेंटर में तैनात राकेश सिंह ने बताया कि हम लोग कभी भी लिफ्ट को चालू अवस्था में अभी तक नहीं देखे हैं. डायलिसिस मरीजों की समस्याओं पर उन्होंने कहा कि मरीज को आने-जाने में समस्या होती है, जो मरीज चलने की स्थिति में होता है, वह चल कर आता है, नहीं तो मरीज व्यवस्था करके आते हैं.
अभी मुझे यहां आए सात दिन हुआ है. मैं यहां ट्रांसफर होकर आया हूं. लिफ्ट में समस्या थी, जिसे बनाने के लिए दिया गया था और वह बन गया है. फिहलाल हम लोगों को हैंडओवर नहीं किया गया है. एक-दो दिन बाद मैं हैंडओवर करने के लिए पत्र लिखा है.
-ए.के शर्मा, सीएमएस, जिला चिकित्सालय